गाजा पट्टी में इजरायल ने एयर स्ट्राइक के साथ जमीनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है. इस बीच गाजा के लोगों के लिए इजरायल का एक प्लान सामने आया है. इजरायल के खुफिया मंत्रालय ने गाजा पट्टी के 23 लाख लोगों को मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप में शिफ्ट करने का प्रस्ताव तैयार किया है. चलिए आपको बताते हैं कि इजरायल का ये पूरा प्लान क्या है.
गाजा के लोगों को मिस्र में शिफ्ट करने का प्लान-
इस दस्तावेज के मुताबिक गाजा की आबादी को मिस्र के उत्तरी सिनाई शहरों में स्थानांतरित करने, फिर स्थाई शहरों और एक मानवीय गलियारे का निर्माण करने का प्रस्ताव है. विस्थापित फिलिस्तीनियों को फिर से इंट्री को रोकने के लिए इजरायल के अंदर एक सुरक्षा क्षेत्र स्थापित किया जाएगा. हालांकि रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया है कि गाजा से लोगों का विस्थापन करने के बाद उसका क्या होगा.
हालांकि मिस्र के विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है. लेकिन मिस्र ने इस युद्ध के दौरान साफ कर दिया है कि वह फिलिस्तीनी शरणार्थियों की भीड़ को अपने यहां नहीं लेना चाहता है.
इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित करना मकसद-
हमास के इजरायल पर हमले के 6 दिन बाद यानी 13 अक्टूबर का ये दस्तावेज है. यह रिपोर्ट स्थानीय समाचार वेबसाइट में Sicha Mekomit प्रकाशित हुई थी. इजरायल की खुफिया मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में गाजा पट्टी में नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में 3 विकल्प पेश किया था. रिपोर्ट तैयार करने वालों ने गाजा पट्टी से लोगों के विस्थापन को इजरायल की सुरक्षा के लिए सबसे जरूरी बताया है. आपको बता दें कि ये रिपोर्ट एक जूनियर मिनिस्ट्री ने तैयार की है, जो सिर्फ रिसर्च करती है. वो पॉलिसी नहीं बनाती है.
मिस्र ने इजरायल को दिया प्रस्ताव-
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी ने कहा कि गाजा से बड़े पैमाने पर शरणार्थियों की आमद फिलिस्तीनी राष्ट्रवाद को ही खत्म कर देगी. उन्होंने कहा कि इससे आतंकवादियों को सिनाई में लाने का भी जोखिम बढ़ जाएगा, जहां से वे इजरायल पर हमले शुरू कर सकते हैं. इससे दोनों देशों की 1979 की शांति संधि खतरे में पड़ जाएगी. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि मिस्र में भेजने की बजाय इजरायल फिलिस्तीनियों को अपने नेगेव रेगिस्तान में तब तक रखे, जब तक वो अपना सैन्य अभियान खत्म नहीं कर लेता है.
इजरायल के प्लान से डरा मिस्र-
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने खुफिया मंत्रालय की इस रिपोर्ट को एक काल्पनिक अभ्यास करार दिया है. लेकिन इजरायल के इस प्लान ने लंबे समय से चले आ रहे मिस्र के डर को और बढ़ा दिया है कि इजरायल गाजा को मिस्र की समस्या बनाना चाहता है. इस गाजा प्लान ने फिलिस्तीनियों को 1948 के सबसे बड़े आघात की यादें ताजा कर दी हैं. जब इजरायल के गठन के समय संघर्ष की वजह से हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा था.
फिलिस्तीन ने प्लान को नकारा-
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रूडीनेह ने कहा कि हम किसी भी जगह, किसी भी रूप में शिफ्ट होने के खिलाफ हैं. हम गाजा को एक लाल रेखा मानते हैं, जिसे हम हरगिज पार नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि साल 1948 में जो हुआ, वह दोबारा नहीं होने देंगे. रूडीनेह ने कहा कि यह एक नए युद्ध की घोषणा के समान होगा.
ये भी पढ़ें: