मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी वाले देश इंडोनेशिया में अजान के लाउडस्पीकर्स की आवाज घटाई गई है. इंडोनेशिया मस्जिद परिषद ने ये पहल तेज आवाज से परेशान लोगों को राहत देने के लिए उठाया है. देश की 7.5 लाख से ज्यादा मस्जिदों में से ज्यादातर का साउंड सिस्टम ठीक नहीं है. इंडोनेशिया मस्जिद परिषद के मुताबिक, बीते 6 दिनों में कम से कम 70 हजार मस्जिदों के लाउडस्पीकर की आवाज धीमी की गई है. तेज आवाज से परेशान लोगों ने डिप्रेशन और चिड़चिड़ेपन की शिकायत की थी, जिसके बाद इंडोनेशिया मस्जिद परिषद के अध्यक्ष यूसुफ काल्ला ने ये पहल की. यूसुफ का कहना है कि इसके लिए कमेटी भी बनाई गई है. परिषद के समन्वयक अजीस का कहना है कि अजान की तेज आवाज इस्लामिक परंपरा है, ताकि आवाज दूर-दराज तक जाए.
लाउडस्पीकर्स की आवाज कम करना पूरी तरह से स्वैच्छिक
जकार्ता की अल-इकवान मस्जिद के चेयरमैन अहमद तौफीक का कहना है कि लाउडस्पीकर्स की आवाज कम करना पूरी तरह से स्वैच्छिक है, हम सामाजिक सौहार्द बनाए रखना चाहते हैं. वहीं हिदातुल्ला यूनिवर्सिटी के अली ने कहा कि कई लोग लाउडस्पीकर्स की तेज आवाज को गलत ढंग से धार्मिक जरूरत समझ लेते हैं.
हजारों मस्जिदों में हुई अजान की आवाज कम
मस्जिद परिषद की पहल के बाद अब हजारों मस्जिदों के लाउडस्पीकर्स की आवाज कम हो गई है. आसपास रहने वाले लोगों को भी अब शिकायत नहीं है. बता दें पिछले कुछ समय से देश में अजान के लाउडस्पीकर्स की तेज आवाज को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे थे. ऑनलाइन शिकायतें भी खूब आ रही थी. लोगों का कहना था कि लाउडस्पीकर्स की तेज आवाज से उनके मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है. डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन और नींद ना आने की दिक्कतें हो रही हैं.
ईशनिंदा कानून का भी सता रहा डर
ये मुद्दा संवेदनशील होने से कई लोग विरोध दर्ज कराने से बचते थे. देश में ईशनिंदा के कानून में सख्त सजा का प्रावधान है. अजान की तेज आवाज के विरोध पर 4 बच्चों की मां को डेढ़ साल की सजा हो चुकी है. जकार्ता में कुछ लोगों ने तेज आवाज की शिकायत की, तो हजारों लोगों की भीड़ ने उनके अपार्टमेंट को ही घेर लिया था. तब सेना बुलानी पड़ी थी.
लाउडस्पीकर से अजान पर पाबंदी सही- इलाहाबाद कोर्ट का फैसला
वहीं पिछले साल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद से अजान मामले में अहम फैसला सुनाया था. कोर्ट ने कहा था कि लाउडस्पीकर से अजान देना इस्लाम का धार्मिक भाग नहीं है. यह जरूर है कि अजान देना इस्लाम का धार्मिक भाग है. इसलिए मस्जिदों से मोइज्जिन बिना लाउडस्पीकर अजान दे सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण मुक्त नींद का अधिकार व्यक्ति के जीवन के मूल अधिकारों का हिस्सा है. किसी को भी अपने मूल अधिकारों के लिए दूसरे के मूल अधिकारों का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि जिलाधिकारियों से इसका अनुपालन कराएं.