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India-Canada Row Updates: बढ़ते तनाव के बीच भारत ने कनाडाई लोगों के लिए सस्पेंड की वीज़ा सर्विस, जानिए इस विवाद पर दूसरे देशों का क्या है रवैया

India-Canada Row Updates: पिछले कई दिनों से भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद लगातार बढ़ रहा है. इस विवाद के चलते तनाव इतना बढ़ गया है कि भारत ने कनाडा के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं.

बढ़ रहा है भारत और कनाडा विवाद बढ़ रहा है भारत और कनाडा विवाद
हाइलाइट्स
  • कनाडा के लोगों के लिए वीजा सर्विस सस्पेंड

  • राजनयिकों के लिए सुरक्षा की मांग 

भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बीच नई दिल्ली ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया है. वहीं, ओटावा ने कहा कि वह सोशल मीडिया पर मिली धमकियों के बाद राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत में कर्मचारियों की उपस्थिति को अस्थायी रूप से एडजस्ट कर रहा है.

खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप ने तनाव बढ़ा दिया और एक राजनयिक विवाद शुरू हो गया, और इस सप्ताह वरिष्ठ राजनयिकों को सीधे तौर पर निष्कासित कर दिया गया. 

वीजा सर्विस की गई सस्पेंड
वीजा सेवाओं के निलंबन की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई. लेकिन कनाडा में वीज़ा आवेदन केंद्र चलाने वाले बीएलएस इंटरनेशनल ने इस संबंध में अपनी कनाडाई वेबसाइट पर एक संदेश पोस्ट किया. "भारतीय मिशन से महत्वपूर्ण सूचना: परिचालन कारणों से, 21 सितंबर 2023 [गुरुवार] से, भारतीय वीज़ा सेवाओं को अगली सूचना तक निलंबित कर दिया गया है."

यह पहली बार है जब भारत ने कोविड-19 महामारी के बाद वीजा निलंबित किया है. पिछले तीन दिन में भारत का कनाडा के खिलाफ यह तीसरा सख्त कदम है. इससे पहले भारत ने कनाडा की यात्रा करने वाले लोगों के लिए ट्रेवल एडवाइजरी जारी करके उन्हें सुरक्षित रहने की सलाह दी थी. भारतीय छात्रों को विशेष रूप से अत्यधिक सावधानी बरतने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है. हालांकि, कनाडा ने इस एडवाइजरी को खारिज करते हुए कहा कि कनाडा बिल्कुल सेफ है. 

राजनयिकों के लिए सुरक्षा की मांग 
कनाडा के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कनाडाई अखबार द नेशनल पोस्ट को बताया कि कुछ राजनयिकों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर धमकियां मिली हैं. जिस कारण उन्होंने अत्यधिक सावधानी बरतते हुए, हमने भारत में कर्मचारियों की उपस्थिति को अस्थायी रूप से एडजस्ट करने का निर्णय लिया है. कनाडा ने नई दिल्ली में उच्चायोग और मुंबई, चंडीगढ़ और बेंगलुरु में कमर्शियल दूतावासों सहित अपने मिशनों के आसपास अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है.

प्रवक्ता ने राजनयिकों और राजनयिक परिसरों की सुरक्षा के लिए वियना कन्वेंशन का हवाला दिया, और कहा कि वे "भारत से उम्मीद करते हैं कि वह भारत में हमारे मान्यता प्राप्त राजनयिकों और कांसुलर अधिकारियों को सुरक्षा देंगे, जैसे हम यहां उनके लिए हैं."

दूसरे देशों का क्या है रवैया 
बताया जा रहा है कि निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा अपने सहयोगी देशों से भारत की निंदा करने की अपेक्षा रखता है लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं रहा है. क्योंकि अमेरिका, यूके जैसे देश इस मामले में भारत को लेकर कोई भी बयान देने में सतर्कता बरत रहे हैं. आपको बता दें कि कनाडा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ फाइव आई का सदस्य है और वहीं, दूसरी तरफ G7 का भी सदस्य है. कनाडा अपने इन सभी सहयोगी देशों से भारत के खिलाफ सहयोग चाहता है. 

हालांकि, कनाडा को इस मामले में कामयाबी नहीं मिली है. अमेरिका की बात करें तो उनका कहना है कि पीएम ट्रूडो ने जो आरोप लगाए हैं वे गंभीर हैं और इसे लेकर वे कनाडा के अपने सहयोगियों के साथ संपर्क में है. लेकिन ये आरोप कितने सही हैं इसके लिए सही ढंग से जांच करनी होगी. 

वहीं, ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने एक ट्वीट में भारत का नाम लिए बिना लिखा, 'सभी देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए. कनाडा की संसद में जिन आरोपों का जिक्र हुआ है, उसे लेकर हम नियमित रूप से अपने कनाडाई सहयोगियों के संपर्क में हैं. यह जरूरी है कि कनाडा जांच पूरी करे और अपराधियों को सजा मिले.' 

ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बानीज मेलबर्न में हुए एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में इस मामले में बात करने से बचते दिखे. आपको बता दें कि G7 सदस्यों में से, भारत के अमेरिका, जापान और फ्रांस के साथ बेहद करीबी और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध हैं, जबकि जर्मनी, इटली और यूनाइटेड किंगडम के साथ इसके संबंधों में हाल के वर्षों में सुधार हुआ है. ऐसे में, ज्यादातर देश भारत के साथ अपने संबंधों को देखते हुए अनावश्यक टिप्पणी करने से बच रहे हैं. 

क्या रद्द होगा कनाडा के डिप्टी आर्मी चीफ का दौरा 
इस तनाव के बीच अटकलें लगाई जा रही हैं कि कनाडा के डिप्टी आर्मी चीफ का अगले हफ्ते होने वाला भारत दौरा टल सकता है. लेकिन दोनों देशों के सेना अधिकारियों का कहना है कि राजनयिक विवाद का असर डिफेंस सेक्टर पर नहीं पड़ेगा. दरअसल, भारतीय सेना ने 26 और 27 सितंबर को हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के आर्मी चीफ की बैठक बुलाई है. इस बैठक का उद्देश्य चीन की बढ़ती आक्रामकता के जवाब में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए साझा नीति बनाना है. 

इस बैठक में 15 देशों के आर्मी चीफ और 22 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेने वाले हैं. हिंद-प्रशांत आर्मी चीफ कॉन्क्लेव में कनाडा के डिप्टी आर्मी चीफ मेजर जनरल पीटर स्कॉट भी आने वाले हैं. लेकिन हाल ही में जिस तरह दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर पर तनाव बढ़ रहा है तो अटकलें लगने लगी हैं कि स्कॉट का दौरा टल सकता है. लेकिन दोनों देशों की सेनाओं का कहना है कि वे अपना सैन्य सहयोग जारी रखेंगे. इस तनाव (राजनयिक गतिरोध) का असर रक्षा संबंधों पर नहीं पड़ेगा. कनाडा के डिप्टी आर्मी चीफ सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आएंगे.