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यूक्रेन से लौटे हुए लोगों ने बताई आप बीती, स्वदेश लौटी बिटिया बोली- जन्नत वापस आ गई हूं

यूक्रेन से भारत आई एक स्टूडेंट की मां ने बताया कि ''मुझे लग रहा है कि मेरी बेटी जन्नत में लौट आई है. इसके लिए मैं सरकार को शुक्रिया कहना चाहूंगी. मोदी जी ने हमारे लिए बहुत किया है. हमारे बच्चे बिना टिकट के सरकारी खर्चे पर आए हैं. यूक्रेन से देश लौटी बेटी ने भी मोदी को धन्यवाद दिया.

यूक्रेन से भारत लौटे छात्र यूक्रेन से भारत लौटे छात्र
हाइलाइट्स
  • यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के लिए फ्लाइट का इंतजाम कर रही सरकार

  • यूक्रेन से भारत आए कई भारतीय छात्रों ने बताई आपबीती

यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग के बीच हजारों तादाद में भारतीय  छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इन तमाम भारतीय को स्वदेश लाने के लिए भारत सरकार कोशिशों में लगी हुई है. इस सबके बीच यूक्रेन में फंसे हुए कुछ भारतीय छात्र लखनऊ पहुँचे और अपनी आप बीती सुनाई. 

यूक्रेन में पढ़ाई करने गई आकांक्षा नाम की छात्रा ने बताया कि, यूक्रेन में हालात बहुत ज़्यादा खराब है, वेस्टर्न बॉर्डर तो कुछ ठीक है पर ईस्टर्न बॉर्डर में कुछ भी ठीक नहीं है. आकांक्षा ने बताया कि भारत सरकार ने फ्लाइट  का इंतेजाम किया. पहले हमें यूक्रेन से मुंबई लाया गया उसके बाद लखनऊ पहुंचा दिया गया है. आकांक्षा ने बताया कि असली दिक्कत यूक्रेन के बॉर्डर से निकलने में आ रही है. बॉर्डर पर लगातार हमले हो रहे हैं. आकांक्षा ने बताया कि हमने खुद बस का इंतेजाम किया और खुद की जिम्मेदारी पर बॉर्डर तक पहुंचे. 

बता दें कि रोमानियन बॉर्डर पर अभी भी कम से कम दो हज़ार लोग फंसे हुए हैं. आकांक्षा ने इसके बारे में बात करते हुए कहा कि यूक्रेन की तरफ पड़ने वाले शहरों में  खाने पीने के सभी इंतेजाम खत्म हो रहे हैं. लेकिन रशिया की तरफ पड़ने वाले शहरों में सभी यूक्रेनियन के लिए खाने पीने की व्यवस्था बनी हुई है. ऐसे में जो भारतीय रूस की तरफ पड़ने वाले शहरों से निकल रहे हैं उन्हें भी खाने पीने के लिए चीजें दी जा रही है. आकांक्षा ने बताया कि यूक्रेन सरकार ने हम लोगों को निकलने के लिए ट्रेन की व्यवस्था की और फ्री बस के भी इंतेजाम किए. वहीं आकांक्षा  ने बताया कि, वहां पर लोगों के मरने की असल वजह भीड़ का इकट्ठा हो जाना है. भारतीय भी इसी भीड़ की वजह से मारे गए हैं. वहां पर लोगों का इतनी बड़ी तादाद में इकट्ठा हो जाना वहां की सरकार और सेना के लिए चुनौती बन गया है.

 

यूक्रेन में फंसे हुए एक और छात्र जुनैद अंसारी ने बताया कि, वहां पर हालात ठीक नहीं हैं, लोग वहां से निकलना चाहते हैं पर नहीं निकल पा रहे हैं. अंसारी की मांग है कि इंडियन एंबेसी फोर्स के साथ वहां पर जाए और फंसे हुए बच्चों को बस पर लाकर रोमानिया बॉर्डर पहुंचाए और बॉर्डर क्रॉस कराकर एयरपोर्ट से फ्लाइट के जरिए भारत लाए. जुनैद अंसारी यूक्रेन में विंसीटी में पढ़ते हैं. जुनैद  ने बताया कि हम 60 लोग एक प्राइवेट बस करके वहां से निकले. इसके लिए हम सबने पैसे इकट्ठा किए, और इन पैसों को बस वाले को दिए. अंसारी बताते हैं कि, बस वाले ने 8 किलोमीटर पहले ही उतार दिया और वहां से हम लोग पैदल बॉर्डर तक पहुंचे. वहां पहुँचने के बाद हम लोग बॉर्डर क्रॉस नहीं कर पाए क्योंकि वहां पर बहुत भीड़ थी. भीड़ जब बढ़ने लगी तो पुलिस ने फायरिंग भी की, उसके बाद किसी तरह हम लोग बॉर्डर क्रॉस करके यहां पर आ पाए हैं.

यूक्रेन से भारत आई एक स्टूडेंट की मां ने बताया कि ''मुझे लग रहा है कि मेरी बेटी जन्नत में लौट आई है. इसके लिए मैं सरकार को शुक्रिया कहना चाहूंगी. मोदी जी ने हमारे लिए बहुत किया है. हमारे बच्चे बिना टिकट के सरकारी खर्चे पर आए हैं. यूक्रेन से देश लौटी बेटी ने भी मोदी को धन्यवाद दिया. 

लखनऊ के एडीएम एफआर विपिन मिश्रा ने बयान दिया कि, यूक्रेन में फंसे इंडियन छात्रों को दूतावास के जरिए मदद पहुंचाई जा रही है. छात्रों से संपर्क स्थापित करते हुए यूक्रेन में या यूक्रेन से सटे जो भी एयरपोर्ट है ,वहां पर सुरक्षित लाया जा रहा है. उसके बाद वहां से इंडिया लाया जा रहा है. एडीएम ने कहा कि,अभी यूक्रेन से मुंबई और मुंबई से फिर लखनऊ 5 बच्चे आए हैं, इसी तरह दिल्ली पहुंच कर वहां से भी लोग लखनऊ आ रहे हैं. जो छात्र अभी लखनऊ आए हैं, उनके लिए हम लोग गाड़ी की व्यवस्था करेंगे.जो लोग लखनऊ के हैं उनको उनके घर पर पहुंचाया जाएगा. जो लखनऊ से बाहर गोंडा या कानपुर के हैं, उनके लिए भी गाड़ी की व्यवस्था की गई है और उनको हम लोग उनके घरों तक तक पहुंचाएंगे. 

सत्यम मिश्रा की रिपोर्ट