भारत के हैदराबाद में जन्मी अरुणा मिलर ने अमेरिका की धरती पर इतिहास रच दिया है. अरुणा अमेरिकी राजधानी से सटे मैरीलैंड राज्य में लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में शपथ लेने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी राजनीतिज्ञ बन गई हैं. ऐसा करने वाली वे पहली महिला हैं. 58 साल की अरुणा मैरीलैंड राज्य की 10वीं लेफ्टिनेंट गवर्नर बनीं हैं. बताते चलें कि लेफ्टिनेंट गवर्नर किसी भी राज्य का सर्वोच्च अधिकारी होता है. जो गवर्नर की गैरमौजूदगी में वो सभी काम करता है जो किसी भी गवर्नर के होते हैं.
7 साल की उम्र में चली गईं थीं अमेरिका
अपने एक इंटरव्यू में अरुणा ने बताया था कि वे आंध्र प्रदेश में जन्मी हैं. और वे केवल तब सात साल की थीं जब वे भारत से अमेरिका में आ गई थीं. लेफ्टिनेंट गवर्नर बनने के बाद अपनी स्पीच में उन्होंने इस बारे में बताया. अरुणा ने कहा, "मैंने अपना ज्यादातर जीवन उस जगह में फिट होने की कोशिश में बिताया, जिस जगह से मैं नहीं थी और न ही वो मेरी जगह थी. मैं यहां एक अप्रवासी के रूप में आई थी. एक महिला इंजीनियर के रूप में, एक भारतीय अमेरिकी विधायक के रूप में मैंने बहुत कुछ सीखा. सबसे पहले यही कि मुझे यह महसूस करने में काफी समय लगा कि किसी को भी दूसरों द्वारा बनाई गई जगह में फिट होने की जरूरत नहीं होती है. केवल अपने लिए जगह बनाने वाली बात है.”
लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में शपथ लेते हुए कही ये बात
अरुणा ने पहली भारतीय मूल की अमेरिकी लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में भगवत गीता की शपथ ली. जिसके बाद उन्होंने शुभचिंतकों की भीड़ को संबोधित किया. बता दें, नए गवर्नर वेस मूर ने भी अरुणा को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “अरुणा की मां, हेमा और मेरी मां, जॉय के लिए. अरुणा आप सबूत हैं कि मैरीलैंड में कुछ भी संभव है.”
पिता आईबीएम के एक इंजीनियर थे
वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अरुणा के पिता आईबीएम के एक इंजीनियर थे. अरुणा के पिता, 1965 के आप्रवासन और राष्ट्रीयता अधिनियम के पारित होने के बाद अमेरिका चले गए थे. वहीं, साल 1972 में अरुणा की दादी को यह बताने के लिए वे भारत लौट आए थे. उस वक्त अरुणा अपनी दादी के साथ ही रहती थीं. वे तब उन्हें लेकर अमेरिका वापस लौट गए थे. इसे लेकर अरुणा कहती हैं, “मेरे पिताजी मेरे लिए एक अजनबी थे. मुझे बस अपनी दादी से बिछड़ना याद है. मैंने पब्लिक स्कूल में पढ़ते समय अंग्रेजी सीखी. इसके बाद मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन की डिग्री ली.”
पहली बार खाया था अमेरिकी खाना
अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अरुणा काफी भावुक भी हो गई थीं. उन्होंने भारत से अमेरिका जाने की कहानी भी साझा की. उन्होंने बताया, “जब मैं यहां आई तब अंग्रेजी का एक शब्द भी नहीं बोल सकती थी. लेकिन मैं यहां फिट होना चाहती थी. इसलिए जब हम कैफेटेरिया गए, तो मैंने प्लान बनाया कि जो बाकी लोग कर रहे हैं मैं भी वही करूंगी. तो मैंने पहली बार अमेरिकी खाना खाया. मैंने अपने जीवन में पहली बार ठंडा दूध पिया. मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही थी. आज वो सब लो मेरे दोस्त हैं. हालांकि, मैं अपनी दादी के पास भारत जाना चाहती थी.”