इजरायल की सेना गाजा पट्टी में जमीनी हमले के लिए पूरी तरह से तैयार है. सेना हाईटेक टैंक, मिसाइल और अत्याधुनिक हथियारों के साथ गाजा पट्टी के बॉर्डर पर तैनात है. इजरायल ने अपने सबसे घातक मर्कावा टैंक को भी बॉर्डर पर तैनात किया है. ये इजरायल के सबसे घातक और विनाशक हथियारों में से एक है. मर्कावा टैंक इजरायली डिफेंस फोर्स की रीढ़ है. इसकी गिनती दुनिया के बेहतरीन टैंकों में होती है. हमला करने से पहले ये टैंक दुश्मनों की पहचान करता है, उसके बाद उसको तबाह कर देता है. चलिए आपको मर्कावा टैंक की खासियत बताते हैं.
इजरायल की ताकत बढ़ा रहा मर्कावा टैंक-
मर्कावा टैंक का 5वां वर्जन इजरायली सेना का सबसे आधुनिक और खतरनाक हथियार है. साल 1973 में इजरायल ने इस टैंक को बनाया था. जबकि साल 1979 में इसको सेना में शामिल किया गया था. मर्कावा टैंक के 4 वर्जन पहले ही इजरायली डिफेंस फोर्स में सेवा दे चुके हैं. फिलहाल मर्कावा टैंक का 5वां वर्जन इजरायली सेना की ताकत बढ़ा रहा है. ये टैंक आधुनिक और तकनीक से लैस है.
मर्कावा टैंक का 5वां वर्जन सबसे खतरनाक-
मर्कावा टैंक का नया वर्जन मर्कावा-5 सबसे खतरनाक है. इस टैं में मॉर्डन और इंटीग्रेटेड हथियार हैं. इसकी ऑपरेशन क्षमता और इसका 360 डिग्री एक्टिव डिफेंस सिस्टम इसे काफी ताकवतर बनाता है. इसके लिए इसमें डे/नाइट कैमरे लगाए गए हैं. मर्कावा का मॉडल नेम बराक है. हिब्रू में बराक का मतलब बिजली होता है. साल 1982 के लेबनान युद्ध में मर्कावा टैंक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था.
AI से लैस मर्कावा टैंक-
इजरायली डिफेंस फोर्स का मर्कावा टैंक AI से लैस है. ये हमला करने से पहले दुश्मन की पहचान करता है और उसके बाद उनको तबाह कर देता है. इस टैंक को इस तरह से तैयार किया गया है कि ये खुद अपने आसपास के इलाकों की निगरानी कर लेता है. इसमें कटिंग एज, डिजिटल तकनीक लगी है. ये टैंक दुश्मन के ग्रेनेड और ड्रोन हमलों को भी झेल लेता है.
4 किमी तक दाग सकता है गोला-
मर्कावा टैंक से 4 किलोमीटर तक गोला दागा जा सकता है. मर्कावा टैंक एक 120 एमएम की बोर गन से लैस है. इसकी मदद से ऊंचाई से आने वाले हथियारों को भी तबाह किया जा सकता है. इसमें 7.62 एमएम की 2 मशीन गन लगाया गया है.
टैंक कमांडर के पास एक डिजिटल हेलमेट होता है, जो वॉरजोन का 3डी व्यू देता है. ये हेलमेट टारगेट के बारे में सारी जानकारी देता है. इसकी मदद से ये भी पता चलता है कि किस हथियार का इस्तेमाल कब करना है. इतना ही नहीं, टैंक को युद्ध में कितना नुकसान हुआ है. इसकी भी जानकारी देता है. इसके अलावा इसमें रडार सिस्टम, ऑप्टिकल वॉर्निंग सिस्टम भी है.
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