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#MaternityLeave: अब सेक्स वर्कर्स को भी मिलेगी मैटरनिटी लीव और पेंशन, ऐसा करने वाला पहला देश बना बेल्जियम

बेल्जियम सेक्स वर्कर्स को मेटरनिटी लीव, पेंशन और सिक लीव जैसी सुविधाएं देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है.

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हाइलाइट्स
  • सेक्स वर्कर को सुविधाएं देने वाला बेल्जियम पहला देश

  • कमरे में लगाया जाएगा अलार्म बटन

बेल्जियम सेक्स वर्कस को मेटरनिटी लीव, पेंशन और सिक लीव जैसी सुविधाएं देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. 2022 में सेक्स वर्क को अपराधमुक्त किए जाने के बाद पेश किया गया यह ऐतिहासिक कानून सेक्स वर्क को दूसरे प्रोफेशन की तरह सुरक्षा प्रदान करता है. 

कमरे में लगाया जाएगा अलार्म बटन
नया कानून उन कस्टमर्स पर बैन लगाता है जिनकी आपराधिक हिस्ट्री रही है. इसके अलावा जिन कमरों में यौन सेवाएं दी जाती हैं, उनमें एक आपातकालीन अलार्म बटन लगाया जाएगा. कानून के तहत यौनकर्मियों को अपने क्लाइंट को मना करने या उन कामों को न करने का अधिकार है जिसे वो करना नहीं चाहती हैं.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय दबाव के कारण अपनी गर्भावस्था के आखिर तक काम करने वाली पांच बच्चों की मां सोफी ने कहा, "यह हमारे लिए एक इंसान के रूप में अस्तित्व में रहने का एक अवसर है. क्योंकि मजबूरी में मुझे प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने तक काम करना पड़ रहा था. अब मेरी जिंदगी पहले से आसान हो जाएगी. "

यौनकर्मियों की सुरक्षा के लिए उठाया गया सबसे अच्छा कदम
ह्यूमन राइट्स वॉच के एरिन किलब्राइड ने कहा, "यह यौनकर्मियों की सुरक्षा के लिए विश्व स्तर पर उठाया गया सबसे अच्छा कदम है." कुछ नारीवादी संगठनों ने इस क़ानून की आलोचना की है. गैर सरकारी संगठन इसाला की जूलिया क्रूमियर का तर्क है कि ''सेक्स वर्क स्वाभाविक रूप से महिलाओं का शोषण करता है. यह सबसे पुराना पेशा नहीं है, बल्कि सबसे पुराना शोषण है.”

सेक्स वर्कर को सुविधाएं देने वाला बेल्जियम पहला देश
दुनिया भर में करोड़ों सेक्स वर्कर हैं. न सिर्फ बेल्जियम बल्कि जर्मनी, ग्रीस, नीदरलैंड और तुर्की सहित कई देशों में सेक्स वर्कर को कानूनी मान्यता दी गई है, लेकिन बाकी प्रोफेशन की तरह सेक्स वर्कर को सुविधाएं देने वाला बेल्जियम पहला देश है. इस कानून के आने से लगभग 30,000 सेक्स वर्कर्स को बुनियादी रोजगार अधिकार प्राप्त होंगे.