हमें को डर और चिंता महसूस होना एक सामान्य सी बात है. हममें से ज्यादातर लोगों को किसी न किसी घटना, व्यक्ति, वस्तु या याद से जुड़ा कोई न कोई फोबिया होता है. जब बार-बार ये ट्रिगर होता है तो हमें दौरे पड़ते हैं. इतना ही नहीं कई बार हालात ज्यादा खराब हो तो पैनिक अटैक भी आते हैं. लेकिन इस डर पर काबू पाने के लिए लोगों ने एक नई थेरेपी इजात की है. इस स्ट्रेस मिटाने वाली थेरेपी का नाम बरीड अलाइव थेरेपी (Buried Alive Therapy) है. इसमें लोगों को जिंदा दफनाया जाता है.
1 घंटे के लिए होते हैं दफन
डेली स्टार के मुताबिक, प्रीकेटेड एकेडमी नाम की एक रूसी कंपनी ने ये थेरेपी शुरू की है. Buried Alive Therapy के तहत लोगों का स्ट्रेस कम किया जाता है. ये थेरेपी लोगों को उन समस्याओं से निपटने के लिए हिम्मत देती है जो लोगों को परेशान कर रही है. इसमें एक घंटे के लिए आपको जिंदा दफनाया जाता है. इसमें कंपनी का दावा है कि ये थेरेपी आपको डर और चिंता से छुटकारा दिला सकती है.
ताबूत के अंदर रखा जाता है
बता दें, इसमें आपको एक ताबूत के अंदर रखा जाता है और फिर जमीन के अंदर दफना दिया जाता है. इस पूरे प्रोसेस में लगभग 47 लाख रुपये लगते हैं. इसे साइकिक थेरेपी भी कहते हैं. कंपनी का मानना है कि, यह न केवल आपको चिंता से उबरने देता है बल्कि कुछ मानसिक क्षमताओं की खोज भी करने में मदद करता है.
कैसे कर सकते हैं अप्लाई?
गौरतलब है कि यह प्रक्रिया सेंट पीटर्सबर्ग में होती है. ये पूरी तरह से एक अंतिम संस्कार की तरह होता है. इसमें दो पैकेज उपलब्ध हैं. पहला 47 लाख रुपये वाला जिसमें जिंदा दफन किया जाता है. जबकि दूसरा 12 लाख रुपये की कम लागत वाला एक ऑनलाइन वर्जन है, जहां आप मोमबत्तियों और अंतिम संस्कार गीतों के साथ अपने अंतिम संस्कार के गवाह बनते हैं. इतना ही नहीं बल्कि आपको अपनी वसीयत भी लिखने को मिलती है.
माना जाता है कि इस थेरेपी से तनाव को कम किया जा सकता है. कंपनी की संस्थापक याकातेरिना प्रीओब्राजेंस्काया का दावा है कि यह थेरेपी पूरी तरह से सुरक्षित है. जिंदा दफनाए जाने के बावजूद इंसान की जान को कोई खतरा नहीं होता है. उनका कहना है कि उसके ग्राहकों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है.