scorecardresearch

Hezbollah: 32 की उम्र में बन गया था हिज्बुल्लाह चीफ... 2006 के हमले में बच गया था जिंदा... जानें Israel ने Hassan Nasrallah को कैसे मारा... ऐसे किया इस लेबनानी सशस्त्र समूह के टॉप लीडरशिप का खात्मा

Hassan Nasrallah Killed:  इजराइली डिफेंस फोर्सज के टारगेटेड एयर स्ट्राइक में हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के अलावा उसकी बेटी जैनब नसरल्लाह मारी गई है. इसके अलावा कई अन्य हिज्बुल्लाह लीडर भी ढेर हुए हैं.  इजराइली सेना ने बताया कि नसरल्लाह को मारने के लिए जो ऑपरेशन चलाया गया था उसे 'न्यू ऑर्डर' नाम दिया गया था. 

Hassan Nasrallah killed in Israel attack Hassan Nasrallah killed in Israel attack
हाइलाइट्स
  • इजराइल ने बेरूत में हिज्बुल्लाह के मुख्यालय में नसरल्लाह को बनाया निशाना

  • हिज्बुल्लाह के कई टॉप लीडर को मार गिराया

Israel-Hezbollah War: इजराइल (Israel) को हिज्बुल्लाह (Hezbollah) के खिलाफ युद्ध में बड़ी सफलता मिली है. इजराइली सेना ने हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) को ढेर कर दिया है. इजराइली सेना यानी इजराइली डिफेंस फोर्सज (IDF) ने शनिवार को घोषणा की कि नसरल्ला शुक्रवार को बेरूत में हुए हवाई हमले में मारा गया.

आईडीएफ ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट में लिखा है कि 'हसन नसरल्लाह अब दुनिया में आतंकवाद फैलाने के लिए जिंदा नहीं है...'. आपको मालूम हो कि हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह पिछले तीन दशकों से लेबनानी सशस्त्र समूह का नेतृत्व कर रहा था. हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद हिज्बुल्लाह में हाहाकर मच गया है. इजराइल इसके कई टॉप लीडरों का खात्मा पहले ही कर चुका है.  

कौन था हसन नसरल्लाह
हसन नसरल्लाह का जन्म 31 अगस्त 1960 को बेरूत के उत्तरी उपनगर शारशाबूक में एक शिया परिवार में हुआ था. हसन नसरल्लाह के पिता अब्दुल करीम एक छोटी दुकान चलाया करते थे. नसरल्लाह नौ भाई-बहनों में सबसे बड़ा था. नसरल्ला बाद में दक्षिणी लेबनान आ गया था. नसरल्लाह ने यहां धर्मशास्त्र की पढ़ाई की. वह बाद में इराक के नजफ में एक मदरसा में पढ़ने चला गया था, जहां से उसे 1978 में सद्दाम हुसैन की सत्ता ने अन्य लेबनानी छात्रों के साथ निष्कासित कर दिया था.

सम्बंधित ख़बरें

नसरल्लाह 15 साल की उम्र में इजराइल के खिलाफ बना विद्रोही गुट ज्वाइन कर लिया था. साल 1975 में लेबनान में अमाल मूवमेंट शुरू हुआ उस वक्त नसरल्लाह ने इस चरमपंथी ग्रुप को ज्वाइन किया था. पहली बार इराक में नसरल्लाह जब हिज्बुल्लाह के सह-संस्थापक अब्बास अल-मुसावी से मिला तो वह मुसावी से इतना प्रभावित हुआ कि 1982 में लेबनान-इजराइल संघर्ष के बाद मुसावी का चेला बन गया.  हिज्बुल्लाह की स्थापना 1980 के दशक में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर ने की थी. तब से ईरान इसे ट्रेनिंग से लेकर हथियार तक मुहैया कराते आ रहा है. 

ऐसे बना हिजबुल्लाह का चीफ नसरल्लाह
हसन नसरल्लाह हिज्बुल्लाह के फाउंडिंग मेंबर्स में से एक था. वह शुरू में संगठन के लिए रिक्रूटमेंट से लेकर ट्रेनिंग का काम देखता था. फरवरी 1992 में दक्षिण लेबनान में इजराइली हेलीकॉप्टर हमले में हिज्बुल्लाह के मुखिया 39 वर्षीय सैयद अब्बास मुसावी की मौत हो गई. इसके बाद हसन नसरल्लाह हिज्बुल्लाह का चीफ बना था. जब उसे यह जिम्मेदारी मिली तब वह महज 32 साल का था. अमेरिका ने हिज्बुल्लाह को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया था. हसन नसरल्लाह अमेरिका और इजराइल को अपना दुश्मन मानता था. 

नसरल्लाह ऐसे सिर्फ लेबनान ही नहीं पूरे अरब जगत में हुआ था चर्चित 
हिज्बुल्लाह चीफ की कमान संभालने के बाद नसरल्लाह ने सबसे पहले कसम खाई की वह मूसावी की मौत का बदला लेगा. उसने तुर्की में इजराइली एंबेसी पर हमले करवाए और इजराइल पर रॉकेट अटैक भी करवाया. इसमें एक इजराइली लड़की और एक सिक्योरिटी अफसर की जान चली गई थी. इसके बाद साल 2000 में हिज्बुल्लाह और इजराइली आर्मी के बीच लड़ाई हुई थी.

इसमें इजराइल को हिज्बुल्लाह दक्षिणी लेबनान से पीछे धकेलने में सफल रहा था. यह लड़ाई हिज्बुल्लाह ने हसन नसरल्लाह के नेतृत्व में ही लड़ा था. इसके कारण नसरल्लाह सिर्फ लेबनान ही नहीं पूरे अरब जगत में चर्चित हो गया था. उसके संदेश हिज्बुल्लाह के अपने रेडियो और सैटेलाइट टीवी स्टेशन पर प्रसारित किए गए थे. नसरल्लाह अपने लेबनानी शिया अनुयायियों के बीच काफी मशहूर था. अरब और इस्लामी दुनिया के लाखों लोगों द्वारा सम्मानित नसरल्लाह को सैय्यद की उपाधि दी गई थी.

साल 2006 के इजराइल हमले में जिंदा बच गया था नसरल्लाह
दक्षिणी लेबनान से इजराइल को पीछे हटने के बाद साल 2006 तक हिज्बुल्लाह शांत रहा. इसके बाद फिर हिज्बुल्लाह के लड़ाकों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया. इजराइली सीमा में घुसकर इजराइल के दो सैनिकों को बंधक बना लिया और उनकी हत्या कर दी. इसका बदला लेने के लिए इजराइली एयर फोर्स ने बेरूत में स्ट्राइक की. इसमें लगभग 1200 लेबनानी मारे गए थे. इजराइल ने नसरल्लाह को मारने के लिए उसके घर और ऑफिस पर भी टारगेटेड अटैक किए थे लेकिन हसन नसरल्लाह उस समय बच निकला था. अब जाकर मारा गया है.

ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया
हसन नसरल्लाह ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) का करीबी माना जाता था. रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 1981 में खुमैनी ने नसरल्लाह को लेबनान में अपना निजी प्रतिनिधि नियुक्त किया था. नसरल्लाह के मारे जाने के बाद खामेनेई को कड़ी सुरक्षा के बीच सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है. 

ऐसे मारा गया हसन नसरल्लाह 
इजराइली सेना ने बताया कि नसरल्लाह को मारने के लिए जो ऑपरेशन चलाया गया था उसे 'न्यू ऑर्डर' नाम दिया गया था. बेरूत पर हमले के दौरान इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट और IDF के चीफ ऑफ स्टाफ कमांड सेंटर से ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे. IDF के पास एंटेलिजेंस इनपुट था कि हिज्बुल्लाह ने अपना हेडक्वार्टर बेरूत के दाहिया इलाके में एक रेजिडेंशियल बिल्डिंग के नीचे अंडरग्राउंड में बना रखा है. सूचना मिली थी इसमें हिज्बुल्लाह की टॉप लीडरशिप मौजूद है, जिसमें नसरल्लाह भी शामिल है. इसी इनपुट के आधार पर इजराइली एयरफोर्स के फाइटर जेट्स ने सीधे हिज्बुल्लाह के हेडक्वार्टर को निशाना बनाया. इजराइल के टारगेटेड अटैक में उसका हेडक्वार्टर तबाह हो गया. इजराइली डिफेंस फोर्सज के मुताबिक उसके टारगेटेड एयर स्ट्राइक में हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के अलावा उसकी बेटी ज़ैनब नसरल्लाह मारी गई है. इसके अलावा कई अन्य हिज्बुल्लाह लीडर इस हमले में मारे गए हैं.  

दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका
हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका तेज हो गई है. ईरान ने इजराइली हमलों के बाद प्रतिक्रिया दी है और वैश्विक संस्थाओं और नेताओं पर निशाना साधा है. ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इजराइल पूरी दुनिया के लिए खतरा है. नसरल्लाह की मौत के बाद इजराइली सेना (आईडीएफ) के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जई हलेवी ने बयान जारी किया है. चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि इजराइल उन सभी लोगों तक पहुंचेगा जो देश और उसके नागरिकों को धमकी देते हैं.

अब तक हिज्बुल्लाह के इतने टॉप लीडरशिप का खात्मा
फिलस्तीनी समूह हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल में हमले किए थे, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे. इस हमले के बाद से गाजा में जंग छिड़ गई. इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के एक दिन बाद हिज्बुल्लाह ने सीमा पर इजराइली सैन्य चौकियों पर हमला करना शुरू कर दिया. हमास के समर्थन में हिज्बुल्लाह उत्तरी इजराइल में तभी से लगातार हवाई हमले कर रहा था. उधर, इजराइल अकेले दम पर हमास और हिज्बुल्लाह को कड़ी टक्कर दे रहा. अब तक इजराइल की सेना हिज्बुल्लाह के कई टॉप लीडरों का खात्मा कर चुकी है.

हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के साथ हिज्बुल्लाह रदवान फोर्स का टॉप कमांडर फुआद शुकर, हिज्बुल्लाह ऑपरेशनल चीफ इब्राहिम अकील, साउथ लेबनान चीफ कमांडर अली काकरी, रदवान फोर्स कमांडर वसीम अल तवील, हिज्बुल्लाह नसार यूनिट कमांडर तालिब सलीम अबदुल्लाह, अजीज यूनिट कमांडर मोहम्मद नासेर, रादवां फोर्स का ट्रेनिंग हेड अबू हसन समीर, एरियल कमांड कमांडर मोहम्मद हुसैन सरौर, नासेर यूनिट कमांडर सामी तालेब अब्दुल्लाह, मिसाइल और रॉकेट यूनिट हेड इब्राहिम मोहम्मद कबीस ढेर हो चुके हैं. अबू अली रिदा अभी जिंदा है. 

इब्राहिम अकील को कर दिया था ढेर
इजराइली सेना ने गत 20 सितंबर को लेबनान की राजधानी बेरूत में हवाई हमला कर हिज्बुल्लाह के शीर्ष सैन्य कमांडरों में से एक इब्राहिम अकील को ढेर कर दिया था. इब्राहिम अकील हिज्बुल्लाह की शीर्ष सैन्य इकाई, रादवान फोर्स का प्रमुख था. वह फुआद शुकर के बाद हिज्बुल्लाह सशस्त्र बलों का सेकेंड कमांडर-इन-चीफ भी था. अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार इब्राहिम अकील ने हिज्बुल्लाह के शीर्ष सैन्य निकाय, जिहाद परिषद में भी अपनी सेवाएं दी थीं.

अकील  हिज्बुल्लाह के इस्लामिक जिहाद संगठन का भी प्रमुख सदस्य था, जिसने अप्रैल 1983 में बेरूत में अमेरिकी दूतावास पर बमबारी सहित महत्वपूर्ण हमलों की जिम्मेदारी ली थी. इस हमले में 63 मौतें हुई थीं. अक्टूबर 1983 में यूएस मरीन कॉर्म्स बैरक पर हुए हमले में 241 अमेरिकी कर्मी मारे गए थे. अकील ने उस दौरान लेबनान में अमेरिकी और जर्मन नागरिकों को बंधक बनाने का निर्देश भी हिज्बुल्लाह लड़ाकों को दिया था. अमेरिका ने अप्रैल 2023 में उसके बारे में जानकारी देने वाले को 7 मिलियन डॉलर (करीब 60 करोड़ रुपए) इनाम देने की घोषणा की थी. 

ऐसे मारा गया था फुआद शुकर
जुलाई 2024 में फुआद शुकर मारा गया था. 27 जुलाई को हिज्बुल्लाह ने इजराइल के मजदल शम्स में एक फुटबॉल ग्राउंड पर रॉकेट हमला कर दिया था, जिसमें 12 बच्चों की मौत हो थी. इस हमले के लिए इजराइल ने फुआद शुकर को जिम्मेदार माना था. इजराइल ने 30 जुलाई 2024 को बेरूत में हवाई हमला करके हिज्बुल्लाह के शीर्ष कमांडर फुआद शुकर को मार गिराया था. इस हमले में शुकर का सहयोगी और हमास लीडर सालेह अल-अरुरी भी मारा गया था.

लेबनान का कमांडर फुआद शुकर को अल-हज्ज मोहसिन के नाम से भी जाना जाता था. वह हिज्बुल्लाह  के शीर्ष नेताओं में से एक था. 1982 में लेबनान पर इजराइली आक्रमण के दौरान हिज्बुल्लाह की स्थापना में शुकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.फुआद शुकर पर 1983 में बेरूत में अमेरिकी मरीन बैरकों पर बमबारी करने का आरोप था. अमेरिकी सरकार ने शुकर की जानकारी देने वाले को 5 मिलियन डॉलर तक के इनाम की घोषणा कर रखी थी। शुकर हिज्बुल्लाह की दक्षिणी लेबनान में सैन्य गतिविधियों के प्रमुख था और संगठन की सर्वोच्च सैन्य यूनिट जिहाद काउंसिल का सदस्य भी था.

इब्राहिम कुबैसी, मोहम्मद नासिर सहित इनको भी इजराइल ने मार गिराया 
इजराइल ने 24 सितंबर 2024 को बेरूत के दक्षिणी इलाकों में हवाई हमला कर हिज्बुल्लाह के रॉकेट डिवीजन के कमांडर इब्राहिम कुबैसी को मार गिराया था. हिज्बुल्लाह के कमांडर मोहम्मद नासिर की 3 जुलाई को हुए हवाई हमलों में मौत हो गई थी. दक्षिण पश्चिम लेबनान में हुए इन हमलों की इजराइल ने जिम्मेदारी ली थी. नासिर हिज्बुल्लाह का सीनियर कमांडर था. वह फ्रंटियर में हिज्बुल्लाह के सारे ऑपरेशंस की देखरेख करता था. हिज्बुल्लाह के सीनियर फील्ड कमांडर तलेब अबदल्लाह की 12 जून 2024 को हुए हवाई हमलों में मौत हो गई थी. इन हमलों की जिम्मेदारी इजराइल ने ली थी.