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Women Repays for Time Theft: महिला कर्मचारी ने की 'कामचोरी', कंपनी को देना होगा डेढ़ लाख का जुर्माना

कनाडा की रहने वाली एक महिला को कामचोरी के लिए लगभग डेढ़ लाख का जुर्माना देना होगा. हैरानी की बात ये है कि महिला को कंपनी छोड़ने के बाद ये जुर्माना दोना होगा.

महिला कर्मचारी ने की 'कामचोरी', कंपनी को देना होगा डेढ़ लाख का जुर्माना महिला कर्मचारी ने की 'कामचोरी', कंपनी को देना होगा डेढ़ लाख का जुर्माना
हाइलाइट्स
  • कामचोरी के लिए देना होगा जुर्माना

  • कंपनी ने वर्क लैपटॉप में लगाया था ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर

कोरोना काल के बाद से ही वर्क फ्रॉम होम का चलन काफी बढ़ गया है. वर्क फ्रॉम होम करने के दौरान कई बार लोग कामचोरी भी करते हैं. ऐसा ही एक मामला कनाडा से सामने आया है. जहां एक महिला को कंपनी छोड़ने के बाद भी काम से चोरी करने के लिए कंपनी को भुगतान करना पड़ा.  
 
कामचोरी के लिए देना होगा जुर्माना
कनाडा की रहने वाली कार्ली बेसे ब्रिटिश कोलंबिया की एक कंपनी में एक एकाउंटेंट का काम करती थी. अचानक कार्ली को नौकरी से निकाल दिया गया. कार्ली ने दावा किया था, कि कंपनी ने उन्हें बिना किसी कारण के नौकरी से निकाल दिया था और उनसे मुआवजे के रूप में 5 हजार कनाडाई डॉलर यानी करीब 3 लाख रुपए देने को भी कहा गया. 
 
हालांकि कंपनी का आरोप है कि महिला ने ट्रैकिंग सॉफ़्टवेयर द्वारा ट्रैक किए गए समय को गलत तरीके से दिखाया है. कंपनी, रीच सीपीए ने ट्रिब्यूनल को बताया कि कार्ली का लॉन इन टाइम को 50 घंटे से ज्यादा का दिख रहा है, पर कार्ली ने वो समय ऑफिस के काम के लिए नहीं इस्तेमाल किया है. 
 
कंपनी ने वर्क लैपटॉप में लगाया था ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर
कंपनी ने बताया कि उन्होंने कार्ली के वर्क लैपटॉप में TimeCampon Besse नाम का एक एम्प्लाइ-ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर लगा दिया था. जिसकी मदद से ये पता चला कि कंपनी को सौंपी गई फाइलें बजट से अधिक थी और समय से पीछे चल रही थीं. आज कल ज्यादातर कंपनियां रिमोट एरिया में काम करने वाले कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रही हैं. दरअसल ये सॉफ़्टवेयर ट्रैक करता है कि कोई दस्तावेज़ कितनी देर तक खुला रहता है, कर्मचारी दस्तावेज़ का उपयोग कैसे करता है और समय को कब लॉग करता है.
 
क्या थी कंपनी और कार्ली की दलीलें
हफ्तेभर बाद कंपनी ने कहा कि जांच करने पर पता चला कि कार्ली ने जो टाइमशीट दी, उसमें और सॉफ्टवेयर यूज़ लॉग मैच नहीं हो रहा था. जिस पर बेसे ने ट्रिब्यूनल को दलील दी कि उन्हें ये सॉफ्टवेयर मुश्किल लगता है और ये ऑफिस के काम और पर्सनल काम के बीच अंतर नहीं करता है. जिस पर कंपनी ने फौरन दिखाया कि ये सॉफ्टवेयर हर तरह के काम को ऑटोमेटिक ट्रैक करता है. जैसे आपने अपने लैपटॉप पर कितनी देर क्या स्ट्रीम किया, ये सब कुछ दिखाता है.
 
इस पर बेसे ने दलील दी कि उन्होंने दस्तावेजों की हार्ड कॉपी प्रिंट कर ली थी, और उन्होंने पहले ये बात नहीं बताई क्योंकि वो जानती थी, कि कंपनी उनकी ये दलील नहीं सुनेगी, और वो इस बात से डरती थीं. कंपनी ने कहा कि सॉफ्टवेयर प्रिंटिंग को भी ट्रैक करता है. कंपनी ने यह भी कहा कि लॉग किए दस्तावेजों से किसी भी कार्य के लिए कंपनी के सॉफ्टवेयर में इनपुट की आवश्यकता होती, जो कभी नहीं किया गया.
 
कार्ली ने स्वीकारी अपनी गलती
बेसे और कंपनी के बीच एक वीडियो मीटिंग के अनुसार जब उन्होंने सभी शिकायतों के साथ उसका सामना किया, तो उसने अपने प्रबंधक से कहा "आप समय से नहीं लड़ सकते". हालांकि बाद में कार्ली ने ये स्वीकार किया कि, उन्होंने उन फ़ाइलों के लिए समय प्लग किया था जिन्हें उन्होंने छुआ नहीं था और वह यह किसी भी तरह या फैशन में सही या उचित नहीं है और इसके लिए उन्हें वास्तव में खेद है.
 
जिसके बाद जज ने गलत तरीके से निकाले जाने वाले कार्ली के दावे को खारिज कर दिया और उसे कंपनी से मिली हुई सैलेरी को वापस करने का भी आदेश दिया. कोर्ट ने कार्ली को 2,459.89 कनाडाई डॉलर यानी करीब डेढ़ लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है.