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Hamas: Ismail Haniyeh की हत्या के बाद अब हमास का क्या होगा, जानिए कौन हैं हमास के टॉप लीडर

Hamas Group: हमास पॉलिटिकल ग्रुप(Hamas) के चीफ इस्माइल हानिया(Ismail Haniyeh) की एक हमले में मौत हो गई. इस्माइल हानिया ईरान(Iran) के प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. इस समारोह के बाद हानिया की हत्या की गई है.

Hamas Leaders(Photo Credit: AP) Hamas Leaders(Photo Credit: AP)

Hamas Group: हमास पॉलिटिकल ग्रुप(Hamas) के चीफ इस्माइल हानिया(Ismail Haniyeh) की एक हमले में मौत हो गई. इस्माइल हानिया ईरान(Iran) के प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. इस समारोह के बाद हानिया की हत्या की गई है.

ईरान की राजधानी तेहरान में हुए इजरायली हमले में हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत हो गई. इस इजरायली हमले में हानिया के साथ उनके बॉडीगार्ड की भी मौत हो गई. ईरानी सुरक्षाबलों और हमास ने इसकी पुष्टि की है. हमास  ग्रुप ने इस्माइल हानिया की मौत को हत्या बताया है.

न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार, ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने कहा कि तुरंत इस घटना का कारण स्पष्ट नहीं था लेकिन इसकी जांच की जा रही है.

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हमास के मुताबिक, इस्माइल हानिया मंगलवार को नए ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. इसके बाद हानिया की मौत हुई है.

हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद अब हमास का क्या होगा? हमास ग्रुप क्या है और उसके टॉप लीडर कौन-कौन हैं? आइए हमास के बारे में सब कुछ जानते हैं.

हमास क्या है?
हमास फिलीस्तीन का एक पॉलिटिकल ग्रुप है. हमास का पूरा नाम हरकत अल-मुकावमा अल-इस्लामिया है. हमास की स्थापना साल 1987 में फिलीस्तीनी आंदोलन के दौरान हुई थी. हमास इजरायल के खिलाफ कई हमलों में शामिल रहा है.

2006 में हुए संसदीय चुनाव में हमास ने जीत दर्ज की. इसके बाद हमास ने गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक के इलाकों में पॉलिटिकल सत्ता पा ली.

साल 2007 के बाद से हमास गाजा से अपना पूरा काम देखता है. हमास हमेशा से इजरायल पर कब्जा करना चाहता है. इसके लिए 2007 से हमास इजरायल से जंग लड़ रहा है.

हमास- आतंकी समूह
हमास को शिया ईरान का समर्थन है. हमास ईरान, लेबनान और सीरिया में शिया हिजबुल्लाह गठबंधन का भी हिस्सा है. ईरान हमास को पैसा देता है. साथ ही हथियार और ट्रेनिंग में भी काफी मदद करता है.

हमास को कई देशों ने आतंकवादी समूह माना है. इन देशों में अमेरिका, यूके, यूरोपियन यूनियन, कनाडा और जापान जैसे कई देश शामिल हैं.

हमास के सभी बड़े फैसले हमास का पॉलिटिक ग्रुप लेता है. हमास पॉलिटिकल ग्रुप को शूरा काउंसिल का सपोर्ट है. हर चार साल में शूरा काउंसिल हमास पॉलिटिकल ग्रुप के चीफ को चुनती है.

इस्माइल हानिया इसी हमास पॉलिटिकल ग्रुप के मुखिया थे. हानिया ने साल 2017 में खालिद मशाल की जगह ली थी.

हमास के टॉप लीडर
हमास पॉलिटिकल ग्रुप के चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद अब इस ग्रुप का नया चीफ बनेगा. हमास पॉलिटिकल ग्रुप के कुछ बड़े लीडर हैं जो हानिया की जगह ले सकते हैं.

1. याह्या सिनवार
याह्या सिनवार गाजा पट्टी में हमास मूवमेंट के एक बड़े लीडर हैं. सिनवार हमास ग्रुप की एक सिक्योरिटी सर्विसेस मजद के संस्थापक भी हैं. याह्या सिनवार तीन बार गिरफ्तार हो चुके हैं.

सिनवार इजरायल में पांच साल तक बंदी थे. सिनवार उन 1 हजार बंदियों में से एक थे जिनको इजरायल ने एक इजरायली सैनिक के बदले रिहा किया था. अमेरिका ने साल 2015 में इंटरनेशनल आतंकवादी घोषित किया.

2. मोहम्मद दीफ
मोहम्मद दीफ हमास के टॉप लीडर में से एक है. मोहम्मद दीफ हमास की एक मिलिट्री विंग इज अल दीन अल-कस्साम ब्रिगेड के चीफ हैं. मोहम्मद दीफ की कई बार हत्या करने की कोशिश की गई लेकिन दीफ बच गए.

बीबीसी के अनुसार, मोहम्मद दीफ को इजरायली द कैट विद नाइन लाइव्स के नाम से बुलाते हैं. मोहम्मद दीप लोगों के बीच कम दिखाई देते हैं और कम बोलते हैं. उन्होंने कई सुसाइड बॉम्बिंग की प्लानिंग की जिससे दर्जनों इजरायली लोगों की मौत हुई है.

3. खलीद मशाल
बीबीसी के अनुसार, खलीद मशाल हमास के संस्थापक मेंबर में से एक हैं. खलीद मशाल का जन्म साल 1956 में वेस्ट बैंक के सिलवाड़ में हुआ. साल 1967 तक वो और उनका परिवार वेस्ट बैंक में ही रहा.

इजरायल के कब्जे के बाद खलीद अपनी फैमिली के साथ कुवैत चले गए. साल 1987 में खलीद और अन्य लोगों ने हमास की स्थापना की. साल 1996 में खलीद हमास पॉलिटिकल ब्यूरो के चीफ बने. खलीद मशाल साल 2017 तक हमास के चीफ बने रहे.

4. महमूद ज़हर
महमूद ज़हर हमास के सीनियर लीडर में से एक हैं. महमूद जहर का जन्म साल 1945 में गाजा शहर में हुआ था. महमूद ज़हर पेशे से डॉक्टर रह चुके हैं.

साल 1988 में इजरायल ने ज़हर को बंदी बना लिया. बाद में 1992 में महमूद ज़हर को लेबनान भेज दिया गया. लेबनान में ज़हर की हत्या की कोशिश की गई लेकिन जहर बचकर गाजा चले गए. महमूद ज़हर फिलीस्तीन के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं.