पाकिस्तान की सियासत में आज बेहद ही खास दिन है. आज विपक्ष पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के खिलाफ नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश करेगा. शाम 4 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होगी. इस सिलसिले में पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद का कहना है कि अगर आज यानी 28 मार्च को सदम नें अविश्वास प्रस्ताव पेश हो जाता है तो 4 अप्रैल को इस पर मतदान होगा. पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव आने के 3 दिन बाद और 7 दिन से पहले वोटिंग होती है.
रिपोर्टस बताती हैं कि पाकिस्तानी संसद में बहुमत के लिए 172 सांसदों की जरूरत है, और फिलहाल इमरान का साथ 39 सांसद छोड़ चुके हैं. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि इमरान सरकार का जाना तय है. कहा ये भी जा रहा है कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश होने से पहले ही इमरान अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. लेकिन अभी तक कुछ भी साफ नहीं हुआ है.
PM इमरान खान ने रविवार को रैली की
बता दें कि आविश्वास प्रस्ताव पारित होने के ठीक एक दिन पहले यानी रविवार को इमरान खान ने इस्लामाबाद में एक रैली के दौरान शक्ति प्रदर्शन किया. रैली से पहले ये दावा था कि इस रैली में 10 लाख से ज्यादा लोग आएंगे, लेकिन 1 लाख लोग भी नहीं जुट पाए. जाहिर है पाकिस्तान की अवाम भी इमरान खान की सत्ता से तंग आ चुकी है. बता दें कि रैली में इमरान ने इमोशनल कार्ड भी खेला. रैली में इमरान ने कहा कि विपक्ष के तीन चूहे मुल्क को लूट रहे हैं
पाकिस्तान की सियासत से जुड़ी अपडेट्स
वहीं दूसरी तरफ अविश्वास प्रस्ताव से ठीक एक दिन पहले इमरान सरकार को तगड़ा झटका लगा. बलूचिस्तान की जमूरी वतन पार्टी के प्रमुख शाहजैन बुगती ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. न्यूज वेबसाइट ट्रिब्यून के मुताबिक, बुगती इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करेंगे. बुगती बलूचिस्तान में इमरान सरकार के स्पेशल असिस्टेंट के रूप में कार्यरत थे.
इन मुद्दों पर है इमरान सरकार को खतरा
पाकिस्तान की राजनीति में अभी काफी बदलाव हो रहे हैं. हाल ही में इमरान खान की पार्टी से कई सांसदों ने पार्टी छोड़ दी है और बताया जा रहा है कि इनकी संख्या 14 है. अब सासंदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अगस्त 2018 में सत्ता में आने के बाद से पूर्व क्रिकेट स्टार से इस्लामिक नेता बने इमरान खान के लिए यह चुनौती अब तक की सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है. पीएम इमरान खान ने दावा किया है कि 342 सीटों वाले सदन में उन्हें अभी भी अधिकांश सांसदों का समर्थन प्राप्त है.
इमरान खान के खिलाफ क्यों दाखिल हुआ अविश्वास प्रस्ताव?
पाकिस्तान में आर्थिक हालात पर तनाव बना हुआ है. बढ़ती महंगाई के चलते इमरान सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं विपक्ष का दावा है कि देश की इस हालत के लिए इमरान खान की सरकार जिम्मेदार है. साथ ही विपक्षी नेता पाकिस्तान पर बढ़ते कर्ज और बेरोजगारी के मुद्दे पर भी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहवाज शरीफ का कहना है कि यह फैसला देश के फायदे में लिया गया है.
बता दें कि 8 मार्च को विपक्षी दलों के गठबंधन, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के कुछ वरिष्ठ सांसदों ने खान के खिलाफ सियासी मोर्चा खोल दिया था. उस दौरान दो तरह के दस्तावेज दाखिल किए गए. नेताओं ने संविधान के अनुच्छेद 95 के तहत अविश्वास प्रस्ताव जमा किया. साथ ही अनुच्छेद 54(3) के तहत नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने के लिए नोटिस दिया ताकि सदन में प्रस्ताव पेश किया जा सके.
क्या है आगे का रास्ता
अगर आज सदन में अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से पास हो जाता है, तो इमरान खान को पीएम की कुर्सी छोड़नी होगी. पीएम के हटने के बाद नेशनल असेंबली नए नेता के लिए तत्काल मतदान करेगी. बता दें कि जब पीएम को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया जाता है तो उनका कैबिनेट भी खत्म हो जाता है.