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Israel-Hamas War: हमास के खिलाफ युद्ध में सैनिकों का हौसला बढ़ाने लौटे 95 साल के एज्रा याचिन, खुद रह चुके हैं सिपाही

Israel-Hamas War: इजरायली सैनिकों का हौसला बढ़ाने के लिए युद्ध क्षेत्र में पहुंचे याचिन का कहना है कि हार मत मानो. उन्होंने सैनिकों को बताया कि कैसे उन्होंने यहूदियों की आजादी के लिए जंग लड़ी थी.

Ezra Yachin (Photo: Twitter) Ezra Yachin (Photo: Twitter)

इजरायल और हमास के बीच लड़ाई लगातार जारी है और इस समय में इजरायल के लोग हल तरह से अपने देश के साथ खड़े हैं. सबसे बड़ी प्रेरणा यह है कि हर उम्र के लोग इस संघर्ष में आगे बढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 95 वर्षीय एक इजरायली रिज़र्विस्ट अपने देश को हमास के हमले से लड़ने में मदद करने के लिए मैदान पर लौट आया है और ऐसा करने वाले वह सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन गए हैं. 

खुद करनी होगी अपनी रक्षा 
लेही के पूर्व लड़ाकू सैनिक, एज्रा याचिन को वापस बुलाया गया है ताकि वह आईडीएफ सैनिकों को प्रेरित करें और उन्हें बताएं कि वह अपने बचपन में यरूशलेम में अरब पोग्रोम्स से कैसे बचे थे. मीडिया ने राइफल पकड़े हुए उनकी पुरानी वर्दी में एक तस्वीर साझा की. अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए जब इज़राइल स्वतंत्र नहीं था, याचिन ने कहा कि अंग्रेजों ने "यहूदियों को कई तरीकों से इमीग्रेशन करने से रोका, और इससे भी ज्यादा, उन्होंने वहां रहने वाले अरबों को यहूदियों की हत्या करने से नहीं रोका. 

याचिन ने 2021 के एक साक्षात्कार में कहा था कि इज़राइल में यहूदी समझ गए हैं कि उन्हें अपनी रक्षा खुद करनी होगी और इसलिए उन्होंने भूमिगत संगठन स्थापित किए थे. उनमें से एक लेही संगठन था. याचिन का कहना है कि अंग्रेजों से लड़ना जरूरी था ताकि उनके पास एक ऐसा देश हो जो खुद की रक्षा करने में सक्षम हो. जहां वे देश में स्वतंत्र महसूस करें. 

कभी हार मत मानो 
उन्होंने सैनिकों को बताया कि जिस दिन संयुक्त राष्ट्र ने यहूदी लोगों को इज़राइल में मातृभूमि देने के लिए मतदान किया था, उसके ठीक एक दिन बाद उनके पूरे परिवार को मार डाला गया और यहूदियों की हत्या हुई. तब स्वतंत्रता संग्राम शुरू हुआ था. और अब एक बार फिर यहूदियों की जिंदगी और भविष्य के लिए वह लड़ने को तैयार हैं. उनका सिर्फ एक ही संदेश हैं कि हार मत मानो.