चीन ने हाल ही में दुनिया का पहला डेडिकेटेड ड्रोन कैरियर बनाया है. चीन ने इस ड्रोन कैरियर को गुपचुप तरीके से बनाया है. दुनिया का पहला डेडिकेटेड ड्रोन कैरियर बना लिया है. नेवल न्यूज ने 6 मई की एक सैटेलाइट तस्वीर के साथ इसकी सूचना दी है. इसके साथ में मिशेल इंस्टीट्यूट में एयरोस्पेस और चीन स्टडी के सीनियर रेजिडेंट फेलो जे माइकल डेहम से मिली जानकारी का उपयोग करते हुए इसकी सूचना दी है.
वेबसाइट में कहा गया है, "हमें विश्वास है कि यह जहाज दुनिया का पहला डेडिकेटेड फिक्स्ड-विंग ड्रोन कैरियर है."
रहस्यमय जहाज का खुलासा
चीन ने 2022 में अपने चौथी कैरियर डेवलपमेंट को चिह्नित करते हुए इस इसे बनाना शुरू किया था. यांग्त्जी में एक शिपयार्ड के भीतर इस कैरियर को रखा गया है. चीन ने इसे अपनी समुद्री रक्षा के लिए बनाया है. हालांकि, दूसरे कैरियर की तुलना में ये आकार में छोटा दिखाई देता है. लेकिन इसके आकार पर मत जाइए, इसे विशेष रूप से फिक्स्ड-विंग ड्रोन के साथ काम करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो अपने आप में काफी अनोखी बात है.
दूसरों से काफी अलग है ये
यह ड्रोन कैरियर सामान्य ड्रोन कैरियर से अलग है. सामान्य कैरियर की तुलना में लगभग एक तिहाई लंबाई और आधी चौड़ाई के साथ इसका फ्लाइट डेक आकार में छोटा है. यह दूसरे विश्व युद्ध में उपयोग किए गए उन छोटे कैरियर की तरह ही दिखता है. इसके एक तरफ रनवे है और दूसरी तरफ एक ऊंचा स्ट्रक्चर है जिसे आइलैंड कहा जाता है. साथ ही, पतवार का आकार कैटामरन जैसा है. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि फ्लाइट डेक काफी नीचे है, जिसका मतलब है कि नीचे शायद कोई हैंगर नहीं है. यह सेटअप बताता है कि कैरियर विशेष रूप से ड्रोन मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है.
ड्रोन की क्षमताएं
एक्सपर्ट्स का मानना है कि कैरियर का फ्लाइट डेक 65 मीटर तक के पंखों वाले ड्रोन को संभालने के लिए काफी बड़ा है, जैसे कि यूएस प्रीडेटर ड्रोन का चीन वर्जन. जबकि J-20 जैसे विमानों को एक ही समय में उड़ान भरने और उतरने में कठिनाई हो सकती है. कैरियर का सेटअप ड्रोन को लॉन्च करने और उसके वापस आने के लिए एकदम सही लगता है.
चीन अपनी नौसेना में कर रहा सुधार
पूर्वी एशिया में युद्ध और रणनीति के बारे में समझ रखने वाले प्रोफेसर एलेसियो पटालानो के अनुसार, कैरयिर के छोटे आकार और पतवार डिजाइन से पता चलता है कि यह ड्रोन लॉन्च करने के लिए ही है. इस तरह का कैरियर होना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) के लिए एक बड़ी बात होगी. इससे उन्हें ड्रोन का उपयोग करने का एक मजबूत तरीका मिलेगा. इससे पता चलता है कि चीन अपनी नौसेना में सुधार करने और नौसैनिक युद्धों के तरीके को बदलने के बारे में गंभीर है.