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क्यों हंसना-मुस्कुराना भूल चुके हैं जापान के लोग...जानिए क्यों हंसना सीखने के लिए रख रहे हैं Smile Coach

जापान में पिछले कुछ समय से स्माइल ट्यूटर्स की मांग लगातार बढ़ रही है. Egaoiku नाम की ट्यूटर वहां पर काफी समय से लोगों को मुस्कुराना सिखा रही हैं और अब तक उन्होंने 4000 लोगों को इसकी ट्रेनिंग दी है.

Japan people (Representative Image) Japan people (Representative Image)

“हंसो, जीयो, खुश रहो, मुस्कुराओ…क्या पता कल हो ना हो ये डायलॉग फिल्म कल हो ना हो में अमन उर्फ ​​​​शाहरुख खान, प्रीति जिंटा को बोलते हुए नजर आते हैं. फिल्म में प्रीति जिंटा ने नैना का किरदार निभाया था. अगले दिन नैना शीशे के सामने मुस्कुराने की प्रैक्टिस करती है. आपको भले ये सुनने में अजीब लगे लेकिन जापान में वास्तव में लोगों की हालत नैना की तरह हो गई है. कोरोना महामारी की वजह से सालों से चेहरा छुपाने के बाद, जापानी लोग मुस्कुराना भूल गए हैं वे इस कला के लिए 'स्माइल कोच' रख रहे हैं. 

क्या कहती है रिपोर्ट
द गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जापान में स्माइल ट्यूटर्स की मांग में बढ़ोतरी हुई है. "स्माइल एजुकेशन" कंपनी इगाओइकू के एक ट्यूटर केइको कवानो ने जापान स्थित असाही शिंबुन को बताया, "मास्क पहनना जरूरी हो गया था और लोगों के पास मुस्कुराने के कम अवसर थे जिसकी वजह से अधिक से अधिकतर लोग अब मुस्कुराना भूल चुके हैं.

4,000 से अधिक लोगों को मुस्कुराना सिखा चुकी इगाओइकू (Egaoiku) ने कहा कि कोविड-19 प्रतिबंधों में छूट के बाद से उनकी क्लोसेज में 4.5 गुना की वृद्धि देखी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिभागी अपनी मुस्कुराने की प्रैक्टिस करने और अपनी प्रगति की जांच करने के लिए हैंड-हैल्ड मिरर का इस्तेमाल कर रहे हैं. क्लासेज जिनमें ज्यादातर महिलाएं विशेष रूप से चेहरे के तनाव को दूर करने के लिए स्ट्रेचिंग से शुरू होती हैं.

क्या है इसके पीछे का कारण
इससे पहले, जापानी सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि जापान में अनुमानित 1.5 मिलियन कामकाजी उम्र के लोग 'हिकिकोमोरी' से पीड़ित हैं, जो गंभीर सामाजिक वापसी का एक रूप है. इसकी वजह ये थी कि कोरोना की वजह से लोग आइसोलेशन में रहने के लिए मजबूर थे. इस घटना की विशेषता किशोरों और युवा वयस्कों द्वारा होती है जो अपने माता-पिता के घरों में वैरागी हो जाते हैं, महीनों या वर्षों तक काम करने या स्कूल जाने में असमर्थ होते हैं.

जापान ने हाल ही में अपने अधिकांश कोरोनोवायरस सीमा नियंत्रणों को हटा लिया है. लेकिन बाहर निकलने के लिए लोगों को गोल्डन वीक हॉलिडे सीजन के दौरान प्रवेश करने वाले तीन टीकाकरण या पूर्व-प्रस्थान से पहले निगेटिव रिपोर्ट का प्रमाण दिखाना होता है. मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजू मात्सुनो ने कहा कि लक्षणों वाले सभी प्रवेशकों को 8 मई तक आने के बाद भी COVID-19 परीक्षण करने की आवश्यकता होगी, और पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों को क्वारेंटाइन किया जाएगा.