चीन पर उनकी ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ उल्टी पड़ गई है. चीन में जनसांख्यिकीय संकट गहराता जा रहा है. इससे हर साल चीन की जनसंख्या में गिरावट आ रही है. इसके अलावा, वर्तमान पीढ़ी बच्चों की परवरिश नहीं करना चाहती है. बढ़ती लागत और परिवारों को पालने में कठिनाइयों, रोजगार में अनिश्चितताओं के कारण बहुत से लोग अकेले रहते हुए ज्यादा खुश हैं. इतना ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल फाइनेंस का प्रमुख केंद्र हांगकांग भी तेजी से अपनी आबादी खो रहा है. पोर्टल प्लस के अनुसार, चीन की जन्म दर में गिरावट और बुजुर्गों की आबादी में वृद्धि देखी जा रही है.
क्या है चीन की वन-चाइल्ड पॉलिसी?
दरअसल, चीन ने वन चाइल्ड पॉलिसी यानि एक बच्चे की नीति 1980 में अपनाई थी. ये चीन के जाने माने लीडर डेंग शियाओपिंग ने शुरू की थी. पॉलिसी को तब लागू किया गया था जब साल 1949 में लगभग 54 करोड़ से 1980 में जनसंख्या बढ़कर 96.9 करोड़ हो गई थी. तब जनसंख्या नियंत्रण के लिए इसे लागू किया गया था. वन चाइल्ड पॉलिसी के तहत लोगों को केवल एक ही संतान पैदा करने की छूट दी गई थी. इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार नियोजन आयोग ने लागू किया था. ये पॉलिसी इतनी कड़ी थी कि जो भी इसका उल्लंघन करता था उन्हें या तो भारी जुर्माना भरना होता था या फिर ज्यादातर मामलों में गर्भपात के लिए मजबूर कर दिया जाता था. इतना ही नहीं इसमें सिविल सर्वेंट और सरकारी संस्थानों से जुड़े लोगों तक को भी अपनी नौकरी गंवानी पड़ती थी.
अगर जुर्माना न भरें तो क्या प्रावधान थे?
बताते चलें कि अगर कोई माता-पिता जुर्माना नहीं भरते थे तो दूसरे बच्चों को नेशनल हाउसहोल्ड सिस्टम में रजिस्टर्ड नहीं किया जाता था. इसका मतलब है कि कानूनी रूप से उन बच्चों का अस्तित्व नहीं था. साथ ही उन बच्चों को देश में चल रही किसी भी स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा जैसी सामाजिक सेवाओं तक नहीं पहुंचने दिया जाता था. साथ ही इसमें किसी को भी छूट नहीं दी जाती थी. साल 2013 में फिल्म मेकर Zhang Yimou और उनकी पत्नी Chen Ting पर तीन बच्चे पैदा करने के लिए 7.48 मिलियन युआन यानि करीब 8.9 करोड़ रुपयों का जुर्माना लगाया गया था.
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार नियोजन आयोग के मुताबिक, इस कदम से पिछले कुछ सालों में चीन में जन्मों की संख्या में 40 करोड़ की कमी की गई थी.
कुछ लोगों को थी दो बच्चे करने की अनुमति
हालांकि, इन नियम में ग्रामीण परिवारों को कुछ छूट दी गई थी. इसके तहत ग्रामीण परिवारों को दो बच्चों की अनुमति थी. लेकिन ये तब थी कि अगर पहली हुई है. जबकि जातीय अल्पसंख्यकों को एक और संतान की अनुमति थी. इसे ही देखते हुए ही कुछ लोगों ने इसे वन-एंड-हाफ पॉलिसी या "डेढ़ बच्चे" नीति करार दिया था. साथ ही अगर माता-पिता दोनों अपने माता-पिता के अकेले बच्चे हैं तो उन्हें भी दूसरा बच्चा पैदा करने की अनुमति दी गई थी. हालांकि, अगर मां को जुड़वा बच्चे हो जाएं तो ऐसे में पैनेल्टी नहीं देनी होती थी.
2016 में कर दी गई पॉलिसी खत्म?
बताते चलें कि चीन ने आधिकारिक तौर पर 1 जनवरी, 2016 को अपनी वन-चाइल्ड पॉलिसी को खत्म कर दिया था. मार्च 2018 में नए नेशनल हेल्थ कमीशन ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन आयोग से जनसंख्या प्रबंधन की जिम्मेदारी भी ले ली थी. इसके अलावा, लोगों को बच्चे पैदा करने से मना करने के लिए जो भी दूसरी नीतियां थीं उन्हें भी धीरे-धीरे हटा लिया गया.