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Israel-Hamas War: दो गुटों में बंटी दुनिया, अमेरिका ने अपने सबसे बड़े नौसैनिक बेड़े USS जेराल्ड फोर्ड को इजराइल के पास भेजा, जानें इसकी खासियत

इजराइल के गाजा पट्टी पर हमले से कई अरब देश गुस्से से उबल रहे हैं. बगदाद समेत कई शहरों में इजराइल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी हो रही है. उधर, यूएस ने इजराइल को गोला-बारूद और हाईटेक हथियारों की खेप भेजनी शुरू कर दी है. इजराइल के पक्ष में कई और देश आ गए हैं.

USS Gerald Ford (Representative Photo-X) USS Gerald Ford (Representative Photo-X)
हाइलाइट्स
  • इजराइल के समर्थन में अमेरिका खुलकर आया आगे

  • पीएम मोदी से नेतन्याहू ने की बात

इजराइल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच जंग जारी है. इस युद्ध में अब तक कई लोग मारे जा चुके हैं. दुनियाभर के देश हमास और इजराइल को समर्थन देने पर बंट चुके हैं. इजराइल के समर्थन में अमेरिका खुलकर मैदान में उतर गया है. उसने अपने सबसे बड़े नौसैनिक बेड़े USS जेराल्ड फोर्ड को इजराइल के पास पूर्वी भूमध्यसागर में भेजा है. आइए जानते हैं इस नौसैनिक बेड़े की खासियत और कौन से देश किस ओर हैं. 

कई अरब देश गुस्से से उबल रहे 
गाजा पट्टी पर इजराइली हमले से कई अरब देश गुस्से से उबल रहे हैं. बगदाद समेत कई शहरों में इजराइल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी हो रही है. गाजा में शांति बहाली के लिए विरोध-प्रदर्शन होने लगे हैं. ईरान के साथ-साथ लेबनान में भी गाजा के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं. इराक, ईरान, मिस्र, सीरिया, तुर्की, लेबनान समेत कई अरब देशों ने इजराइल को चेतावनी दी है. रूस ने भी हमास-इजराइल जंग में एंट्री ले ली है. रूस ने कहा है कि वह फिलिस्तीन के साथ जा सकता है. रूस ने कहा है कि इस जंग को अमेरिका ने शुरू करवाया है. 

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन कर कहा है कि वह उसके साथ खड़े हैं. इतना ही नहीं अमेरिका ने इजराइल को गोले-बारूद और हाईटेक हथियारों की खेप भी भेजनी शुरू कर दी है. इसके अलावा अमेरिका ने अपने सबसे बड़े नौसैनिक बेड़े USS जेराल्ड फोर्ड को पूर्वी भूमध्यसागर (जिसके किनारे पर गाजा पट्टी और इजराइल स्थित है) में भेज दिया है. अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और जर्मनी ने भी इजराइल का समर्थन किया है.

नेतन्याहू ने पीएम मोदी को लगाया फोन 
इजराइल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच जारी जंग के बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा है, इजरायल की वर्तमान स्थिति से अपडेट कराने के लिए मैं इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू को धन्यवाद देता हूं. भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजराइल के साथ मजबूती से खड़े हैं. भारत आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी और स्पष्ट रूप से निंदा करता है.

हमास के हमलों पर क्या बोले थे पीएम मोदी
शनिवार को आतंकी संगठन हमास की ओर से इजराइल पर किए गए हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के साथ एकजुटता व्यक्त की थी. पीएम मोदी ने इसे 'आतंकवादी हमला' बताकर इसकी कड़ी निंदा की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, 'इजराइल में आतंकवादी हमलों की खबर से गहरा सदमा लगा है. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं. इस कठिन घड़ी में हम इजराइल के साथ एकजुटता से खड़े हैं.

ओआईसी ने की इजराइल की जवाबी कार्रवाई की निंदा 
इजराइल-फिलिस्तीन जंग को लेकर सऊदी अरब ने मंगलवार को 57 मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ कोऑपरेशन (ओआईसी) की आपात बैठक बुलाई. ओआईसी ने गाजा के खिलाफ इजराइल की जवाबी कार्रवाई की निंदा की है. ओआईसी ने अपने बयान में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों की अनदेखी के लिए इजराइल जिम्मेदार है. 

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, शनिवार को इजराइल और हमास के बीच जंग जारी होने के बाद गाजा पट्टी के 23 लाख लोगों में से 1.87 लाख लोग बेघर हुए हैं. मुस्लिम देश कतर हमास और इजराइल के बीच महिला कैदियों की स्वैप (अदला-बदली) पर बातचीत करने की कोशिश कर रहा है. मिस्र ने यूएई और सऊदी अरब से इस मुद्दे पर बातचीत की है. इजराइली वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी संगठन हमास के प्रवक्ता ने भी कहा है कि वह इजराइल की जेल में बंद आतंकियों की रिहाई के लिए बातचीत करेगा.

हमास ने 130 से अधिक इजराइली नागरिकों को बनाया था बंधक
रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को घुसपैठ करने वाले हमास के आतंकवादियों ने इजराइल के 130 से अधिक लोगों का किडनैप कर लिया था. किडनैप किए गए लोगों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं. इनमें से कइयों की मौत हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में इजराइली जेलों में 36 फिलिस्तीनी महिलाएं कैद हैं. 

हमास उनकी रिहाई की मांग कर रहा है. आतंकी संगठन हमास के प्रवक्ता अब्देल-लतीफ अल-कानौआ ने सोमवार को समाचार एजेंसी एपी से बात करते हुए कहा, हमास अपने सभी फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई चाहता है. साथ ही वेस्ट बैंक और यरूशलेम में खास तौर पर अल-अक्सा मस्जिद में इजराइली उकसावे को खत्म करना चाहता है.

क्या है अमेरिका की चाल
अमेरिका USS जेराल्ड फोर्ड अपने आप में किसी नौसेना के बराबर है, जिससे निपटना किसी एक देश के बस की बात नहीं है. अमेरिका ने यही संदेश देने के लिए इसे पूर्वी भूमध्यसागर में भेजा है और अपनी सबसे बड़ी फायर पावर को भी इजराइल के पास तैनात करने का फैसला किया है.  पूर्वी भूमध्यसागर में इस बेड़े की तैनाती के पीछे अमेरिका की लंबी चाल है. 

अमेरिका इस एक बेड़े से सीरिया, लीबिया के अलावा, तुर्की और मिस्र को भी अपने रडार पर रख सकेगा. इसके अलावा भूमध्यसागर से ही अमेरिका इजराइल के लिए आसमानी सुरक्षा कवच बन सकेगा. अमेरिका ऐसा पहले ईरान और अफगानिस्तान में भी कर चुका है. ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिकी बेड़े की तैनाती से भूमध्यसागर में खाड़ी युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है.  

USS जेराल्ड फोर्ड की खासियत
1. USS जेराल्ड फोर्ड अमेरिकी नौसेना का एक लड़ाकू विमान वाहक युद्धपोत है, जिस पर तिकोनदेरेगा मिसाइल क्रूजर और आर्लेग ब्रेक के चार मिसाइल डिस्ट्रॉयर तैनात हैं.  
2. USS जेराल्ड फोर्ड पर सेना को रसद सप्लाई करने वाले शिप भी हैं. इसके अलावा पानी के अंदर दुश्मनों की पहुंच रोकने के लिए परमाणु पनडुब्बी भी इस बेड़े में शामिल हैं. 
3. इस बेड़े का वजन एक लाख टन है. USS जेराल्ड फोर्ड न्यूक्लियर पावर से चलता है और दुनिया के किसी भी हिस्से में पहुंच सकता है. 
4. समंदर में इस एयरक्राफ्ट करियर की रफ्तार 56 किलोमीटर प्रति घंटे है. इस पर एक साथ 3000 नौसैनिक तैनात किए जा सकते हैं. 
5. इस विमानवाहक युद्धपोत पर 90 लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं. अभी इस पर सुपर हॉर्नेट और F-35 लड़ाकू जेट विमान तैनात हैं.

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