भारत जैसे विकासशील देशों से कई लोग एक बेहतर जीवनशैली के लिए अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों का रुख करते हैं. लेकिन कनाडा गए कई भारतीयों को इस समय रिकॉर्ड बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ रही है. कनाडा में हाल ही में बसे आप्रवासियों (Immigrants) के लिए बेरोजगारी दर जून में 12.6% थी. यह पिछले 10 वर्षों का सबसे खराब बेरोजगारी स्तर है. कनाडा में स्थायी नागरिकता हासिल करने वालों में सबसे ज्यादा लोग भारतीय हैं. इसलिए भारतीयों पर ही इस बेरोजगारी की मार सबसे ज्यादा पड़ने की संभावना है.
कनाडा की राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी स्टैटिस्टिक कैनेडा (Statistique Canada) के अनुसार, 12.6% की बेरोजगारी दर 2023 से चार प्रतिशत कम है. कनाडाई मूल के लोगों में बेरोजगारी 5.5% है. साल 2023 में यह 5% थी. ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के अनुसार, नए आंकड़े बताते हैं कि आप्रवासियों के बीच बेरोजगारी दर 2014 के बाद से सबसे ज्यादा है.
भारतीयों के प्रभावित होने की संभावना क्यों?
आप्रवासियों में बढ़ती बेरोजगारी से भारतीयों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना इसलिए है क्योंकि हाल के वर्षों में कनाडा की सबसे ज्यादा नागरिकता भारतीयों को ही मिली है. साल 2023 में कनाडा ने 4,71, 810 लोगों को स्थायी नागरिकता दी. इनमें से 1,39,785 या लगभग 30% भारतीय थे. 'इमिग्रेशन, रेफ्युजीज़ एंड सिटीजनशिप' कैनेडा (Immigration, Refugees and Citizenship Canada) के आंकड़ों के अनुसार, 2019 के बाद से कनाडा आए 18,41,250 नए स्थायी निवासियों में से 5,14,435 भारतीय थे.
स्टैटिस्टिक कैनेडा ने एक हालिया रिपोर्ट में खुलासा किया कि जून 2024 में 14 लाख बेरोजगार लोग थे, जो पिछले महीने से 42,000 (+3.1%) ज्यादा हैं. कनाडा में कंपनियां उच्च ब्याज दरों से जूझ रही हैं. इसी वजह से वे पिछले दो सालों में नियुक्तियां करने में झिझक रही हैं. आप्रवासियों की भारी आमद के कारण कनाडा की जनसंख्या में वृद्धि भी हुई है.
डेसजार्डिन्स सिक्योरिटीज के अर्थशास्त्री रॉयस मेंडेस और टियागो फिगुएरेडो रिकॉर्ड बेरोजगारी के लिए रिकॉर्ड आप्रवासन को जिम्मेदार ठहराते हैं. दोनों अर्थशास्त्री नौ जुलाई के एक रिसर्च नोट में कहते हैं, "इमिग्रेशन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का मतलब है कि पिछले साल नौकरियों में इजाफे की स्वस्थ गति भी बेरोजगारी दर को स्थिर रखने के लिए जरूरी गति से काफी कम रही है."
भारतीय छात्रों के लिए कड़ी चुनौती
कनाडा में नौकरी का बाजार सिर्फ नए निवासियों के लिए ही ठंडा नहीं है. देश में युवा बेरोजगारी दर भी 13.6% के उच्चतम स्तर पर है. इससे कनाडा आने वाले भारतीय छात्रों की रुचि में भी गिरावट आई है. साल 2023 में कनाडा के लिए 37% स्टूडेंट वीज़ा हासिल करने वाले भारतीय थे. लेकिन रोजगार के घटते अवसरों के बाद भारतीय छात्र वीजा के लिए उतनी बड़ी संख्या में आवेदन नहीं भर रहे हैं.
नए आवेदनों की संख्या घटने के बावजूद कनाडा के कुल अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से 41% भारतीय हैं. ऐसे में नौकरी बाजार में प्रवेश करते हुए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना होगा. मेंडेस और फिगुएरेडो का कहना है कि श्रम बाजार उन लोगों के लिए अच्छा चल रहा है जिनके पास रोजगार मौजूद है, लेकिन उनके लिए नहीं जो नौकरी की तलाश में हैं.
डेसजार्डिन्स के अर्थशास्त्री कहते हैं, “कनाडा की बेरोजगारी की कहानी नौकरी छूटने के बारे में कम और जनसंख्या बढ़ने के बारे में ज्यादा है." वहीं कनाडा के एक समाचार आउटलेट, बेटर ड्वेलिंग ने लिखा है, "रोजगार पैदा करने की देश की आर्थिक क्षमता की तुलना में आप्रवासन बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जिससे नए आप्रवासियों और समान भूमिकाओं के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाले युवाओं के लिए बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है."