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Hydrogen Based Energy Power Plant: Nuclear Fusion की तर्ज पर अमेरिका तैयार करेगा पावर प्लांट, दुनिया में ऊर्जा का संकट हो सकता है खत्म... जानिए पूरी डिटेल

जहां एक तरफ दुनिया में ऊर्जा के खत्म होने का खतरा मंढरा रहा है. वहीं दूसरी ओर अमेरिका इस खतरे से निपटने के लिए हाइड्रोजन आधारित एनर्जी पावर प्लांट की स्थापना करने जा रहा है. यह प्लांट ठीक उसी प्रकार ऊर्जा पैदा करेगा, जिस प्रकार सूरज पैदा करता है. यानि एक प्रकार से नेचुरल तरीके से ऊर्जा पैदा होगी.

जहां एक तरफ सोलर और न्यूक्लिर एनर्जी का इस्तेमाल ग्लोबली किया जा रहा है, वहीं इसी कड़ी में अब हाइड्रोजन आधारित एनर्जी को भी लाने की तैयारी की जा रही है. हाइड्रोजन आधारित एनर्जी एक प्रकार से न्यूक्लियर फ्यूजन बेस्ड एनर्जी होगी. अमेरिका ने हाइड्रोजन आधारित एनर्जी के पावर प्लांट को स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. अगर अमेरिका सफल हो जाता है तो विश्व में बिजली की कमी को पूरा किया जा सकेगा. 

आखिर क्या अलग है हाइड्रोजन एनर्जी में
हाइड्रोजन आधारित एनर्जी पावर प्लांट ठीक उसी प्रकार एनर्जी पैदा करेगा जिस प्रकार से सूरज एनर्जी पैदा करता है. साथ ही यह स्वच्छ प्रकार से एनर्जी पैदा करेगा, इसके अलावा यह पावर प्लांट काफी समय के लिए एनर्जी को पैदा करता रहेगा.

यह एक तरह से नेचुरल प्रक्रिया की नकल कर एनर्जी को पैदा करेगा, ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार सूरज करता है. इससे एनर्जी को पैदा करने में लागत भी कम आएगी और एनर्जी की कोई सीमा नहीं होगी. साथ ही पर्यावरण पर भी इसका बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा.

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कब तक तैयार होगा हाइड्रोजन पावर प्लांट
न्यूज18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, न्यूक्लियर फ्यूजन प्लांट 2030 तक शुरू हो जाएगा. साथ ही एक बार यह तैयार हो जाता है तो दुनिया कार्बन फ्री एनर्जी कई दशकों तक मिलती रहेगी. इस पावर प्लांट को इस प्रकार तैयार किया जा रहा है जिससे कि करीब 400 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जा सके. 

अमेरिका के नए प्रोजेक्ट, हाइड्रोजन आधारित एनर्जी पावर प्लांट को 'कॉमनवेल्थ फ्यूजन सिस्टम्स' (CFS) के माध्यम से विकसित किया जा रहा है. Richmond के साथ मिलकर CFS इस प्रोजेक्ट में कई सालों का रिसर्च और कड़ोरों का निवेश कर रहा है. 

न्यूक्लियर फ्यूजन क्या होता है?
आपने सुना होगा कि सूरज के अंदर जो ऊर्जा पैदा होती है, वह न्यूक्लियर फ्यूजन नामक एक प्रक्रिया से होती है. अगर इसे आसान शब्दों में कहें तो न्यूक्लियर फ्यूजन एक ऐसा प्रोसेस है, जिसमें दो हल्के एटम (atom) एक साथ मिलकर एक भारी परमाणु बनाते हैं. इसके साथ ही विशाल एनर्जी पैदा होती है.

यह वही प्रक्रिया है जो सूरज में होती है. और यही प्रक्रिया पृथ्वी पर ऊर्जा संकट का हल बनने जा रही है. एटोमिक रिएक्शन दो प्रकार के होते है. एक होता है न्यूक्लियर फ्यूजन, जिसमें दो एटम मिलकर एक भारी एटम बनाते है. और दूसरा होता है न्यूक्लियर फिशन जिसमें दो एटम के अलग होने से एनर्जी बनती है. 

(यह खबर GNTTV.com में बतौर इंटर्न काम कर रही निहारिका सिंह ने लिखी है)