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Independence Day 2024: एक ही दिन मिली थी आजादी, फिर Pakistan क्यों मनाता है India से पहले 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस, जानिए इसकी वजह

India–Pakistan Independence Day: ब्रिटिश संसद में इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 4 जुलाई को पेश किया गया था. इस एक्ट के मुताबिक 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को भारत का बंटवारा होना था. ब्रिटेन ने भारत-पाकिस्तान के बंटवारे का जिम्मा वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को सौंपा था. 

India–Pakistan Independence Day India–Pakistan Independence Day
हाइलाइट्स
  • ब्रिटेन ने वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को सौंपा था भारत-पाकिस्तान के बंटवारे का जिम्मा 

  • आजादी के शुरुआती दो साल तक पाकिस्तान 15 अगस्त को ही मनाता था स्वतंत्रता दिवस 

इस साल भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) दोनों ही देश अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं. दोनों देशों को एक ही अधिनियम इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 के तहत ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली थी. आजादी से पहले भारत और पाकिस्तान एक ही देश हुआ करते थे तो दोनों देश अलग-अलग दिन अपना स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) क्यों मनाते हैं. आइए इसकी असली वजह जानते हैं.

ब्रिटिश संसद में पेश किया गया था इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 
ब्रिटिश संसद में इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 4 जुलाई को पेश किया गया था. फिर 18 जुलाई को कानून का रूप ले लिया था. इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट के मुताबिक 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को भारत का बंटवारा होना था. जिसके साथ ही भारत और पाकिस्तान नाम के दो देश वजूद में आने वाले थे. ब्रिटेन ने भारत के बंटवारे और आजादी का जिम्मा भारत के आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को सौंपा था. 

एक ही दिन दो जगह नहीं हो सकते थे मौजूद
माउंटबेटन एक ही समय भारत की राजधानी दिल्ली और कराची (उस समय पाकिस्तान की राजधानी) में मौजूद हों, ऐसा संभव नहीं था और न ही यह मुमकिन था कि वह पहले भारत को सत्ता हस्तांतरण कराएं और फिर पाकिस्तान जाएं, क्योंकि कानूनन भारत को सत्ता हस्तातंरित कराने के बाद वह गर्वनर जनरल बनते.

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इस कारण दूसरे देश को सत्ता हस्तांतरण करने का अधिकार उनके पास नहीं रह जाता. इसलिए इसका एक ही रास्ता था कि माउंटबेटन पहले पाकिस्तान को सत्ता सौंपें यानी 14 अगस्त को ऐसा कर दें और फिर भारत को अगले दिन 15 अगस्त को सत्ता हस्तांतरित कर दें. वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने 14 अगस्त को पाकिस्तान को सत्ता हस्तांतरित कर दी. इसलिए इसी दिन वहां आजादी का पर्व मनाया जाता है. उधर, इंडियन इंडिपेडेंस एक्ट के अनुसार पाकिस्तान को आजादी 14 अगस्त को नहीं मिली क्योंकि एक्ट में यह तारीख 15 अगस्त थी.

ये भी हो सकता है अंतर का कारण
भारत से पहले पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस मानने का एक कारण स्टैंडर्ड टाइम को भी माना जाता है. पाकिस्तान का स्टैंडर्ड टाइम भारत से 30 मिनट पीछे है. इसका मतलब है कि जब भारत में 12 बज रहे होते हैं, उस समय पाकिस्तान में 11:30 बजे का समय होता है.

भारतीय स्वतंत्रता एक्ट पर 14 अगस्त की रात को हस्ताक्षर किए गए थे, जो भारतीय समय के अनुसार 15 अगस्त की तारीख थी. लेकिन पाकिस्तान के समय के अनुसार यह  14 अगस्त की रात थी. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि 14 अगस्त को वायसराय के सत्ता हस्तांतरित करने के बाद ही कराची में पाकिस्तानी झंडा फहरा दिया गया था और इसलिए बाद में पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस की तारीख 14 अगस्त ही कर दी गई थी.

रमजान का 27वां दिन भी है वजह
आपको मालूम हो कि साल 1947 में 14 अगस्त को रमजान का 27वां दिन यानी शब-ए-कद्र पड़ रहा था. शब-ए-कद्र मुसलमानों के लिए पवित्र रात होती है. माना जाता है कि इसी रात कुरान मुकम्मल हुई थी इसलिए पाकिस्तान 14 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मनाने की परंपरा को बरकरार रखे हुए है.

पहले 15 अगस्त को ही पाकिस्तान मनाता था आजादी दिवस
आपको मालूम हो कि पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना ने पहले स्वतंत्रता दिवस पर अपने संदेश में 15 अगस्त को ही पाकिस्तान के आजादी का दिन कहा था.

आजादी के बाद शुरुआती दो साल तक पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के दिन ही मनाया करता था लेकिन बाद में मोहम्मद अली जिन्ना का निधन हो गया. इसके बाद पाकिस्तान ने अपना स्वतंत्रता दिवस एक दिन पहले 14 अगस्त को मनाना शुरू कर दिया. जिन्ना का स्वतंत्रता दिवस संदेश भी 14 अगस्त को ही सुनाया जाता है.