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मोबाइल निर्माता कंपनी एप्पल का इतिहास और कंपनी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें

साल 1975 में स्टीव जॉब्स और स्टीव वोज्नियाक कंप्यूटर बनाने का कार्य कर रहे थे. कंपनी की स्थापना 1 अप्रैल 1976 को की गई. 3 जनवरी को कंपनी का नाम एप्पल कंप्यूटर इंक कर दिया गया. अमेजन, गूगल और फेसबुक के बाद एपल दुनिया की बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी है. एपल दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी भी है.

Apple incorporated as Apple Inc on 3rd January Apple incorporated as Apple Inc on 3rd January
हाइलाइट्स
  • 1 अप्रैल 1976 को की गई थी स्थापना

  • अपने आप में एक ब्रांड हैं स्टीव जॉब्स

अमेरिकन कंपनी एप्पल दुनिया की सबसे शक्तिशाली कंपनियों में से एक है. एप्पल आज अपने स्पेशल कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और अन्य गैजेट्स के माध्यम से पूरे विश्व में एक विश्वसनीय ब्रांड बन चुका है. कंपनी अपने ग्राहकों की जानकारी की सुरक्षा और गोपनीयता से कोई समझौता नहीं करती, जिसकी वजह से लोगों का इस पर हमेशा से विश्वास रहा है.

एप्पल का इतिहास
साल 1975 में स्टीव जॉब्स और स्टीव वोज्नियाक कंप्यूटर बनाने का कार्य कर रहे थे. कंपनी की स्थापना 1 अप्रैल 1976 को की गई. 3 जनवरी को कंपनी का नाम एप्पल कंप्यूटर इंक कर दिया गया. अमेजन, गूगल और फेसबुक के बाद एपल दुनिया की बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी है. एपल दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी भी है.

इसके बाद 16 अप्रैल 1977 को वोज्नियाक द्वारा बनाया गया एप्पल द्वितीय लांच किया गया. जिसके बाद मई 1980 को IBM और Microsoft जैसी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के उद्देश्य से Apple तृतीय को लांच किया गया. 12 दिसंबर 1980 को एप्पल कंपनी ने अपना आईपीओ लांच किया. जिसकी कीमत $24 प्रति शेयर थी जिसके बाद Apple एक सार्वजनिक कंपनी बन गई. जिसकी वर्तमान में कीमत $220 प्रति शेयर से भी अधिक है.

स्टीव जॉब्स - एक ब्रांड
स्टीव जॉब्स की पहचान न सिर्फ एप्पल के सह-संस्थापक के तौर पर है, बल्कि उन्हें टेक्नोलॉजी की दुनिया का सबसे बड़ा नाम भी माना जाता है. आज स्टीव जॉब्स अपने आप में एक ब्रांड हैं. साल 1985 में कंपनी के सीईओ जॉन स्कली से विवाद के चलते निदेशक मंडल की बैठक में स्टीव जॉब्स को प्रबंधकीय कार्यों से मुक्त कर दिया गया था, जिसके बाद जॉब्स ने एप्पल से इस्तीफा दे दिया. हालांकि 12 साल बाद यानी साल 1997 में नुकसान में चल रही एप्पल कंपनी ने स्टीव जॉब्स को वापस लौटने का प्रस्ताव दिया. उन्होंने कंपनी में लौटते ही विभिन्न परियोजनाओं को रद्द कर दिया और एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया, जिसका नाम था 'थिंक डिफ़्रेंट' यानी 'कुछ नया सोचिए' रखा. जॉब्स के नेतृत्व में कंपनी में फिर से ग्रोथ करने लगी. साल 2004 में जॉब्स ने कैंसर के चलते सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया और टीम कुक कंपनी के नए सीईओ बनें.

एप्पल के बारे में कुछ रोचक तथ्य
एप्पल की सेवाओं की अगर बात करें तो आईट्यून या एप्पल म्यूज़िक, एप्पल ऐप स्टोर, आईक्लाउड और एप्पल प्ले इनमें शामिल हैं. ये सभी एप्पल की कमाई का एक बड़ा जरिया हैं. अप्रैल से लेकर जून 2018 के बीच एप्पल की सेवाओं से आने वाली कमाई में 31 फसदी वृद्धि हुई. एप्पल कंपनी में कार्य करने वाला हर तीसरा आदमी भारतीय है. पूरी दुनिया में Apple के लगभग 83,000 कर्मचारी है. एप्पल कंपनी हर 1 मिनट में 300,000$ कमाती है. इस कंपनी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जापान में एक आदमी iPhone 6 खरीदने के लिए 7 महीने तक लाइन में लगा रहा.