भारत में असम की सीमा के साथ जुड़े हुए भारत और भूटान अतंरराष्ट्रीय गेट को शुक्रवार को खोल दिया. कोविड की वजह से करीब ढ़ाई साल पहले इस गेट को बंद कर दिया गया था, लेकिन कोविड मामलों में कमी आने के बाद शुक्रवार को भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग की उपस्थिति में गेट को पारंपरिक कार्यक्रम के बाद आम लोगों के आने जाने के लिए खोल दिया गया.
इस गेट के बंद होने से दोनों देशों के बीच कारोबार में कमी आ गई थी.लेकिन अब इस गेट खुल जाने से दोनों देशों के कारोबारियों को काफी फायदा होगा. बता दें कि अतंरराष्ट्रीय गेट को खोले जाने के दौरान भारत और भूटान के अधिकारियों के साथ सीमा सुरक्षा बल के जवान और बड़ी संख्या में आम लोग मौजूद थे.
वैक्सीन प्रमाण पत्र दिखाना होगा
भारत में मौजूद भूटान के राजदूत मेजर जनरल वेत्सोप नामग्याल ने कहा कि, 'भूटान आने वाले लोगों के लिए कोई और क्वारंटाइन नियम नहीं होगा. भूटान आगमन पर कोई परीक्षण नहीं होगा. केवल वैक्सीन प्रमाण पत्र दिखाना होगा. भूटान के राजदूत ने कहा कि भूटान ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को खोलने में ढाई साल का समय लिया, क्योंकि महामारी के दौरान देश की प्राथमिकता जानमाल के नुकसान को रोकना था. इसलिए बेहद कड़े कदम उठाए गए. राजदूत ने कहा कि भूटान द्वारा उठाया गया कदम बेहद प्रभावी था. क्योंकि देश में COVID-19 से एक भी मृत्यु नहीं हुई'.
भूटान जाने वाले में सबसे ज्यादा भारतीय
बता दें कि अगर भारत के हैं तो वहां जाने पर पहले की तरह ही प्रति दिन के हिसाब से 1200 रुपये चुकाने होंगे. हालांकि भूटान सरकार ने कहा है कि वह इसकी समीक्षा करेगी. खास बात ये है कि भूटान जाने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों में सबसे बड़ी संख्या भारतीय पर्यटकों की है. वहीं इंटरनेशनल पर्यटकों के लिए भूटान जाना पहले की तुलना में काफी महंगा हो गया है. इंटरनेशनल पर्यटकों को अब पहले से ज्यादा राशि चुकानी होगी. भूटान सरकार ने शुल्क की सीमा 65 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 200 अमेरिकी डॉलर कर दी है.
वीजा नियमों की बात करें तो भारतीय पर्यटकों को भूटान जाने के लिए वीजा लेने की आवश्यक्ता नहीं है. लेकिन उन्हें को भूटान जाने के लिए परमिट लेने की आवश्यक्ता होगी.