Tesla के सीईओ और अरबपति एलन मस्क आखिरकार ट्विटर के ऑफिस पहुंच गए. मस्क ने जिस तरह से एंट्री का उसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. अदालत के आदेश के अनुसार शुक्रवार तक 44 बिलियन डॉलर की इस डील को पूरा होना है. डील से दो दिन पहले एलन मस्क ने अपना ट्विटर बायो भी चेंज कर लिया. उन्होंने पहले अपने ट्विटर प्रोफाइल में लोकेशन को 'ट्विटर हेडक्वॉर्टर' किया. इसके बाद उन्होंने बायो में 'चीफ ट्वीट' लिखा. एलन मस्क ट्विटर के सैन फ्रांसिस्को स्थित हेड क्वॉर्टर पहुंचे थे.
दरअसल, एलन मस्क ने जो वीडियो ट्वीट किया है, उसमें वह ट्विटर हेड क्वॉर्टर में एक सिंक ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. वह खुद ही सिंक को उठाकर ऑफिस में एंट्री करते हैं. उन्होंने इस वीडियो के कैप्शन में लिखा, 'Entering Twitter HQ – let that sink in!'. मस्क के इस ट्वीट से अंदाजा लगाया जा रहा है कि ट्विटर के अगले बॉस वही होंगे.
मस्क 44 बिलियन डॉलर वाली ट्विटर डील को बंद करने में जुटे हैं. एलन मस्क ने इस साल 13 अप्रैल को ट्विटर खरीदने का ऐलान किया था. हालांकि बाद में उन्होंने इसे होल्ड पर रख दिया था. अब वो दोबारा इसे क्लोज करने में जुटे हैं. वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस डील से जुड़े लोगों का हवाला देते हुए बताया कि बैंकों ने Musk के ट्विटर पर अधिग्रहण के लिए 13 बिलियन डॉलर की रकम भेजने की शुरुआत कर दी है.
क्या है ट्विटर की कहानी?
मार्च 2006 में टेक सेवी इंटरप्रेन्योर जैक डोर्सी (Jack Dorsey), बिज स्टोन (Biz Stone) और इवान विलियम्स (Biz Stone) ने ट्विटर की स्थापना की. इसके नाम का आइडिया टीम को Flickr शब्द सुनकर आया जिसके बाद उन्होंने इस नीली चिड़िया वाली ड्रीम कंपनी को twttr कह कर पुकारा. Jack Dorsey ने अपने पहले ट्वीट में लिखा- 'just set up my twttr'.जुलाई 2006 में इसे लॉन्च किया गया. 15 जुलाई 2006 तक ट्विटर की माइक्रोब्लॉगिंग सेवा आधिकारिक रूप से आम जनता (ट्विटर यूजर्स) के लिए मुहैया हो गई.
हालांकि, शुरुआती कुछ महीनों बाद ही शेयरहोल्डर्स को लगा कि इस कंपनी का कोई भविष्य नहीं है और उन्होंने अपने शेयर बेच दिए. आज उसी ट्विटर को दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलॉन मस्क (Elon Musk) ने 44 अरब डॉलर (करीब 3.36 लाख करोड़ रुपये) में खरीद लिया.
नशे में आया आइडिया
इसका आइडिया जैक डार्सी और नोआ ग्लास को आया था. दोनों बातचीत कर रहे थे और बहुत ही नशे में थे जब उन्हें ट्वीटर का आइडिया आया.दोनों ODEO नाम की कंपनी से जुड़े थे. नोआ इस कंपनी के को-फाउंडर थे तो जैक इस कंपनी में वेब डेवलपर का काम करते थे. ODEO उस समय घाटे में चल रही थी.
उस रात नशे में जैक डोर्सी ने नोआ से कहा, 'मेरे लिए यहां अब कुछ नहीं है. मैं सब छोड़कर फैशन डिजाइनर बनना चाहता हूं.' तब नोआ ने कहा, 'इरादा तो मेरा भी ऐसा ही है, लेकिन असल में तुम करना क्या चाहते हो?' जवाब में जैक ने कहा, 'एक ऐसी वेबसाइट बनाना चाहता हूं, जिस पर लोग अपना करेंट स्टेटस बताएं. वो क्या कर रहे हैं? क्या सोच रहे हैं?' आखिर में नोआ ने कहा, 'प्लान तो अच्छा है. इस पर काम करते हैं.' यहीं से मीटिंग का दौर शुरू हुआ और ट्विटर आया. कुछ दिनों बाद इसका नाम भी twttr से बदलकर Twitter कर दिया गया.