कोविड-19 वैक्सीन नोवावैक्स (Novavax) को इंडोनेशिया में इमरजेंसी अप्रूवल मिल चुका है. यह विश्व का पहला ऐसा देश है जहां इसे अप्रूवल दिया गया है. कंपनी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. सरकार के मुताबिक, इंडोनेशिया को इस साल टीके की 20 मिलियन खुराक मिलने की उम्मीद है.
नोवावैक्स कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ने रॉयटर्स को बताया कि सोमवार को इंडोनेशिया में नोवावैक्स वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल मिल चुका है. Novavax Inc को उम्मीद है कि भारत, फिलीपींस और अन्य जगहों पर रेगुलेटर्स एक सप्ताह के भीतर निर्णय ले लेंगे.
बेचा जायेगा भारतीय कंपनी के ब्रांड नाम ‘कोवोवैक्स’ के तहत
दुनिया की सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट इन इंडिया (SII) इंडोनेशिया के लिए वैक्सीन डोज बनाएगी. जानकारी हो कि इस वैक्सीन को भारतीय कंपनी के ब्रांड नाम ‘कोवोवैक्स’ के तहत बेचा जाएगा. नोवावैक्स ने बताया कि इंडोनेशिया में शुरुआती शिपमेंट जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है.
Novavax और SII मिलकर देंगे 110 करोड़ डोज
चीफ एग्जीक्यूटिव स्टेनली एर्क ने रॉयटर्स को बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी नोवावैक्स की रेगुलेटरी फाइलिंग की समीक्षा कर रहा है और अमेरिकी दवा निर्माता को उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में समीक्षा पूरी हो जाएगी.
WHO की ओर से हरी बत्ती मिलने पर COVAX प्रोग्राम के तहत नोवावैक्स की शिपिंग शुरू की जाएगी. आपको बता दें कि COVAX प्रोग्राम में कम आय वाले देशों को वैक्सीन शॉट्स की आपूर्ति की जाती है. Novavax और SII मिलकर COVAX को 110 करोड़ से अधिक डोज प्रदान करने वाले हैं.
एर्क कहते हैं, "मुझे लगता है कि हम इस साल हम COVAX के लिए कुछ ही डोज दे पाएंगे. अगले साल 2022 की पहली तिमाही में हम बड़ी मात्रा में COVAX को शिप करने में सक्षम होंगे.
एर्क ने बताया कि नोवावैक्स ने मैन्युफैक्चरिंग से जुडी सभी चुनौतियों का समाधान कर लिया है. नोवावैक्स को लेकरअमेरिका की एफडीए से बातचीत चल रही है, अगले कुछ हफ्तों में हम पूरे सब्मिशन की उम्मीद करते हैं.
नोवावैक्स ने अब तक यूके, ऑस्ट्रेलिया, भारत और फिलीपींस सहित विभिन्न देशों में इमरजेंसी अप्रूवल के लिए आवेदन किया है.
दूसरे टीकों से है अलग
दरअसल, नोवावैक्स वैक्सीन वर्तमान में उपयोग में लाए जा रहे टीकों से अलग तकनीक से बनाई गयी है. कंपनी के अनुसार, इस वैक्सीन से गरीब देशों को काफी सहायता मिलेगी. इसके लिए किसी विशेष तापमान यानि मिनिमन या मैक्सिमम टेम्परेचर की जरूरत नहीं होगी. और इसी कारण गरीब से गरीब देश भी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. आपको बताते चलें कि ये 2 डोज वाली वैक्सीन है. यह फाइजर और मॉडर्ना जैसे एम-आरएनए (mRNA) टीकों से काफी अलग है, जो शरीर को अपने खुद के स्पाइक प्रोटीन बनाने के लिए निर्देश देता है.
कंपनी की मानें तो नोवावैक्स के शेयरों में लगभग 13% की वृद्धि हुई है. जब कंपनी ने यह कहा कि उन्होंने कनाडा और यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी को वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए एक आवेदन दायर किया है, तब कंपनी के शेयरों में वृद्धि देखने को मिली.