
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद से अदालतों ने कई उग्रवादी नेताओं को जमानत दी है. 2004 के ग्रेनेड हत्याकांड मामले में फांसी की सजा पाने वाले बीएनपी के उपाध्यक्ष अब्दुस सलाम पिंटू को कुछ दिन पहले जमानत मिल गई. बीएनपी चेयरमैन तारिक रहमान को भी जमानत मिल चुकी है. लेकिन चिन्मय दास की जमानत याचिका खारिज कर दी गई.
इस वक्त बांग्लादेश की न्याय प्रक्रिया पर कट्टरवादी सोच हावी है. यही वजह है कि चिन्मय प्रभु की जमानत याचिका खारिज कर दी गई. यानी चिन्मय दास को अभी जेल में ही रहना होगा. लेकिन उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में हैरत वाला मंजर दिखा. वकीलों ने जबरदस्त नारेबाजी की. साथ ही धार्मिक नारे लगाए गए.
क्यों किया गया गिरफ्तार
चिन्मय दास पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का फर्जी आरोप है. इस मामले में राजद्रोह का केस दर्ज करके उन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया गया था. गुरुवार को चटगांव सेशन कोर्ट के जज सैफुल इस्लाम ने दोनों पक्षों को सुना. हालांकि चिन्मय दास की तरफ से बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के 11 वकीलों ने पैरवी की. लेकिन इसके बावजूद उन्हें राहत नहीं मिली.
क्यों खारिज हुई याचिका
इंसाफ के नाम पर बांग्लादेश में जो तमाशा हो रहा है, उसे समझना मुश्किल नहीं. 3 दिसंबर 2024 को जज सैफ-उल इस्लाम ने चिन्मय प्रभु की याचिका इसलिए खारिज कर दी थी क्योंकि याचिका दायर करने वाले वकील के पास चिन्मय प्रभु की ओर से वकालतनामा नहीं था. यानी जमानत के लिए दो याचिकाओं को बिना सुनवाई के ही खारिज किया गया था. इस बार गनीमत ये रही कि चिन्मय दास के वकीलों को अपना पक्ष रखने का मौका मिला. लेकिन दलीलों को अदालत ने नहीं माना. जज ने कहा कि राजद्रोह के मामले में जमानत नहीं हैं. हालांकि इस मामले में अदलात में कोई सबूत पेश नहीं किया गया है.
लगाए जा रहे तरह-तरह के हथकंडे
हिन्दू संत चिन्मय दास कट्टरपंथी संगठनों के निशाने पर हैं और यही वजह है कि उनको जमानत देने में तरह-तरह के पेंच लगाए जा रहे हैं. यहां तक कि उनके वकील पर भी हमला किया गया. पहले वकील शुभाशीष शर्मा गिरफ्तारी से बचने के लिए लंबे समय से छिपे हुए हैं. एक दूसरे वकील रवींद्र दास सीने में दर्द होने की वजह से कोलकाता के अस्पताल में भर्ती हैं. उनकी गैरमौजूदगी में भी वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य और 11 वकीलों की एक टीम ने जमानत मामले की पैरवी की. मगर इसका फायदा नहीं हुआ.