scorecardresearch

ब्रिटेन में जगह-जगह मूर्तियों के गले में बांधे जा रहे हैं बेबी टॉय, Paternity Leave से जुड़ा है लिंक... जानें अलग-अलग देशों में क्या हैं नियम

मौजूदा समय में ब्रिटेन में पिताओं को केवल दो सप्ताह की पैटर्निटी लीव मिलती है. कई लोग पैसों के चक्कर में पैटर्निटी लीव छोड़ देते हैं. वहीं अगर कोई पैटर्निटी लीव लेता है तो दो में से एक परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है. अब इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए ये आंदोलन चलाया जा रहा है.

Credit: Instagram/@Mamamia_Family Credit: Instagram/@Mamamia_Family
हाइलाइट्स
  • ब्रिटेन में चल रहा है आंदोलन

  • भारत में दो हफ्ते की पैटर्निटी लीव  

बच्चे को संभालने की जिम्मेदारी अक्सर मां के ऊपर आ जाती है. लेकिन अब ये बदल रहा है. अब पिता भी बच्चे के साथ समय बिताना चाहते हैं. लंदन में इसी को लेकर एक आंदोलन तक चल पड़ा है. प्रसिद्ध पुरुषों की कांस्य की मूर्तियों पर बेबी टॉयज स्लिंग में लटकाए जा रहे हैं. इंजीनियर इसाम्बार्ड किंगडम ब्रुनेल से लेकर एक्टर जीन केली, और फुटबॉलर थियरी हेनरी तक की मूर्तियां पर भी बेबी टॉय लटकाए जा रहे हैं. 

दरअसल, इस आंदोलन के पीछे Dad Shift ग्रुप के लोग शामिल हैं. ये नवजात शिशुओं के साथ जुड़ने के लिए पिताओं के अधिकारों की वकालत कर रहे हैं. ये पूरी लड़ाई पैटर्निटी लीव को लेकर है. 

मौजूदा समय में पिताओं को केवल दो सप्ताह की पैटर्निटी लीव मिलती है, जिसमें प्रति सप्ताह मात्र £184.03 (20,459 रुपये) की पेमेंट की जाती है. यह राशि कई परिवारों के लिए अपर्याप्त है, जिसकी वजह से लगभग तीन में से एक पिता पैटर्निटी लीव छोड़ देते हैं. वहीं अगर कोई पैटर्निटी लीव लेता है तो दो में से एक परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है. अब इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए ये आंदोलन चलाया जा रहा है. 

सम्बंधित ख़बरें

दुनिया भर में पैटर्निटी लीव 
वैश्विक रूप से, कई देश पैटर्निटी लीव को मान्यता दे रहे हैं. यूरोप से एशिया तक भले ही पॉलिसी अलग-अलग हों लेकिन ज्यादातर देश पेरेंटल लीव की ओर बढ़ रहे हैं. 

1. लिथुआनिया  
लिथुआनिया में पैटर्निटी लीव दूसरे देशों से बेहतर है. इसमें पिताओं को आंशिक वेतन के साथ 30 दिनों की छुट्टी मिलती है. इसके अलावा, पिताओं को 36 महीनों तक साझा पैरेंटल लेवल का उपयोग करने की अनुमति दी जाती है, जिससे दोनों माता-पिता बच्चे की देखभाल कर सकते हैं. 

2. जापान  
जापान को अक्सर पैटर्निटी लीव पॉलिसी के लिए एक मॉडल के रूप में सराहा जाता है. पिताओं को एक साल की पूरी पेमेंट का अधिकार है. इसमें पहले छह महीने कर्मचारी को नियमित सैलरी का 67% और शेष छह महीने 50% पेमेंट की जाती है. इसकी मदद से मां के साथ पिता भी कुछ समय अपने बच्चे के साथ बिता सकते हैं. 

3. स्वीडन  
स्वीडन, भी अपनी  पॉलिसी के लिए जाना जाता है. यहां माता-पिता को 480 दिनों की साझा पैरेंटल लीव मिलती है. इसे दोनों माता-पिता के बीच बांटा जा सकता है.  इस दौरान पिता को नियमित वेतन का 80% भुगतान किया जाता है.

4. आइसलैंड
आइसलैंड ने हाल ही में अपनी पेरेंटल लीव पॉलिसी को 12 महीने की छुट्टी दी है. इसे मां और पिता के बीच समान रूप से बांटा गया है. माता-पिता एक दूसरे को एक महीने तक की छुट्टी ट्रांसफर कर सकते हैं. इस दौरान कर्मचारी को सैलरी का 80% भुगतान किया जाता है. 

5. स्लोवेनिया
स्लोवेनियाई पिताओं को 12 सप्ताह की पैटर्निटी लीव मिलती है. इसमें पहले दो सप्ताह उनके वेतन का 100% भुगतान किया जाता है, और बचे हुए 10 सप्ताह कम वेतन दिया जाता है. 

6. नॉर्वे  
नॉर्वे पिताओं को 100% वेतन पर 15 सप्ताह या 80% वेतन पर 19 सप्ताह की पैटर्निटी लीव चुनने की अनुमति देता है. इस पॉलिसी का मकसद है कि माता और पिता दोनों बच्चे की देखभाल हाथ बटाएं. 

7. कनाडा
कनाडा पिताओं को 55% वेतन पर पांच सप्ताह की पैटर्निटी लीव देता है. 

8. फ्रांस  
फ्रांस ने कुछ समय पहले ही पैटर्निटी लीव को दो से चार सप्ताह तक दोगुना कर दिया है. कई मामलों में पिताओं को अलग से भी छुट्टियां दी जाती हैं. 

9. पुर्तगाल
पुर्तगाल पिताओं को 20 दिनों की पैटर्निटी लीव देता है, इसे अतिरिक्त पांच दिनों के लिए बढ़ाया जा सकता है. इस छुट्टी में पूरी पेमेंट दी जाती है. 

10. एस्टोनिया  
एस्टोनियाई पिताओं को दो सप्ताह की पेमेंट मिलती है. इसके अलावा, वे पेरेंटल लीव ले सकते हैं. सरकार दोनों माता-पिता को देखभाल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है. 

भारत में पैटर्निटी लीव  
भारत, कई दूसरे देशों की तरह, मैटरनिटी लीव पर ज्यादा फोकस करता है, बजाय पैटर्निटी लीव के. हालांकि, जैसे-जैसे बच्चों की देखभाल में पिता भी जुड़ रहे हैं, इन नीतियों में बदलाव हो रहा है. वर्तमान में, केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को पाटर्निटी लीव के रूप में 15 दिनों की छुट्टी देती है. इसे बच्चे के जन्म के छह महीनों के भीतर लिया जाना होता है. हालांकि, जापान या स्वीडन जैसे देशों की नीतियों की तुलना में यह बढ़ कम है. इसके अलावा, भारत में कॉर्पोरेट क्षेत्र के कर्मचारियों को कोई वैधानिक रूप से पैटर्निटी लीव नहीं मिलती है. हालांकि कुछ कंपनियों ने इसे अपनी कॉर्पोरेट पॉलिसी में पेश करना शुरू कर दिया है.