फिलिस्तीन की गज़ा पट्टी पर इजराइल की सैन्य कार्रवाई (Israel War on Gaza) के नकारात्मक प्रभाव को लेकर संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इजराइली कार्रवाई के कारण गज़ा का विकास 70 साल पीछे चला गया है. पिछले एक साल में लाखों की तादाद में फिलिस्तीनी गरीबी रेखा से नीचे चले गए हैं.
रिपोर्ट में कैसे हुआ विकास का आंकलन?
यूएन की ओर से मंगलवार को प्रकाशित रिपोर्ट में फिलिस्तीन के विकास को मोटे तौर पर चार मानकों पर आंका गया. पहला देश की कुल अर्थव्यवस्था, दूसरा देश के मानव विकास इंडेक्स (Human Development Index), तीसरा बेरोजगारी और चौथा गरीबी.
अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी- रिपोर्ट के अनुसार गज़ा में इजराइली कार्रवाई का पूरी फिलिस्तीन अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है. फिलिस्तीनी अर्थव्यवस्था एक साल पहले की तुलना में 35 प्रतिशत छोटी हो गई है. बेरोजगारी में अनुमानित 49.9 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है.
मानव विकास- गज़ा के मानव विकास के अहम पहलुओं पर रोशनी डालने वाले मानव विकास इंडेक्स में भी गिरावट देखी गई है. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि यह इंडेक्स 1955 के स्तर तक गिर सकता है. यानी गज़ा में पिछले 69 सालों में हुआ विकास खत्म हो सकता है.
सिर्फ गज़ा ही नहीं, बल्कि इजराइल के कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के मानव विकास इंडेक्स में भी गिरावट देखी गई है. रिपोर्ट के अनुसार वेस्ट बैंक 16 साल पीछे चला गया है. और अगर इजराइली सेना अपने हमले नहीं रोकती तो हालात और ज्यादा बिगड़ सकते हैं.
ग़रीबी- रिपोर्ट में गरीबी के लिए कहा गया कि पूरे फिलिस्तीन में गरीबी दर इस साल लगभग दोगुनी होकर 74.3 प्रतिशत हो जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार, गज़ा पट्टी और कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक सहित फिलिस्तीनी क्षेत्र में कुल मिलाकर 41 लाख लोग अब गरीबी रेखा के नीचे हैं. सिर्फ पिछले साल में ही 26 लाख लोग इस सूचि में शामिल हुए हैं.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
मध्य गज़ा के दीर अल-बलाह से यूएनडीपी (United Nations Development Program) के प्रतिनिधि चिटोस नोगुची ने कहा, "फिलिस्तीन राज्य को अभूतपूर्व स्तर पर झटके का सामना करना पड़ रहा है." समाचार एजेंसी एएफपी ने यूएनडीपी प्रमुख अचिम स्टीनर के हवाले से कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह होने के साथ-साथ गरीबी और रोजगार के नुकसान के रूप में युद्ध का परिणाम "बहुत बड़ा" है.
रिपोर्ट में कहा गया, "इस सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन से यह साफ है कि तबाही के स्तर ने फिलिस्तीन राज्य को उसके विकास पथ के मामले में दशकों नहीं तो कम से कम वर्षों पीछे धकेल दिया है." स्टीनर ने कहा कि अगर युद्ध खत्म होने के बाद हर साल मानवीय सहायता दी जाए तो भी फिलिस्तीनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लौटने में 10 साल से ज्यादा का समय लगेगा.