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Israel ने लगाया मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान देने पर बैन, विपक्ष ने की कड़ी आलोचना... क्या और देशों में भी हैं ऐसे नियम? 

बेन ग्वीर ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि यह "अनुचित शोर" से निपटने के लिए जरूरी है. दूसरी ओर, इजराइल के विपक्ष ने ग्विर के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि वह देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं.

बेन ग्विर पहले भी ऐसे कानून लाने की कोशिश कर चुके हैं. बेन ग्विर पहले भी ऐसे कानून लाने की कोशिश कर चुके हैं.

इजराइल के धुर-दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्विर ने पुलिस को आदेश दिया है कि मस्जिदों से अज़ान को बैन कर दिया जाए. ग्विर ने कहा है कि इजराइल के यहूदियों को इससे परेशानी होती है. ग्विर ने पुलिस को आदेश दिया है कि अगर किसी मस्जिद में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल होता है तो उसे जब्त कर लिया जाए और मस्जिद प्रशासन पर जुर्माना लगाया जाए. 

क्या है विपक्ष की प्रतिक्रिया? 
बेन ग्वीर ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि यह "अनुचित शोर" से निपटने के लिए जरूरी है. चैनल 12 के साथ एक इंटरव्यू में, उन्होंने कहा कि उन्हें "मस्जिदों और दूसरी जगहों से शोर को रोकने की नीति के साथ आगे बढ़ने पर गर्व है. जो इजराइल के निवासियों के लिए खतरा बन गया है." 

दूसरी ओर, इजराइल के विपक्ष ने ग्विर के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि वह देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. मिडल ईस्ट आई की एक रिपोर्ट के अनुसार, लेबर पार्टी के सांसद गिलाड करिव ने कहा है कि बेन ग्वीर "इजरायल राज्य को खतरे में डाल रहे हैं." 

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दूसरी ओर, फिलिस्तीनी मूल के सांसद अहमद तिबी ने संसद में कहा है कि बेन ग्वीर धार्मिक आधार पर इस इलाके में आग भड़काना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पहले भी मिश्रित शहरों में अज़ान को प्रतिबंधित करने पर कानून लाने की कोशिश हुई है लेकिन हमारा मत इसके विरुद्ध रहा है.  

क्या और भी कहीं हैं ऐसे कानून? 
अपने इस फैसले को सही ठहराते हुए बेन ग्विर ने कहा, "ज्यादातर पश्चिमी देश और यहां तक कि कुछ अरब देश भी शोर को सीमित करते हैं और इस मामले पर कई कानून बनाते हैं." तो क्या अन्य देशों में भी अजान को कानूनी तौर पर बैन किया गया है? 

दरअसल सऊदी अरब, मलेशिया, इंडोनेशिया और जर्मनी जैसे कई देश हैं जहां अज़ान से जुड़े कानून बनाए गए हैं. हालांकि इनमें से ज्यादातर कानून लाउडस्पीकर की क्षमता को कम करने से जुड़े हैं, न कि बैन से. मिसाल के तौर पर, सऊदी अरब में 2021 में कानून बनाया गया था कि मस्जिदें किसी लाउडस्पीकर की आवाज को एक-तिहाई से ज्यादा नहीं बढ़ा सकतीं. जबकि इंडोनेशिया में लाउडस्पीकर की आवाज 100 डेसिबल से ज्यादा नहीं हो सकती है.  

न्यूजीलैंड में अज़ान को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर लाउडस्पीकर के बैन को लेकर कुछ कानून हैं. जिसकी वजह से मस्जिदें लाउडस्पीकर पर अज़ान नहीं दे सकतीं. हालांकि वेलिंगटन की एक मस्जिद को साल में तीन दिन लाउडस्पीकर पर अज़ान देने की इजाज़त है. ये तीन दिन हैं ईद-उल-फित्र, ईद-उल-अज़हा और क्राइस्टचर्च में मस्जिद पर हुए हमले की सालगिरह. 

इसी तरह जर्मनी में अज़ान को लेकर कोई विशेष कानून नहीं है, लेकिन कोलोन (Cologne, Germany) में जब एक मस्जिद का निर्माण हो रहा था तब स्थानीय लोगों ने इसपर विरोध प्रकट किया था. मस्जिद प्रशासन ने वादा किया था कि वे लाउडस्पीकर पर अज़ान नहीं देंगे. हालांकि कुछ समय बाद शहर ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम करते हुए मस्जिद को जुमआ के दिन दोपहर में अज़ान लाउडस्पीकर पर देने की अनुमति दी थी.