ज्यादातर देश स्पेस में अपनी धाक जमाने में लगे हुए हैं. चीन भी इसमें पीछे नहीं है. अब चीन ने अपने स्पेस प्रोग्राम के तहत 2030 से पहले एस्ट्रोनॉट को चांद पर भेजने की तैयारी कर ली है. इसके माध्यम से चीन का उद्देश्य अपने ऑर्बिटिंग स्पेस स्टेशन का विस्तार करना है. ये घोषणा चीन के अधिकारियों ने सोमवार को की है. इस एक्शन को अमेरिका के साथ प्रतिद्वंद्विता के रूप में देखा जा रहा है.
एक तरह की स्पेस रेस है ये
कहा जा रहा है कि इसने 1960 और 1970 के दशक में अमेरिका और पूर्व सोवियत संघ के बीच स्पेस रेस की यादें ताजा कर दी हैं. चीन मानव अंतरिक्ष एजेंसी (CMSA) के डिप्टी डायरेक्टर लिन सिकियांग ने इस मानव मिशन की घोषणा की है. डिप्टी डायरेक्टर ने स्पेसक्राफ्ट लॉन्च से पहले इनर मंगोलिया में जियुक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर में मीडिया को इसके बारे में बताया.
तीन एस्ट्रोनॉट को किया गया तैयार
इस मिशन के लिए तीन अंतरिक्ष यात्रियों को तियांगोंग नामक स्पेस स्टेशन पर ले जाया गया. ये वही स्पेस स्टेशन है जिसे चीन ने हाल ही में अपने दूसरे मानवयुक्त मून मिशन के लूनर लैंडिंग फेज के तहत शुरू किया है. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने उनके हवाले से कहा कि समग्र लक्ष्य 2030 तक चंद्रमा पर चीन की पहली मानव लैंडिंग करना है. साथ ही लूनर साइंटिफिक एक्सप्लोरेशन और टेक्नोलॉजिकल एक्सपेरिमेंट करना है.