
सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में कुछ लोग एक लड़की को परेशान करते हुए दिख रहे हैं. वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में हिजाब न पहनने पर एक हिंदू लड़की के साथ बदतमीजी की गई और फिर उससे उठक-बैठक करवाई गई.
वायरल होता वीडियो
सोशल मीडिया पर एक लड़की को परेशान करते हुए कुछ लोगों का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में हिजाब न पहनने पर एक हिंदू लड़की के साथ बदतमीजी की गई और फिर उससे उठक-बैठक करवाई गई.
यूजर्स का वीडियो को लेकर दावा
एक फेसबुक यूजर ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा कि बांग्लादेश: कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने कॉक्स बाजार समुद्र तट पर हिजाब न पहनने पर एक हिंदू महिला को परेशान किया.
धर्मनिरपेक्षता उन जगहों के लिए है जहां हिंदू, ईसाई या बौद्ध बहुसंख्यक हैं, अन्यथा शरिया लागू हो जाएगा. हमें 18 मिलियन बांग्लादेशी हिंदुओं को बचाने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई करने की आवश्यकता है. सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग देकर इसे खूब शेयर किया जा रहा है.
वीडियो की तहकीकात
फैक्ट चेक टीम ने सबसे पहले वायरल वीडियो को गौर से देखा और सुना. इस दौरान वीडियो के बैकग्राउंड में आ रही आवाजें सुनाई दीं. जो कि बांग्ला भाषा में थी. मतलब वायरल वीडियो बांग्लादेश का हो सकता है.
इसके अलावा फैक्ट चेक टीम ने वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए इंटरनेट को भी खंगाला लेकिन कहीं भी इससे जुड़ी कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली. मतलब वीडियो का दूसरा एंगल भी हो सकता है. ऐसे में वायरल वीडियो को सवालों की कसौटी पर परखा गया.
उठने लगे सावल
परखने के बाद पहला सवाल ये उठा कि वायरल वीडियो के पीछे की असली कहानी क्या है? दूसरा सवाल ये कि कहीं जानबूझकर वीडियो को सांप्रदायिक एंगल देकर वायरल तो नहीं किया जा रहा है? बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर सोशल मीडिया पर हाल-फिलहाल में कई वीडियो वायरल किये गए हैं.
सच आया सामने
फैक्ट चेक टीम ने वीडियो को जब अलग-अलग कर सर्च किया. तो इस दौरान वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट बांग्लादेश के एक यूट्यूब चैनल पर मिली. वीडियो को 14 सितंबर 2024 को अपलोड किया गया था. मौजूद जानकारी के अनुसार, ये घटना बांग्लादेश के कॉक्स बाजार समुद्र तट पर हुई थी. एक रिपोर्ट बांग्लादेश की एक न्यूज वेबसाइट पर भी मिली. रिपोर्ट को 15 सितंबर 2024 को प्रकाशित किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित एक ट्रांसजेंडर है और मुस्लिम समुदाय से है. घटना के बाद उसने कॉक्स बाजार सदर पुलिस स्टेशन में 5-6 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. इस मामले में दो लोगों की पहचान हो गई थी और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक शख्स को गिरफ्तार भी किया था.
साफ है कि वायरल का दावा गलत है. असल में वीडियो में नजर आ रही महिला नहीं, बल्कि ट्रांसजेंडर व्यक्ति है और वो मुस्लिम समुदाय से है. ये घटना सितंबर 2024 में हुई थी और पीड़िता की शिकायत के बाद इस मामले में बांग्लादेश पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया था.