गाजा में बंधकों को बचाने के लिए इजरायली सैनिकों के सामने कई चुनौतियां हैं. इसमें से सबसे बड़ी चुनौती है हमास का टनल नेटवर्क. ये सुरंगें, सैकड़ों किलोमीटर लंबी और 80 मीटर तक गहरी हैं. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये सुरंग करीब 500 किलोमीटर लंबी है. ये सुरंगे हमास अपने बंकर, स्टोरेज और अलग-अलग गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करता है.
इजरायली सैनिकों के सामने बड़ी चुनौती
अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि इन सुरंगों में हमास के आतंकवादियों से निपटने के दौरान इजरायली सैनिकों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. इतना ही नहीं बल्कि इसके साथ जमीन के नीचे रखे गए बंधकों को नुकसान पहुंचाने से बचने का प्रयास करना होगा.
ये कितना मुश्किल है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिकी रक्षा सचिव, लॉयड ऑस्टिन ने स्थिति की तुलना ISIS से मोसुल को वापस लेने के लिए इराक की लड़ाई से की है.
इस सुरंग से है बड़ा खतरा
इन सुरंग का पता इजरायल ने टेक्नोलॉजी के जरिए लगाया है. हालांकि, इजराइल के बड़े निवेश के बावजूद, माना जा रहा है कि हमास अभी भी बाहरी दुनिया से जुड़ने वाली इन सुरंगों का बढ़-चढ़कर इस्तेमाल कर रहा है.
बता दें, गाजा में हमास के नेता येह्या अल-सिनवार ने दावा किया है कि इजरायल ने 20% सुरंगों को नष्ट कर दिया है. हालांकि इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कई एक्सपर्ट्स ने इस बात को माना है कि इस टनल नेटवर्क को कुछ हद तक खत्म कर दिया है.
सुरंगों का अपना महत्व है
पिछले कई सालों से इजरायल गाजा की वायु और समुद्री पहुंच और बॉर्डर्स को कंट्रोल करता है. इसी को देखते हुए ये सुरंगें हमास के लिए हमेशा से एक हथियार का काम करती हैं. इसके अलावा, इन सुरंगों में हमास अपने जरूरी उपकरण और व्यक्तियों को लाने- ले जाने का काम करता है.
हमास की रणनीति का जरूरी हिस्सा है ये सुरंग
मौजूदा समय की बात करें, तो इजरायल के सुरक्षा सूत्रों से पता चलता है कि भारी हवाई बमबारी का सुरंग के बुनियादी ढांचे पर प्रभाव पड़ा है. हालांकि, हमास अभी भी पट्टी के नीचे सुरंगों से हमला करने में सक्षम है. ये सुरंगें एक तरह का बड़ा नेटवर्क हैं जिसमें बंकर, हेडक्वाटर, स्टोरेज फैसिलिटी और रॉकेट लॉन्चिंग जगह शामिल हैं, ये 40-80 मीटर की गहराई तक फैले हुए हैं।
कब हुआ था इनका निर्माण?
गौरतलब है कि हमास ने 1990 के दशक के मध्य में सुरंग निर्माण शुरू किया. ये वो समय था जब गाजा में कुछ हद तक हमास का शासन था. 2005 में गाजा से इजरायल की वापसी और हमास के सत्ता में आने के बाद से ये सुरंगें और भी ज्यादा फैलती गईं.
इन कुछ सालों में, हमास ने सुरंग युद्ध (tunnel warfare) में महारत हासिल कर ली है. वे इसका उपयोग हमलों, तस्करी और अलग-अलग अभियानों को अंजाम देने के लिए करते हैं. सुरंगें वेस्ट बैंक में इजरायली हमलों को रोकने के साधन के रूप में भी काम करती हैं.
सुरंग और आगे की चुनौतियां
सुरंग के खतरे का सामना करने के लिए, इजरायल के पास याहलोम जैसी स्पेशल यूनिट हैं, जिन्हें "वीजल्स" के रूप में जाना जाता है, जो सुरंगों का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने में माहिर हैं. हालांकि, इजरायली सूत्रों का अनुमान है कि आगे एक चुनौतीपूर्ण मिशन होगा. और ये ऐसे दुश्मन हैं जिनके पास नए हथियार हैं, जिनमें थर्मोबेरिक हथियार और एंटी-टैंक सिस्टम शामिल हैं.