गाजा में इजरायल-हमास युद्ध (Israel Hamas War) अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है. इजरायल की सेना हमास के आखिरी गढ़ को ध्वस्त करने उतर गई हैं. गाजा पट्टी के राफा (Rafah) इलाके के पास इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने हमले तेज कर दिए हैं. इजरायल हमास के लड़ाकों की तलाश के लिए गहन तलाशी अभियान में जुटा है. इजरायल फिलिस्तीनियों को राफा छोड़ने को कहा है. सरकार ने अल-मुवासी में फिलिस्तीनियों के लिए राहत शिविर बनाया है. जिसमें सारी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं.
हमास को उखाड़ फेंकना चाहता है IDF
इजरायली सेना गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ सैन्य अभियान चला रही है. इजरायल अपने उन 113 नागरिकों की तलाश कर रहा है, जिनको हमास के हमलावरों ने बंधक बनाया है. IDF गाजा पट्टी के आखिरी किले में तलाशी अभियान चला रही है. राफा को हमास का आखिरी गढ़ माना जा रहा है. आईडीएफ ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि मानवीय क्षेत्रों में लोगों को भेजने के लिए एसएमएस, फोन कॉल और मीडिया से अरबी भाषा में मैसेज भेजे जा रहे हैं. आईडीएफ हमास का पीछा तब तक नहीं छोड़ेगा, जब तक सारे इजरायली बंधक वापस नहीं छूट जाएंगे.
राफा में हमला हुआ तो अमेरिका रोक देगा मदद-
अमेरिका लगातार इजरायल को राफा पर हमले नहीं करने की चेतावनी दे रहा है. अमेरिका ने कहा कि अगर इजरायल की सेना साउथ गाजा में राफा पर ,बड़ा हमला करती है तो अमेरिका हथियारों की आपूर्ति बंद कर देगा. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि मैंने यह साफ कर दिया है कि अगर वे राफा में जाते हैं तो मैं उन हथियारों की आपूर्ति हीं करूंगा, जिनका इस्तेमाल ऐतिहासिक रूप से किया गया है.
राफा में 17 लाख शरणार्थी-
राफा में 17 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनी रह रहे हैं. इसमें से 14 लाख वे लोग हैं, जो उत्तरी गाजा से जान बचाने के लिए राफा गए हैं. इस इलाके में घनी आबादी है. इजरायल ने फिलिस्तीनियों को दूसरे इलाके में जाने का आदेश दिया है. जिसके बाद हजारों नागरिक खान यूनिस की तरफ जा रहे हैं.
फिलिस्तीनियों के लिए कहां की गई है व्यवस्था-
इजरायल की सेना ने गाजा में हमले तेज कर दिए हैं. राफा में सिविलियन्स को नुकसान ना हो, इसके लिए उनको ये इलाके छोड़कर दूसरे इलाके में जाने को कहा गया है. अल-मुवासी में फिलिस्तीनियों के शिविर बनाए गए हैं. जिसमें अस्पताल, तंबू और खाना-पानी की व्यवस्था की गई है. फिलिस्तीनियों को अल-मुवासी में जाने के लिए एसएमएस, फोन कॉल और मीडिया से अरबी भाषा संदेश भेजे जा रहे हैं.
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