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Birth control Pill: अमेरिका में पहली बार प्रिस्क्रिप्शन के बिना मिलेगी बर्थ कंट्रोल पिल, गर्भनिरोधक दवा को लेकर भारत में क्या है कानून

Contraceptive Pills: अमेरिका में पहली बार बिना प्रिस्क्रिप्शन के बर्थ कंट्रोल पिल यानी गर्भनिरोधक दवा खरीदी जा सकेगी. अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने पेरिगो की गर्भनिरोधक गोली को ओवर-द-काउंटर इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है.

Birth control Pill Birth control Pill
हाइलाइट्स
  • पुरानी गर्भनिरोधक गोलियों की कीमत 15 से 30 रुपये

  • बिना डॉक्टर के पर्चे के खरीदी जा सकेगी गर्भनिरोधक गोलियां

अमेरिका में पहली बार बिना प्रिस्क्रिप्शन के बर्थ कंट्रोल पिल यानी गर्भनिरोधक दवा खरीदी जा सकेगी. अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने पेरिगो की गर्भनिरोधक गोली को ओवर-द-काउंटर इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है. ओवर-द-काउंटर के कारण अब अमेरिकी महिलाएं और लड़कियां किसी भी अन्य दवाई की तरह आसानी से गर्भनिरोधक गोलियां खरीद सकती हैं. एक आंकड़े के मुताबिक दुनिया भर में करीब 13 करोड़ से ज्यादा महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं. अनचाही प्रेग्नेंसी से निजात दिलाने वाला यह आसान और सस्ता उपाय है. 

अब नहीं होगी डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत

ओपिल (Opill) नाम की ये दवा बर्थ कंट्रोल को रोकने में सबसे प्रभावी होगी क्योंकि फार्मेसी अब बिना डॉक्टर के पर्चे के दिन में एक बार गर्भनिरोधक गोलियां बेच सकती है. इस दवा के ओवर द काउंटर उपलब्ध होने से अमेरिका की उन महिलाओं, युवा लड़कियों को सुविधा हो जाएगी जिन्हें डॉक्टर के पास जाकर प्रिस्क्रिप्शन लेने में परेशानी आती थी. ओपिल (Opill) बनाने वाली कंपनी पेरिगो ने कहा कि ये दवा 2024 की शुरुआत में अमेरिका में स्टोर और ऑनलाइन रिटेलर्स पर उपलब्ध हो जाएगी. हालांकि इस दवा की कीमत क्या होगी इसकी अभी कोई जानकारी नहीं मिली है. लेकिन दवा निर्माता कंपनी इस दवा को महिलाओं और सभी उम्र के लोगों के लिए सुलभ और किफायती बनाने पर काम कर रही है. पुरानी गर्भनिरोधक गोलियों की कीमत 15 से 30 रुपये तक है.

सुप्रीम कोर्ट ने मिफेप्रिस्टोन दवा से हटाया था बैन

अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा मिफेप्रिस्टोन पर रोक लगाने के निचली अदालत के फैसले को खारिज करते हुए मिफेप्रिस्टोन तक महिलाओं की पहुंच को बरकरार रखा था. हेल्थ केयर रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के एक सर्वे के अनुसार, रिप्रोडक्टिव ऐज की तीन-चौथाई से ज्यादा महिलाओं ने सुविधा के कारण ओवर-द-काउंटर दवाओं का समर्थन किया था. लगभग 40% ने कहा कि वे इसका इस्तेमाल कर सकती हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में हर साल 6 मिलियन महिलाएं गर्भधारण करती हैं, जिनमें से 45 प्रतिशत गर्भ अनचाहे होते हैं.

भारत में क्या है कानून

भारत में 67% महिलाएं कॉन्ट्रासेप्टिव इस्तेमाल करती हैं क्योंकि यहां बर्थ कंट्रोल पिल ओवर द काउंटर उपलब्ध है. हालांकि एमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स खरीदने के लिए डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत पड़ती है. ओवर-द-काउंटर गोलियां आमतौर पर सस्ती होती हैं. लेकिन इसके कुछ दुष्भाव भी हैं जैसे मितली, उल्टी होने से लेकर पेट के निचले हिस्से में दर्द और वजन बढ़ना. बिना डॉक्टर की सलाह के खुद से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन खतरनाक माना जाता है. भारत में गर्भपात करवाने के लिए मान्य अवधि 24 हफ्ते है. अगर किसी महिला का 12 हफ्ते का गर्भ है, तो वो एक डॉक्टर की सलाह पर गर्भपात करवा सकती है. 

कैसे काम करती हैं गर्भनिरोधक गोलियां?

इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियों में लेवोनोर्जेस्ट्रेल होता है. यह एक प्रोजेस्टोजन है, जो अंडाणुओं को गर्भाशय की दीवार भेदने से रोकता है और गर्भ ठहरने से रोकता है.  गर्भनिरोधक गोलियां भी दो प्रकार की होती हैं. एक गोली को तो 24 घंटे के अंदर लेना होता है और दूसरी को 72 घंटे के अंदर लिया जा सकता है.