Sheikh Hasina: बंग्लादेश में 5 अगस्त 2024 यानी सोमवार को सत्ता में बड़ा उलटफेर हो गया. सोमवार को बंग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है.
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना बंग्लादेश छोड़कर भारत पहुंच चुकी हैं. माना जा रहा है कि शेख हसीना भारत में नहीं रुकेंगी. भारत के बाद शेख हसीना किसी दूसरे देश के लिए उड़ान भरेंगी.
सूत्रों के अनुसार, बंग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शरण लेने के लिए लंदन को चुना है. भारत में कुछ समय ठहरने के बाद शेख हसीना नई दिल्ली से लंदन के लिए फ्लाइट लेंगी.
बंग्लादेश के हालात
देश को दिए गए संबोधन में बंग्लादेश आर्मी के चीफ वकर-उज़-जमान ने कहा कि सेना पॉलिटिकल लीडर्स की मदद से अंतरिम सरकार का गठन करेगी.
बीते कई हफ्तों से बंग्लादेश में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स सरकारी नौकरी में आरक्षण के फैसले का विरोध कर रहे थे. इसी दौरान शेख हसीना ने आंदोलन करने वालों को रजाकार बताया था. इससे बंग्लादेश में आंदोलन और उग्र हो गया.
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, बीते रविवार को हुई हिंसा में लगभग 300 लोगों की मौत हुई. स्टूडेंट्स के उग्र आंदोलन को देखते हुए सोमवार को शेख हसीना ने अपनी बहन शेख रेहाना के साथ बंग्लादेश को छोड़ दिया. माना जा रहा है कि शेख हसीना लंदन में शरण लेंगी.
क्या है शरण?
यूनाइटेड नेशन्स ह्मून राइट्स काउंसिल(UNHRC) ने शरण को डिफाइन किया है. यूएनएचआरसी के मुताबिक, ऐसे लोगों को शरण दी जाती है जिनको परेशान किया जा रहा हो. अगर धमकी दी जा रही हो तो भी शरण मिल सकती है. इसमें ये भी बताया गया है किसी भी शख्स को शरण तभी मिलेगी जब उसके साथ पहले ऐसा कभी हुआ हो.
कौन हैं शरण मांगने वाले?
शरण मांगने वाले लोगों को माइग्रेंट्स और रिफ्यूजी भी कहा जाता है. रिफ्यूजी से संबंधित यूनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन्स के मुताबिक, ऐसे व्यक्ति जो रंग, धर्म और पॉलिटिकल ओपिनियन को लेकर सताने पर अपने देश से बाहर हों.
साल 2021 के अंत तक दुनिया भर में लगभग 89.3 मिलियन लोगों को जबरन विस्थापित किया गया. इनमें से 27.2 मिलियन लोग रिफ्यूजी थे और 53.2 मिलियन लोग अपने मूल देश के अंदर विस्थापित हुए.
रिफ्यूजी काउंसिल की वेबसाइट(Refugeecouncil.org.uk) के मुताबिक, दुनिया भर के 72% रिफ्यूजी अपने देश के पड़ोसी देश में रह रहे हैं.
साल 2021 में, पूरी दुनिया में दो-तिहाई रिफ्यूजी सिर्फ 5 देशों से आए. इन पांच देशों में सीरिया(6.8 मिलियन), वेनेजुएला(4.6 मिलियन), अफगानिस्तान(2.7 मिलियन), दक्षिणी सूडान(2.4 मिलियन) और म्यांमार(1.2 मिलियन) शामिल है.
भारत में रिफ्यजी
साल 2022 के अंत तक भारत में 4.05 लाख रिफ्यूजी थे. इसमें से 2,13,578 रिफ्यूजी सरकार के पास रजिस्टर्ड हैं जो अलग-अलद कैंप्स में रह रहे हैं. वहीं इंडिया में 1,60,085 ऐसे रिफ्यूजी हैं जो रजिस्टर्ड नहीं हैं.
भारत शेख हसीना को पहले भी शरण दे चुका है. शेख हसीना ने अपनी जिंदगी के 6 साल भारत में बिताए. साल 1975 में शेख मुजिबुर रहमान की हत्या के बाद शेख हसीना ने अपनी फैमिली के साथ दिल्ली में शरण ली थी. शेख हसीना दिल्ली में साल 1981 तक रहीं थीं. शेख हसीना दिल्ली में पंडारा रोड पर एक रेजिडेंस में रहती थीं.
शरण मांगने वालीं फेमस शख्सियत
बॉबी फिशर
साल 1992 में आइसलैंड ने अमेरिका के पूर्व चेस खिलाड़ी बॉबी फिशर को शरण देने की पेशकश रखी थी. दरअसल, उस समय अमेरिका के रिश्ते युगोस्लाविया से खराब चल रहे थे. बॉबी फिशर ने युगोस्लाविया में एक चेस मैच खेला. इस वजह से अमेरिका ने बॉबी फिशर को देशद्रोही घोषित कर दिया.
एडवर्ड स्नोडेन
साल 2020 में रूस ने अमेरिका के व्हिसल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन को रूस में परमानेंट रहने का अधिकार दिया. स्नोडेन साल 2013 में सीक्रेट फाइल लीक करने के बाद अमेरिका से भाग गए थे. इसके बाद रूस ने एडवर्ड स्नोडेन को शरण दी थी.
जूलियन असांजे
जूलियन असांजन एक अमेरिकी शख्स हैं और विकीलीक्स नाम की वेबसाइट चलाते थे. जूलियन असांजे पर रेप का आरोप था. जूलियन अंसाजे पर सीक्रेट फाइल शेयर करने का भी आरोप था. स्वीडन प्रत्यर्पण से बचने के लिए साल 2012 में लंदन में इक्वाडोर एंबेसी से जूलियन असांजे ने शरण मांगी थी.
निकोला ग्रुवेस्की
मैसेडोनिया के पूर्व प्रधानमंत्री निकोला ग्रुवेस्की ने अपने देश से भागकर हंगरी में शरण मांगी थी. कहा जाता है कि मैसेडोनिया के पूर्व प्रधानमंत्री निकोला ग्रुवेस्की ने भ्रष्टाचार के दोष पाए जाने पर दो साल की सजा से बचने लिए शरण मांगी थी. इसके अलावा पेरु के पूर्व राष्ट्रपति एलन गार्सिया ने भी उरुग्वे एंबेसी से राजनीतिक शरण मांगी थी.