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Iran attacks Israel: आयरन डोम को भी भेद दिया, लेकिन नहीं मरा एक भी नागरिक? जानिए क्यों खास है ईरान की नई मिसाइल Fattah

Iran attacks Israel: इजराइल पर ईरान के हमले में जो चीज सबसे ज्यादा चौंकाने वाली रही वह थी आयरन डोम का असफल रहना. सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियोज़ में देखा जा सकता है कि 99 प्रतिशत की सटीकता रखने वाला आयरन डोम ईरान के हमले को नहीं रोक सका. इसका कारण है ईरान की नई हाइपरसॉनिक मिसाइल.

हाइलाइट्स
  • ईरान ने मंगलवार रात किया इजराइल पर हमला

  • तीन सैन्य ठिकानों को बनाया निशाना

इस्माइल हानिया और हसन नसरल्लाह की 'मौत का बदला' लेते हुए ईरान ने मंगलवार रात इजराइल की राजधानी तेल अवीव पर मिसाइलों की बौछार कर डाली. ईरान ने इजराइल के तीन फौजी बेस पर करीब 200 मिसाइलें दागीं. इजराइल का कहना है कि उसने '180 में से ज्यादातर मिसाइलें रोक लीं' जबकि ईरान का कहना है कि उसकी 90 प्रतिशत मिसाइलें निशाने पर जाकर लगी हैं. 

ईरान का हमला कितना सफल रहा यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन यह तो साफ है कि ईरान इस हमले में इजराइल के मिसाइल डिफेंस सिस्टम आयरन डोम को भेदने में कामयाब रहा है. और इसकी सबसे बड़ी वजह रही है ईरान की नई फत्ताह मिसाइल. 

कैसी है ईरान की नई मिसाइल
ईरान ने अपनी पहली सुपरसॉनिक मिसाइल जून 2023 में दुनिया के सामने पेश की थी. नाम रखा फत्ताह. मिसाइल का नाम ईरान के सुप्रीम लीडर आयतोल्लाह खामेनेई ने रखा. फत्ताह का मतलब है 'शुरू करने वाला.' उस समय ईरान ने कहा था कि उसका यह हथियार मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भेदने की क्षमता रखता है.
 

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Iran's Fattah Missile
21 सितंबर 2024 को तेहरान में एक परेड के दौरान ईरान की फत्ताह मिसाइल

ईरानी मीडिया ने यह भी बताया था कि यह नई मिसाइल 5.1 किलोमीटर प्रतिसेकंड की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है. इस मिसाइल की रेंज 1400 किलोमीटर है और इसके प्रोपेलेंट (Propellant) की मदद से इसे बीच हवा में कहीं भी मोड़ा जा सकता है. पांच महीने बाद ईरान ने एक और मिसाइल लॉन्च की. फत्ताह-2. इस मिसाइल की मारक क्षमता 1500 किलोमीटर थी और यह भी हवा में दिशा बदलने की काबिलियत रखती है. 

आयरन डोम कैसे हुआ नाकाम?
इजराइल का आयरन डोम अब तक हमास की आम मिसाइलों और ड्रोन्स को नाकाम कर दिया करता था. लेकिन फत्ताह के साथ वह ऐसा नहीं कर सका. जैसा कि ईरान ने दावा किया था, फत्ताह को मिसाइल डिफेंस सिस्टम भेदने के लिए बनाया गया था. इसका सबसे पहला कारण है कि फत्ताह एक हाइपरसॉनिक बैलिस्टिक मिसाइल है जो ध्वनि की गति की पांच गुना रफ्तार से उड़ती है. 

How does Iron Dome Work
कैसे काम करता है आयरन डोम?

मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि ईरान से पहले सिर्फ अमेरिका, रूस, कोरिया और चीन ही हाइपरसॉनिक बैलिस्टिक मिसाइल बना सके थे. अब फत्ताह के साथ ईरान इस तकनीक के साथ मिसाइल बनाने वाला पांचवां देश बन गया. फत्ताह की तेज रफ्तार की वजह से आयरन डोम के लिए उसे रोकना मुश्किल साबित हुआ.

What is Interceptor Missile
आयरन डोम की इंटरसेप्टर मिसाइल

आम मिसाइलों और ड्रोन के हमलों को जहां निशाने पर पहुंचने में समय लगता है, वहीं फत्ताह को ईरान से तेल अवीव पहुंचने में करीब 12 मिनट का समय लगा. हवा में दिशा बदलने की काबिलियत के कारण भी कई फत्ताह मिसाइल आयरन डोम को भेद सकीं. और मंगलवार रात इजराइल में कई जगहों पर धमाकों की आवाज सुनी गई.   

नहीं मारा गया कोई नागरिक?
इजराइली मीडिया के अनुसार ईरान के इस 200 मिसाइल के हमले में किसी भी नागरिक की मृत्यु नहीं हुई. अब तक इस हमले में हताहतों की संख्या शून्य है, जो हमें हाइपरसॉनिक मिसाइल की तीसरी खासियत की ओर ले जाती है- इसकी सटीकता. ईरान का कहना है कि उसने यह हमला इजराइल के सैन्य ठिकानों और मोसाद पर किया है. सीएनएन की ओर से जारी की गई एक वीडियो में देखा जा सकता है कि ईरान की मिसाइल इजराइल के एक सैन्य ठिकाने पर आकर गिर रही है. 

इजराइल ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि उसे इस हमले में कितना नुकसान हुआ. हालांकि उसने यह जरूर कहा है कि वह ईरान को इस हमले का जवाब देगा. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ईरान ने बहुत बड़ी गलती की है, और उसे इसकी सजा भी भुगतनी होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इजराइल के लिए अपना समर्थन दोहराया है और कहा है कि वे जवाबी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं.