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International Mountain Day: हर साल 11 दिसंबर को मनाया जाता है इंटरनेशनल माउंटेन डे, सस्टेनेबल माउंटेन टूरिज्म है इस साल की थीम

पहाड़ दुनिया की 15% आबादी का घर हैं और दुनिया के लगभग आधे जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट पहाड़ों पर ही हैं. पहाड़ दुनिया की आधी आबादी को रोजमर्रा के कामों के लिए ताजा पानी उपलब्ध कराते हैं. उनका संरक्षण सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए एक महत्वपूर्ण फैक्टर है और एसडीजी के 15 गोल्स का एक हिस्सा हैं.

International Mountain Day: Mountain International Mountain Day: Mountain
हाइलाइट्स
  •  वर्ल्ड टूरिज्म का लगभग 15 से 20 प्रतिशत हिस्सा है माउंटेन टूरिज्म

  • दुनिया की आधी आबादी के लिए ताजा पानी उपलब्ध कराते हैं पहाड़

  • क्लाइमेट चेंज और ओवर एक्सप्लॉइटेशंस से बढ़ा है खतरा

हर साल पूरी दुनिया 11 दिसंबर को इंटरनेशनल माउंटेन डे के रूप में मनाती है. 11 दिसंबर को इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस (IMD) का विषय सस्टेनेबल माउंटेन टूरिज्म होगा. पहाड़ों में सस्टेनेबल टूरिज्म  अतिरिक्त और वैकल्पिक आजीविका ऑप्शन बनाने, गरीबी को जड़ से मिटाने, सोशल इंक्लूजन और  साथ ही साथ परिदृश्य और बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन को बढ़ावा देने में योगदान दे सकता है. यह नेचुरल, कल्चरल और स्पिरिचुअल हेरिटेज को संरक्षित करने, स्थानीय शिल्प और उच्च मूल्य के उत्पादों को बढ़ावा देने और स्थानीय त्योहारों जैसे कई पारंपरिक प्रथाओं का जश्न मनाने का एक तरीका है.

 वर्ल्ड टूरिज्म का लगभग 15 से 20 प्रतिशत हिस्सा है माउंटेन टूरिज्म

माउंटेन टूरिज्म वर्ल्ड टूरिज्म का लगभग 15 से 20 प्रतिशत हिस्सा है. हालांकि, टूरिज्म कोविड -19 महामारी से सबसे अधिक प्रभावित सेक्टर्स में से एक है, जो सभी महाद्वीपों पर अर्थव्यवस्थाओं, आजीविका, पब्लिक सर्विसेज और अवसरों को प्रभावित करता है. पहाड़ों में, महामारी के प्रतिबंधों ने माउंटेन कम्युनिटीज की समस्याओं को और बढ़ा दिया है. इस समस्या ने माउंटेन टूरिज्म तथा नेचुरल रिसोर्सेज और आजीविका पर इसके प्रभाव पर दोबारा सोचने को मजबूर कर दिया है. इसे बेहतर ढंग से मैनेज करने और इसे ग्रीन और अधिक इंक्लूसिव भविष्य की दिशा में उपयोग करने के अवसर के रूप में देखा जा सकता है.

दुनिया की आधी आबादी के लिए ताजा पानी उपलब्ध कराते हैं पहाड़ 

पहाड़ दुनिया की 15% आबादी का घर हैं और दुनिया के लगभग आधे जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट पहाड़ों पर ही हैं. पहाड़ दुनिया की आधी आबादी को रोजमर्रा के कामों के लिए ताजा पानी उपलब्ध कराते हैं. उनका संरक्षण सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए एक महत्वपूर्ण फैक्टर है और एसडीजी के 15 गोल्स का एक हिस्सा हैं. पहाड़ों के महत्व पर ध्यान देते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 2002 को संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय पर्वत वर्ष घोषित किया था. वहीं पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस पहली बार अगले वर्ष यानी 2003 में मनाया गया था.

क्लाइमेट चेंज और ओवर एक्सप्लॉइटेशंस से बढ़ा है खतरा 

दुर्भाग्य से, पहाड़ क्लाइमेट चेंज और ओवर एक्सप्लॉइटेशंस की वजह से खतरे में हैं. जैसे-जैसे पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है, पहाड़ के ग्लेशियर बहुत तेजी से पिघल रहे हैं. इस वजह से लाखों लोगों के लिए मीठे पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. पहाड़ी इलाकों के अधिकतर लोग गरीब होते हैं. उन्हें जीवित रहने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं. इस समस्या से पूरी दुनिया भी प्रभावित हो रही है. हमें अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करना चाहिए और इन प्राकृतिक खजानों की देखभाल करनी चाहिए.