प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का बस नहीं है. दुनिया भर में तमाम तरह की तबाहियों के कारण कई देशों को काफी नुकसान पहुंचता है. हालांकि जापान में बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा को रोकने के लिए खास तरह का जल प्रबंधन मॉडल है. जापान के टोक्यो शहर में काफी ज्यादा आबादी है. ऐसे में बाढ़ के कारण आने वाली तबाही से वहां काफी नुकसान हो सकता है. लेकिन इस शहर में ऐसी बाढ़ नियंत्रण सुविधाएं हैं जो बाढ़ की आपदाओं को रोकने में मदद करती हैं.
बरसात के पानी को रोक रहा है अंडरवॉटर स्टोरेज
बरसात के मौसम में बाढ़ को रोकने के लिए शहर में एक विशाल भूमिगत जल भंडारण की सुविधा है. टोक्यो मेट्रोपॉलिटन सरकार के एक अधिकारी तत्सुया निशियामा ने कहा, "पूरे शहर में एक टरमैक है, जो बारिश के पानी को मिट्टी में अवशोषित होने से रोकता है. हाल के वर्षों में, लगातार बारिश और आंधी के कारण शहर में भारी जल प्रवाह होता है. इस स्थिति से निपटने के लिए, हमने सीवेज की ट्रंक लाइन में सुधार करके बाढ़ से निपटारे का उपाय खोजा है. जो कि एक टेम्परेरी बेसिस पर बारिश के पानी को इकट्ठा कर लेता है."
क्या है इस सीवर की खासियत?
"वाडा यायोई ट्रंक सीवर" जापान में सबसे बड़ी रेन वॉटर स्टोरेज लाइनों में से एक है. यह 8.5 मीटर के इनर डाईमीटर, 2.2 किलोमीटर की लंबाई और 150,000 टन की भंडारण क्षमता के साथ एक विशाल स्टोरेज सुविधा है. तेज धारा में पानी गिरने से पैदा होने वाले शोर को रोकने के लिए इस सिस्टम में एक "ड्रॉप शाफ्ट" का भी इस्तेमाल किया गया है जो पानी को नीचे की ओर घुमाता और गिराता है ताकि उससे इस सिस्टम के पॉवर को कोई नुकसान ना पहुंचे. यह "वाडा यायोई ट्रंक सीवर" का एक मॉडल है.
तबाही के वक्त काफी काम में आई ये तकनीक
भारी बारिश के समय में जब नदियों का जलस्तर बढ़ता है तो, तो नदी का पानी बाढ़ को रोकने के लिए सीवरों में भर जाता है. लेकिन "वाडा यायोई ट्रंक सीवर" में जाने पर ये पानी जलाशय में भर जाता है. "ड्रॉप शाफ्ट" विधि से पानी का बहाव स्मूथ रहता है. तत्सुया निशियामा ने आगे बताया कि, "2019 में जब पूर्वी जापान में टाइफून आया था तब "वाडा यायोई ट्रंक सीवर" और इसकी ट्यूब में कुल 150,000 टन पानी स्टोर किया था. जिस कारण बाढ़ से काफी राहत मिली थी. जापान सरकार अभी भी लगातार पानी के स्टोरेज को बढ़ाने में लगी हुई है. टोक्यो का सीवेज सिस्टम इस तरह से तैयार किया गया है जो सभी प्रकार की जल आपदाओं को रोकता है और नागरिकों को जीवन सुरक्षा की गारंटी देता है.