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India-Russia Relations: 1971 का युद्ध, कश्मीर मुद्दा, हथियारों से मदद... जानिए कब-कब भारत के लिए चट्टान की तरह खड़ा रहा रूस

PM Modi Russia Visit: भारत और रूस की दोस्ती दशकों पुरानी है. हर नाजुक मौके पर रूस भारत के साथ खड़ा रहा है. पाकिस्तान के खिलाफ साल 1971 युद्ध में रूस ने भारत के समर्थन में परमाणु हथियारों से लैस परमाणु पनडुब्बी भेज दी थी. जिसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन को अपने युद्धपोतों को पीछे हटाना पड़ा था. इसके अलावा कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस ने भारत के समर्थन में वीटो किया था.

PM Modi and Vladimir Putin (Photo/@narendramodi) PM Modi and Vladimir Putin (Photo/@narendramodi)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 8 जुलाई से 10 जुलाई तक विदेश दौरे पर रहेंगे. इस दौरान 8 और 9 जुलाई को रूस के दौरे पर रहेंगे. जबकि 10 जुलाई को पीएम मोदी ऑस्ट्रिया जाएंगे. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी का ये पहला मॉस्को दौरा है. पीएम मोदी का ये दौरा कितना अहम है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब दुनिया के तमाम देशों ने यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर बैन लगाया है, उस समय भारत के प्रधानमंत्री मॉस्को जा रहे हैं. इससे भारत और रूस की दोस्ती की गहराई का अंदाजा लगाया जा सकता है. रूस हमेशा मुश्किल घड़ी में भारत के साथ खड़ा रहा है. चलिए आपको बताते हैं कि कब-कब जरूरत के समय रूस भारत के साथ खड़ा रहा है.

पाकिस्तान के साथ 1971 युद्ध में-
साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था, जिसके बाद बांग्लादेश बना था. इसी साल भारत ने रूस से एक समझौता किया था. इसके मुताबिक अगर भारत पर हमला होता है तो इसे सोवियत संघ पर हमला माना जाएगा. उस युद्ध में अमेरिका पाकिस्तान के साथ खड़ा था. इस युद्ध में जब भारत ने बांग्लादेश को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दी थी तो इसके बाद अमेरिका ने अपनी नेवी का 7वां बेड़ा बंगाल की खाड़ी में भेज दिया था. जबकि ब्रिटेन का युद्धपोत एचएमएस ईगल अरब सागर की तरफ रवाना हो गया था. इसके जवाब में सोवियत संघ ने परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बियों को बंगाल की खाड़ी में भेज दिया था. जिसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन को पीछे हटना पड़ा था. इस युद्ध में पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने इंडियन आर्मी के सामने सरेंडर किया था और बांग्लादेश का जन्म हुआ था.

UN में वीटो का किया था इस्तेमाल-
सोवियत संग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के समर्थन में वीटो किया था. ये वाक्या साल 1962 का है, जब आयरलैंड ने कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव को अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन का समर्थन मिला था. उस समय सोवियत संघ ने इसपर वीटो किया था और दुश्मनों की साजिश नाकाम की थी.

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रक्षा क्षेत्र में भारत का बड़ा सहयोगी-
रूस भारत का एक बड़ा रक्षा सहयोगी रहा है. 1960 के दशक में रूस ने भारत को मिग-21 विमान दिए थे. इसके अलावा भारत ने पहली पनडुब्बी फॉक्सट्रॉट क्लास भी रूस से खरीदा था. भारत में कई परमाणु संयंत्रों के निर्माण में भी रूस की अहम भूमिका रही है. भारत ने ब्रह्मोस जैसी खतरनाक क्रूज मिसाइल को रूस के सहयोग से बनाया है. इसके अलावा हमने एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी रूस से खरीदा है.

स्पेस प्रोग्राम में भी मिला साथ-
भारत के अंतरिक्ष परियोजनाओं में रूस का हमेशा से साथ मिला है .भारत का पहला सैटेलाइट आर्यभट्ट सोवियस संघ की मदद से तैयार किया गया था, जिसे साल 1975 में लॉन्च किया गया था. इसके अलावा सोवियत संघ के सोयूज टी-11 स्पेस शटल से भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा को स्पेस में भेजा गया था. स्पेस की परियोजनाओं में हमेशा रूस ने भारत की मदद की है.

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