पिछले काफी समय से कई देशों में वर्किंग दिनों को पांच या छह से कम करके चार दिन करने पर विचार विमर्श हो रहा है. जापान, स्पेन, दुबई आदि के बाद अब बेल्जियम भी इन देशों लिस्ट में शामिल हो गया है जो अपने यहां कर्मचारियों को हफ्ते में चार दिन काम करने का ऑफर दे रहा है.
मंगलवार को बेल्जियम के प्रधान मंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने मीडिया को इसकी जानकारी दी. उनका कहना है कि कोरोना माहमारी ने बहुत कुछ बदल दिया है. इस दौरान हम सबको फ्लेक्सिबल होकर काम करना होगा. इसलिए कर्मचारियों को राहत मिलनी चाहिए.
हालांकि, उन्होंने जो सबसे दिलचस्प नियम बनाया वह यह है कि अपने वर्किंग ऑवर खत्म होने के बाद यानी कि ऑफिस के बाद कर्मचारी अपने वर्क डिवाइस को ऑफ कर सकते हैं और बिना किसी डर के काम से संबंधित मैसेज को इग्नोर कर सकते हैं. यानी कि ऑफिस के बाद आपको ऑफिस के काम की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है.
बना रहे वर्क-लाइफ बैलेंस:
बेल्जियम में कर्मचारियों को पांच के बजाय चार दिनों में 38 घंटे काम करना होगा. जिससे उन्हें लंबा वीकेंड मिलेगा या फिर एक दिन पैरेंटिंग के लिए मिलेगा. और उनकी सैलरी में कोई कटौती नहीं की जाएगी. साथ ही अगर कोई कर्मचारी किसी हफ्ते ज्यादा घंटे तक काम करता है तो उनका अगला हफ्ता कम काम वाला रहेगा.
हालांकि इसके लिए उन्हें अपने बॉस से अनुमति लेनी होगी. क्योंकि इस नियम को वहीं अप्लाई किया जा सकता है जहां कर्मचारी ज्यादा हैं और काम को आसानी से बांटा जा सकता है.
इस साल जून-जुलाई तक लागू हो सकता है कानून:
बेल्जियम में इस कानून को तुरंत लागू नहीं किया जा रहा है. इस ड्राफ्ट बिल को सरकार ने पेश किया है और इस पर अभी चर्चा की जाएगी और पार्लियामेंट के वोट करने से पहले राज्य परिषद इसकी जांच करेगी. कहा जा रहा है कि यह कानून इस साल के मध्य यानी जून-जुलाई तक लागू हो जायेगा.
सितंबर 2021 में, स्कॉटलैंड ने 4-डे वर्किंग वीक पर ट्रायल शुरू किया था. आइसलैंड ने भी इस पर ट्रायल किया है और दिसंबर 2021 में यूएई आधिकारिक तौर पर हफ्ते में साढ़े चार दिन काम करने वाला पहला देश बन गया है.