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यूरोप में पड़ रही गर्मी से जंगलों में लगी आग? आखिर क्यों यूरोप हीट वेव हॉट ​स्पॉट बन रहा है? क्या भारत पर भी होगा इसका असर

Europe Is Becoming a Heat Wave Hot Spot: धरती का औसत तापमान बढ़ने से दुनिया के अलग-अलग हिस्से रिकॉर्ड गर्मी की चपेट में आ गए हैं. जून और जुलाई में एशिया, यूरोप और अफ्रीका में पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार कर गया. इस तरह की भीषण गर्मी से इंसान के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ता है.

Europe/ Reuters Photo Europe/ Reuters Photo
हाइलाइट्स
  • ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से मौसम में यह खतरनाक बदलाव आया है. 

  • यूरोप और अफ्रीका में पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार कर गया.

धरती का औसत तापमान बढ़ने से दुनिया के अलग-अलग हिस्से रिकॉर्ड गर्मी की चपेट में आ गए हैं. जून और जुलाई में एशिया, यूरोप और अफ्रीका में पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार कर गया. यूरोप की गर्मी का प्रकोप अब उत्तर की ओर बढ़ते हुए स्पेन और फ्रांस को भी प्रभावित कर रहा है. यहां के जंगलों में भयंकर आग लग गई है. आग बुझाने के तरह तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. पुर्तगाल इस हफ्ते जंगल की आग से काफी ज्यादा प्रभावित रहा है ब्रिटेन में लू और गर्मी ने लोगों को परेशान कर रखा है. इस तरह की भीषण गर्मी से इंसान के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ता है. क्या आप जानते हैं ऐसी स्थिति क्यों बनी है?

क्यों बन रही ऐसी स्थिति

इस भंयकर गर्मी में ग्लोबल वार्मिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड जैसी कई गैसों का उत्सर्जन बढ़ गया है. जलवायु परिवर्तन के कारण अब गर्म हवाएं पहले के मुकाबले ज्यादा चल रही हैं. जिसकी वजह से ठंडे यूरोपीय देशों का तापमान भी लगातार बढ़ रहा है. इंसानों की ओर से ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से मौसम में यह खतरनाक बदलाव आया है. दुनिया के तापमान में पहले ही 1.1 डिग्री की बढ़ोतरी हो चुकी है.

यूरोप क्यों बन रहा हीट वेव हॉट ​​स्पॉट

उत्तरी अफ्रीका से यूरोप की ओर चलने वाली हवाएं यूरोप को हीट वेव हॉट ​​स्पॉट बना रही हैं. क्योंकि कम दबाव वाले क्षेत्र हवा को अपनी ओर खींचते हैं. इसके अलावा समुद्री हवाएं भी यूरोप का तापमान बढ़ा रही हैं क्योंकि यह सामान्यतः गर्म होती हैं. बेल्जियम और जर्मनी में आने वाले दिनों में तापमान 40 डिग्री तक जा सकता है. ब्रिटेन में भी जल्द रिकॉर्ड तोड़ गर्मी होने वाली है. पिछले चार दशकों में यूरोप में हीट वेव की स्थिति में बढ़ोतरी हुई है.

क्या भारत पर भी होगा इसका असर

कोई भी दो ऊष्मा तरंगें ठीक एक जैसी नहीं होती हैं. जिस तरह ठंडा यूरोप भी अब जलवायु परिवर्तन का सामना करना पड़ रहा है. जिस तरह की गर्मी दिल्ली में मार्चे अप्रैल के महीने में पड़ती है, वैसी इन दिनों यूरोप में हो रही है. यूरोप भारत से काफी दूर है. इसलिए वहां की गर्मी या जलवायु का प्रत्यक्ष तौर पर भारत की मौसमी गतिविधियों में असर नहीं डालती हैं. हालांकि जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में अधिक गर्मी पड़ने के मामले बढ़ेंगे.