जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे नहीं रहे. पूर्व पीएम की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की. लेकिन उनको नहीं बचाया जा सका. शिंजो आबे को नारा शहर में एक चुनावी सभा में गोली मारी गई थी. हमलावर ने आबे को पीछे से दो गोली मारी थी. गोली लगने के बाद शिंजो आबे जमीन पर गिर गए. वहां मौजूद डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज किया. इसके बाद एयरलिफ्ट करके उनको अस्पताल ले जाया गया. घटना स्थल पर ही काफी खून बह गया था और जरूरी अंग काम नहीं कर रहे थे. अस्पताल में डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया. बताया जा रहा है कि शिंजो आबे को सीने और गर्दन में गोली लगी थी.
पुलिस की गिरफ्त में हमलावर-
67 साल के शिंजो आबे पर गोली चलाने वाले शख्स को पुलिस ने पकड़ लिया है. बताया जा रहा है कि गोली चलाने के बाद हमलावर ने भागने की कोशिश नहीं की. वो वहीं खड़ा रहा. फौरन पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया. हमलावर ग्रे टी-शर्ट पहने हुए था. घटना स्थल से एक बंदूक भी बरामद की गई है. बताया जा रहा है कि ये बंदूक हमलावर की ही है. शिंजो आबे पर पीछे से हमला किया गया. शिंजो की सुरक्षा के लिए कई पुलिसवाले मौजूद थे. लेकिन वे इस हमले को रोक नहीं पाए.
कौन है हमलावर-
पूर्व सीएम शिंजो आबे पर हमला करने वाले शख्स की उम्र 41 साल बताई जा रही है. उसका नाम तेत्सुया यमागमी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावर पूर्व नौसैनिक है. हमलावर तेत्सुया जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ) का पूर्व सदस्य है. ये फोर्स जापान की नौसेना का वायफेयर फ्रंट है. वह पहले शिक्षण संस्थान में काम कर चुका है. फिलहाल पुलिस हमलावर से पूछताछ कर रही है. लेकिन अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि उसने पूर्व पीएम पर गोली क्यों चलाई. उसका क्या मकसद था. अभी इसको लेकर कोई खुलासा नहीं हुआ है. हालांकि हमलावर ने कहा है कि उसने देसी बंदूक से शिंंजो आबे पर हमला किया था.
जापान में सख्त है गन कानून-
जापान में हथियार को लेकर काफी सख्त कानून है. साढ़े 12 करोड़ की आबादी वाले जापान में बहुत कम लोगों के पास बंदूक है. जपान में बंदूक का लाइसेंस लेने के लिए कड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
कौन थे शिंजो आबे-
शिंजो आबे जापान के पूर्व प्रधानमंत्री थे. सबसे लंबे समय तक जापान के प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड उनके नाम था. साल 2020 में शिंजो आबे ने बीमारी की वजह से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. आबे को अल्जाइमर कोलाइटिस से पीड़ित थे. शिंजो 2006 से साल 2012 में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष रहे थे.
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