ब्रिटेन की राजनीति में एक दिलचस्प मोड़ आ गया है. विवादों में घिरे ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से लगातार इस्तीफे की मांग की जा रही है. दरअसल ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना लॉकडाउन में शराब पार्टी की थी जिस वजह से उनकी काफी आलोचना हुई थी. उसके बाद उन्होंने संसद में बेमन से माफी मांगी थी. जॉनसन के लॉकडाउन पार्टी की बात कबूलने पर ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव जोनाथन टैम ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से उनके ऊपर इस्तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा है. कंजरवेटिव पार्टी के 10 में 6 वोटर्स जॉनसन के कामकाज के तरीके से सहमत नहीं हैं. जॉनसन की लोकप्रियता घटकर 36% पर आ गई है. जॉनसन के इस्तीफे के साथ-साथ लोग प्रधानमंत्री के लिए एक जिम्मेदार और ईमानदार चेहरे की भी तलाश शुरू हो गई है. इस बीच भारतीय मूल के वित्त मंत्री ऋषि सुनक पीएम पद के लिए पहली पसंद बनकर उभरे हैं.
कंजरवेटिव पार्टी के 46% लोग ऋषि सुनक को मानते हैं बेहतर पीएम
जॉनसन की लोकप्रियता में कमी 2020 के बाद सबसे अधिक जुलाई में आई है. उस वक्त सर्वे के मुताबिक जॉनसन को अपनी पार्टी के 85% वोटरों का समर्थन मिला हुआ था. हाल में हुए सर्वे के अनुसार एक तिहाई वोटरों ने जॉनसन से पद छोड़ने की मांग की है. यूगॉव पोल के गुरुवार को आए नतीजों में ब्रिटेन में विपक्षी लेबर पार्टी को कंजरवेटिव से 10% की बढ़त मिली है. इस बीच सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी में हलचल मचनी शुरू हो गई है. कंजरवेटिव पार्टी के यूगॉव पोल सर्वे के अनुसार 46% लोग मानते हैं कि ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक, जॉनसन से बेहतर प्रधानमंत्री बन सकते हैं. ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर मई, 2024 में होने वाले आम चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को ज्यादा सीटें मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी.
कौन हैं ऋषि सुनक?
1980 में हैंपशर के साउथैम्टन में जन्में ऋषि सुनक नॉर्दलर्टन शहर के बाहर कर्बी सिग्स्टन में रहते हैं. उनके पिता डॉक्टर और मां फार्मासिस्ट थीं और दोनों माता-पिता पंजाबी मूल के हैं. 1960 के दशक में वे पूर्वी अफ्रीका से इंग्लैंड आकर बसे थे. उन्होंने विंचेस्टर कॉलेज से पढ़ाई की है. फिर उन्होंने ऑक्सफोर्ड से दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र में डिग्री ली. इसके बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए भी किया. दो साल पहले सुनक ने खुलासा किया था कि उन्हें भी बचपन में नस्लीय टिप्पणी और भेदभाव का सामना करना पड़ा था. स्काय न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा था, “नस्लीय भेदभाव ऐसी चीजें हैं, जो अपने आप हो रही हैं, लेकिन यह काफी तकलीफदेह है. ये लफ्ज आपके कलेजे को छलनी कर देते हैं."
इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के हैं दामाद
इसके अलावा भी ऋषि का भारत से एक खास रिश्ता है. वे बिजनेस टायकून और IT कंपनी इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं. नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता उनकी पत्नी हैं. कृष्णा और अनुष्का नाम की उनकी दो बेटियां हैं. बैंकर के रूप में अपने करियर की शुरूआत करने वाले ऋषि ने 2015 में अपना पहला चुनाव जीता था. वे थेरेसा मे सरकार में संसदीय सचिव की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. वे रिचमंड के लिए उत्तरी यॉर्कशायर में संसद सदस्य रहे हैं.
रेस में भारतीय मूल की प्रीति पटेल भी हैं शामिल
ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल भी प्रधानमंत्री के इस पद की इस रेस में शामिल है. प्रीति भी कंजरवेटिव पार्टी की सदस्य हैं. प्रीति पटेल दक्षिणपंथी विचारधारा की समर्थक रही हैं और प्रवासियों को शरण देने का हमेशा विरोध किया है. वे 2019 से ब्रिटिश सरकार में गृह सचिव के रूप में काम कर रही हैं. वह 2016 से 2017 तक अंतर्राष्ट्रीय विकास राज्य सचिव थीं. 2010 से प्रीति विथम के लिए संसद सदस्य हैं.