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Who was Abu Qatal: हाफिज़ सईद का करीबी, जम्मू-कश्मीर पर कई हमलों का जिम्मेदार... पाकिस्तान में मारा गया लश्कर-ए-तैयबा का मोस्ट वांटेड आतंकी अबु कताल कौन था?

Who was Abu Qatal: अबू क़ताल का असली नाम ज़िया-उर-रहमान था. उसकी उम्र 43 साल थी. हाफिज़ सईद का क़रीबी क़ताल जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार था.

आतंकी अबु कताल. (काले कुर्ते में) आतंकी अबु कताल. (काले कुर्ते में)
हाइलाइट्स
  • पाकिस्तान में शनिवार रात मारा गया अबू क़ताल

  • हमलावरों ने की 15-20 राउंड फायरिंग

लश्कर-ए-तैयबा के मोस्ट वांटेड आतंकवादी अबू क़ताल (Abu Qatal) की शनिवार रात पाकिस्तान में हत्या कर दी गई. आतंकवादी संगठन के एक प्रमुख सदस्य क़ताल पर जम्मू-कश्मीर में कई हमलों की योजना बनाने के लिए जिम्मेदार था. 

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अबू क़ताल शाम सात बजे के आसपास झेलम इलाके में अपने सुरक्षा गार्ड के साथ यात्रा कर रहा था. इसी वक्त अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी शुरू कर दी. हमलावरों ने 15 से 20 राउंड फायरिंग की. इसमें अबू क़ताल और उसके एक सुरक्षा गार्ड की मौके पर ही मौत हो गई. एक अन्य गार्ड गंभीर रूप से घायल भी हो गया. 

कौन था अबू क़ताल?
अबू क़ताल का असली नाम ज़िया-उर-रहमान था. उसे पाकिस्तानी सेना की ओर से कड़ी सुरक्षा दी जा रही थी. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी और सादे कपड़ों में पाकिस्तानी सैन्यकर्मी दोनों ही उसकी सुरक्षा में तैनात थे. 

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अबू क़ताल को 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज़ सईद के करीबी के तौर पर जाना जाता है. वह हाफिज़ सईद ही था जिसने क़ताल को लश्कर का चीफ ऑपरेशनल कमांडर नियुक्त किया. हाफिज़ क़ताल को कश्मीर में बड़े हमले करने का आदेश दिया करता. और वह इन हमलों को अंजाम देता था. 

राजौरी 2023 में क़ताल का नाम शामिल
दिन था एक जनवरी 2023. राजौरी के ढांगरी गांव में भारतीय नागरिकों को निशाना बनाकर आतंकी हमला किया गया. हमले के अगले दिन एक आईईडी (IED) विस्फोट हुआ. हमलों में दो बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई. कई अन्य गंभीर रूप से घायल भी हो गए. एनआईए ने राजौरी हमलों के मामले में लश्कर के तीन पाकिस्तानी संचालकों सहित पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. 

इन्हीं में से एक नाम था क़ताल का. एनआईए की जांच के अनुसार, क़ताल और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों और सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान से लश्कर के आतंकवादियों की भर्ती और भेजने की साजिश रची थी. वह 20 अप्रैल, 2023 को भट्टा/दुरिया आतंकी हमले में भी शामिल था. इस हमले में सेना के पांच जवान मारे गए थे और उनके शवों को लहूलुहान कर दिया गया था. 

नौ जून के हमले के लिए भी जिम्मेदार
नौ जून 2024 को जम्मू की शिव खोरी गुफा से कटरा की ओर जा रही तीर्थयात्रियों की बस पर हमला भी क़ताल की अगुवाई में ही हुआ था. इस हमले में नौ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 41 अन्य घायल हो गए थे. सीधे हमलों के अलावा क़ताल पीपल्स एंटी-फासिस्ट फोर्स (PAFF) और द रेजिस्टेंस फोर्स (TRF) जैसे आतंकवादी संगठनों की स्थापना के लिए भी जिम्मेदार था.

सेना के निशाने पर था क़ताल
सेना समेत कई सुरक्षा एजेंसियां ​​जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं में उसकी भूमिका के लिए क़ताल पर नज़र रख रही थीं. वह न सिर्फ जम्मू-कश्मीर के पुंछ-राजौरी क्षेत्र में आतंकवादी हमलों की योजना बनाने में शामिल लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य संचालक था, बल्कि वह सैफुल्लाह साजिद जट्ट के साथ मिलकर इस क्षेत्र में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों का मुख्य संचालक भी था. 

वह पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के कोटली जिले में स्थित लश्कर के खुइरट्टा इलाके का प्रभारी था. इंडिया टुडे ने विशेष रूप से प्राप्त डोजियर के हवाले से बताया है कि अबू क़ताल लश्कर कैडर और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के सिंध प्रांत में ऑपरेटरों के बीच मुख्य कड़ी था. उसने सन् 2000 की शुरुआत में जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ की थी और वर्ष 2005 में वह यहां से भाग निकला था.