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वुहान की लैब लीक थ्योरी पर फिर से चर्चा करेगा WHO, जानें क्या है पूरा मामला?

WHO ने एक बार फिर से वुहान लैब लीक थ्योरी पर स्टडी करने के लिए कहा है. वुहान लैब लीक थ्योरी ये है कि चीन ने कोरोना वायरस को वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में बनाया है.

वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी
हाइलाइट्स
  • WHO फिर करेगा कोरोना की उत्पत्ति को लेकर जांच

  • इस थ्योरी को लेकर चिंता करना जायज है

कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन में हुई थी. दुनियाभर में महामारी से कम से कम 6.3 मिलियन लोगों की मौत हो चुकी है. वैसे तो कोरोना की उत्पत्ति को लेकर कई तरह के कयास लगाए गए हैं. लेकिन कई बार चीन में हुए एक प्रयोगशाला दुर्घटना को भी इसका जिम्मेदार माना जाता रहा है. अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर से इसको लेकर जांच करने की ठानी है. दरअसल WHO को लगता है, कोरोना की उत्पत्ति के लिए चीन की लैब लीक थ्योरी ही जिम्मेदार है. तो चलिए जान लेते हैं कि चीन की ये लैब लीक थ्योरी है क्या?

क्या है वुहान लैब लीक थ्योरी?
वुहान लैब लीक थ्योरी ये है कि चीन ने कोरोना वायरस को वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में बनाया है. दरअसल ये प्रयोगशाला चीन के वुहान शहर में स्थित है. ये प्रयोगशाला कथित तौर पर अपनी मिलिट्री रिसर्च के लिए जानी जाती है. हालांकि इसके बाद चीन ने ये दिखाने की भी कोशिश की कि चमगादड़ से ही कोरोना वायरस की उत्पत्ति हुई. वुहान की इस लैब के कई कर्मचारियों ने नवंबर 2019 में ही कोविड-19 के लक्षणों की पुष्टि की थी. जबकि चीन के कोविड के पहले केस की पुष्टि दिसंबर 2019 में दर्ज की.

क्यों लैब लीक थ्योरी खींच रही है सभी का ध्यान?
दरअसल इस थ्योरी को लेकर केवल बातें ही होती रही हैं. चीनी अधिकारियों ने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में उचित जांच की भी अनुमति नहीं दी थी. साथ ही चीन ने इसको लेकर कोई खास जानकारी साझा नहीं की है. इसको लेकर एक कहानी ये भी बताई जा रही थी कि कोरोना वायरस वुहान की एक सुपरमार्केट में एक जानवर से इंसान में फैला था, लेकिन वुहान में कोविड-19 के शुरुआती मामलों में से ज्यादातर का फूड मार्केट से कोई संबंध नहीं था. हालांकि पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने थ्योरी को मानने से इंकार कर दिया था, लेकिन क्योंकि अब तक कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर कोई सबूत नहीं मिला है. इसलिए अब WHO दोबारा से इसकी जांच करना चाहता है. कोरोना वायरस की उत्पत्ति इसलिए और भी ज्यादा संदेहपूर्ण हो जाती है, क्योंकि चीन ने वुहान में रिपोर्टिंग करने वाले स्वतंत्र पत्रकारों और ब्लॉगर्स को अरेस्ट कर लिया था. 

क्या सच में ऐसी कोई थ्योरी है?
इस थ्योरी को कई कारणों से सच माना जा सकता है. हालांकि चीन लगातार इन दावों को खारिज कर रह है. जिसको लेकर कई देश अक्सर इसकी आलोचना करते रहते हैं. चीन इस बात पर जोर दे रहा है कि ये वायरस जानवरों से ही इंसानों में फैला. उसके बाद एक चीनी डॉक्टर ली वेनलियांग ने एक चैट ग्रुप में साथी डॉक्टर्स को कोरोना वायरस के बारे में चेतावनी दी थी. उन्हें चीन के सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो ने तलब किया था.  जहां पर उन पर झूठी टिप्पणी करने का भी आरोप लगा था. उस वक्त डॉक्टर पर झूठी अफवाह फैलाने का भी आरोप था.

क्या इस थ्योरी को लेकर चिंता करना जायज है?
ये थ्योरी सही है या गलत ये पता लगाना, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बेशक मदद नहीं करेगा. लेकिन अगर इस वायरस की उत्पत्ति सच में वुहान की इस लैब में हुई है तो एक्सपर्ट और साइंटिस्ट इस जानकारी का इस्तेमाल बेहतर इलाज और तेजी से वैक्सीन के विकास के लिए कर सकते हैं. इसके अलावा अगर ये थ्योरी सच में सही है तो केवल चीन ही नहीं दुनियाभर में सुरक्षित वैज्ञानिक प्रयोगशाला को एक साथ मिलकर काम करने में भी मदद मिलेगी. हालांकि अगर ये थ्योरी सच साबित हो जाती है तो ये चीन के विदेशी संबंधों को भी बदल सकता है.