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Who is Lex Fridman: सोवियत संघ गिरा तो आए अमेरिका, सात साल में 450 से ज्यादा लोगों को किया इंटरव्यू... जानिए कौन हैं PM Modi को पॉडकास्ट पर लाने वाले लेक्स फ्रिडमैन

फ्रिडमैन 11 साल की उम्र में अमेरिका आए थे. सोवियत संघ में पैदा हुए फ्रिडमैन ने अमेरिका में ही पढ़ाई की और यहीं एक रिसर्चर के तौर पर काम करने लगे. लेकिन फिर एक दिन एलन मस्क के साथ हुई मुलाकात ने उनकी जिन्दगी बदल दी.

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हाइलाइट्स
  • फ्रिडमैन के साथ तीन घंटे की पॉडकास्ट में शामिल हुए मोदी

  • 2018 से पॉडकास्ट शूट कर रहे हैं फ्रिडमैन

  • मस्क, ट्रम्प जैसे बड़े नाम रह चुके हैं मेहमान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi Podcast) के साथ तीन घंटे से लंबा पॉडकास्ट रिलीज करने के बाद अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन (Lex Fridman) चर्चा में आ गए हैं. फ्रिडमैन इससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प, एलन मस्क और वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की जैसी राजनीतिक हस्तियों को भी अपनी पॉडकास्ट पर बुला चुके हैं. और लाखों लोग उनकी पॉडकास्ट देखते हैं. 

11 साल की उम्र में आए अमेरिका
फ्रिडमैन का जन्म सोवियत यूनियन (वर्तमान में ताजिकिस्तान) में हुआ था. जब 1991 में सोवियत यूनियन का पतन हुआ तो उनका परिवार अमेरिका चला आया. उस वक्त फ्रिडमैन की उम्र 11 साल थी. बिजनेस इंसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, फ्रिडमैन के पिता एलेक्जेंडर सोवियत संघ के 'सबसे उत्कृष्ट प्लाज़्मा फिजिसिस्ट' में से एक थे. अमेरिका आने के बाद वह पेन्सिलवेनिया की ड्रेक्सल यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर पढ़ाने लगे. फ्रिडमैन ने अपनी ग्रैजुएशन और पीएचडी की डिग्री यहीं से हासिल की.

टेस्ला पर रिसर्च कर आए चर्चा में
फ्रिडमैन ने 2014 से 2015 के बीच गूगल में एक मशीन लर्निंग रिसर्चर के तौर पर नौकरी की. इसके बाद वह मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में बतौर रिसर्चर काम करने लगे. एमआईटी में अपने कार्यकाल के दौरान फ्रिडमैन चर्चा में तब आए जब उन्होंने एलन मस्क की कंपनी टेस्ला की सेमी-ऑटोमैटिक कार पर रिसर्च की. 

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रिसर्च में पाया गया कि एक ड्राइवर सेमी-ऑटोमैटिक कार चलाते हुए भी फोकस कर सकता है. इस रिसर्च ने इंडस्ट्री के शोधकर्ताओं को हैरान किया क्योंकि अब तक की सभी रिसर्च इसके विपरीत बात कह रही थीं. कई शोधकर्ताओं ने फ्रिडमैन की इस रिसर्च की आलोचना भी की. लेकिन मस्क की ओर से फ्रिडमैन को वाहवाही मिली. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फ्रिडमैन ने अपनी रिसर्च की आलोचना करने वालों को ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया. 

2018 में शुरू की पॉडकास्ट
अपनी लिंक्डइन प्रोफाइल पर फ्रिडमैन खुद को एमआईटी का रिसर्चर बताते हैं. लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स की प्रोफाइनल में वह खुद को 'लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट' का होस्ट कहकर बुलाना पसंद करते हैं. फ्रिडमैन ने यह पॉडकास्ट 2018 में शुरू की थी. फ्रिडमैन की रिसर्च चर्चा में आने के एक हफ्ते बाद ही मस्क ने उन्हें अपने साथ बातचीत के लिए बुलाया. 

जब फ्रिडमैन ने मस्क के साथ पहली बार पॉडकास्ट शूट की तो उनके देखने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ. उसके बाद से फ्रिडमैन कई विषयों पर पॉडकास्ट कर चुके हैं. वह 450 से ज्यादा मेहमानों को अपने चैनल पर बुलाकर उनसे बात कर चुके हैं. कई बार फ्रिडमैन की पॉडकास्ट तीन-तीन घंटे लंबी होती हैं. वह अपने मेहमानों से निजी जीवन से लेकर वैश्विक राजनीति तक, हर विषय पर खुलकर बात करते हैं.

कभी आलोचना, कभी प्रशंसा के रहे हैं पात्र
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तो फ्रिडमैन के काम को काफी तारीफ मिली है, लेकिन उनके पॉडकास्ट को कई बार आलोचना का सामना करना पड़ा है. फ्रिडमैन की आलोचना करने वालों का आरोप है कि वे ज्यादा व्यूज के लिए विवादित लोगों को अपने पॉडकास्ट पर बुलाते हैं. जबकि फ्रिडमैन का कहना है कि वह अपनी 'बौद्धिक जिज्ञासा' को शांत करने के लिए लोगों को अपने पॉडकास्ट पर बुलाते हैं. 

फ्रिडमैन एक बार इस सिलसिले में एडॉल्फ हिटलर का उदाहरण भी दे चुके हैं. फ्रिडमैन ने कहा था, "अगर आप 1941 में हिटलर से बात करते तो आप उनसे सहानुभूति दिखाते या उनका विरोध करते. ज्यादातर पत्रकार विरोध करते क्योंकि वे दिखाना चाहते कि वे उससे अलग हैं. लेकिन अगर आप उस इंसान को समझना चाहते हैं तो आपको सहानुभूति दिखाने की जरूरत है. अगर आप इतिहास के पूरे कालक्रम को समझना चाहते हैं तो आपको सहानुभूति दिखाने की जरूरत है."