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चोरी की गई चीजों को वापस दिलाने के लिए खुद चोर ने की संग्रहालय की मदद

एक कंबोडियाई लुटेरा, जिसने पहले तो एक मंदिर से मूर्तियां चुराई और बाद में उसे जब इस चीज का अहसास हुआ तो उसने कहा कि वह उसके द्वारा चुराई गई 100 से अधिक कलाकृतियां दुनिया भर के संग्रहालयों में हैं, जिन्हें वापस लाने में वो लोगों की मदद करेगा.

Cambodia looter who stole sculptures (Representative Image) Cambodia looter who stole sculptures (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • अब तक लूटी 1000 से ज्यादा कलाकृतियां

  • सैकड़ों डॉलर में बिके मूर्ती के टुकड़े

  • कैंसर से पीड़ित हैं Toek Tik

अक्सर आपने लूट और चोरी की कई घटनाएं सुनी होंगी, लेकिन क्या कभी ये सुना है कि चोर ने चोरी किया हुआ सामान वापस किया हो या उसे ढूंढ़ने में मदद की हो.आज की कहनी एक ऐसे ही कंबोडियाई लुटेरे की है, जिसने पहले तो एक मंदिर से मूर्तियां चुराई और बाद में उसे जब इस चीज का अहसास हुआ तो उसने बताया कि उसके द्वारा चुराई गई 100 से अधिक कलाकृतियां दुनिया भर के संग्रहालयों में हैं, जिन्हें वापस लाने में वो लोगों की मदद करेगा. 

पहली बार मूर्तियों के सिर के बदले मिले पैसे
अपनी कहानी बताते हुए Toek Tik कहता है कि 1970 के दशक के वह कंबोडिया में नरसंहार खमेर रूज के लिए एक सैनिक था, जब उसे पहली बार महसूस हुआ कि प्राचीन मूर्तियों को लूटना एक आकर्षक व्यापार हो सकता है. एक बार थाईलैंड के साथ सीमा पर कपड़ों के लिए चोरी के मवेशियों की अदला-बदली करते हुए, एक व्यापारिक उसकी बैल गाड़ी की ओर इशारा किया, जिसमें उसने घर के पास से जमा की कुछ मूर्तियों के सिर रखे थे. उसे बहुत आश्चर्य हुआ क्योंकि व्यापारी ने इसके लिए उसे बड़ी मुद्रा देने की पेशकश की. 

अब तक लूटी 1000 से ज्यादा कलाकृतियां
उसने कहा, "मवेशियों के लिए वो केवल शर्ट या बैटरी दे रहे थे." यहीं से एक छप्पर की झोपड़ी में रहने वाले एक अशिक्षित व्यक्ति का लूटपाट का करियर शुरू हुआ. हाल ही में Toek Tik ने अधिकारियों को यह बताना शुरू किया कि कैसे उसने मंदिर के खंडहरों, मूर्तियों को लूटने और अन्य खजाने के माध्यम से सैकड़ों संघियों का निरिक्षण किया. Toek Tik दो दशकों से काफी सक्रिय थे. उसे लॉयन के नाम से भी जाना जाता है. Toek Tik ने अनुमान लगाते हुए बताया कि उसने अब तक 1,000 से अधिक कलाकृतियां लूटी हैं, जिनमें से कई को खमेर संस्कृति की बेहतरीन कृतियों के रूप में माना जाता है. 

मूर्तियों की पहचान में कर रहा मदद
Toek Tik ने अब तक न्यूयॉर्क के मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट सहित दुनिया भर के संग्रहालयों के संग्रह में 100 से अधिक मूर्तियों की पहचान की है. जबकि अन्य मूर्तियों को उसने कुछ निजी संग्रह में देखा. Toek Tik की गवाही और उसके लिए काम करने वाले अन्य लोग  कंबोडिया द्वारा अपनी पौराणिक विरासत को वापस पाने के वैश्विक प्रयास का केंद्रबिंदु बन गए हैं. यह उन संग्रहालयों और संग्रहकर्ताओं को चुनौती देता है जिन्होंने लंबे समय से अपने अधिग्रहण को पूरी तरह से डॉक्यूमेंटेड और निर्विवाद रूप से वैध माना है.

इनमें से कई चोरियां खुद करता था Toek Tik
पहले से ही कंबोडियाई अधिकारियों ने 45 वस्तुओं को वापस करने के लिए मेट पर दबाव डालना शुरू कर दिया है क्योंकि Toek Tik का कहना है कि उसने इनमें से अधिकांश की चोरी खुद की थी. वहीं मेट का कहना है कि उसने कंबोडियन अनुरोध से पहले ही स्वतंत्र तौर पर अपने संग्रह पर शोध करना शुरू कर दिया था. 

Toek Tik ने बताया कि उसकी सबसे शानदार कलाकृतियों में से कुछ डगलस ए.जे. लैचफोर्ड के पास हैं, जो  पेशे से एक कलेक्टर और डीलर था. साल 2019 में उसकी मृत्यु के कुछ महीने पहले उस पर पुरावशेषों के तस्कर का आरोप लगा था.

Toek Tik के बयान के बाद खुली Latchford की पोल 
दशकों तक लैचफोर्ड को खमेर संस्कृति के विद्वान के रूप में देखा जाता रहा. उनके लिए लैचफोर्ड एक ऐसे व्यक्ति थे जो कंबोडिया के संग्रहालयों को उपहार दिया करते थे. इसके लिए उन्हें नाइट की उपाधि दी गई थी. लेकिन Toek Tik के खाते ने उसे बेनकाब कर दिया. अब Latchford की पहचान किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में की जाने लगी, जिसने मध्यस्थता के माध्यम से लूटपाट का अधिकांश निर्देश दिया. Latchford ने Toek Tik द्वारा ली गई मंदिर की तस्वीरों को ब्राउज़ किया ताकि यह तय किया जा सके कि कौन सी चीजें चुराई जानी चाहिए.

सैकड़ों डॉलर में बिके मूर्ती के टुकड़े
कई टुकड़े बाद में कला बाजार में सैकड़ों हजारों डॉलर में बेचे गए, जबकि Toek Tik ने कहा कि उसे कभी भी एक आइटम के लिए कुछ सौ डॉलर से अधिक नहीं मिला. इस राशि को वह नियमित तौर पर अपने साथियों के साथ भी बांटता था. 

कैंसर से पीड़ित हैं Toek Tik
Toek Tik इस समय 60 साल के हैं और स्टेज 4 के पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे हैं  Toek Tik ने कहा कि वह उन जगहों का पता लोगों को बताते हैं,जहां  से उसने लूटपाट की थी ताकि जांचकर्ताओं को उनके अपराधों के पुख्ता सबूत खोजने में मदद मिल सके. एक ट्रांसलेटर से वीडियो कॉल के दौरान अपने भाव व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने जो किया उसके लिए मुझे खेद है. मैं चाहता हूं कि देवता घर आएं."
ToekTik द्वारा बताई गई जगह और Latchford के परिवार से बातचीत के बाद कंबोडियाई अधिकारियों ने खुदाई की व्यवस्था की जिसके बाद उन्हें खोई हुई मूर्ति और उनके कई अवशेष मिले.