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ट्रेन लेट होने पर कंपनी ने काटे सैलरी से 36 रु. , बदले में ड्राइवर ने मांग लिया लाखों रुपये का मुआवजा

जेआर वेस्ट ने शुरू में उस व्यक्ति पर 85 येन (करीब 55 रुपये) का फाइन लगाया गया था, लेकिन बाद में जब ड्राइवर द्वारा ओकायामा लेबर स्टैंडर्ड्स इंस्पेक्शन ऑफिस (Okayama Labour Standards Inspection Office) में मामला ले जाने के बाद जुर्माना घटाकर 56 येन कर दिया गया.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • जापानी ट्रेन जानी जाती है टाइमिंग के लिए

  • कर्मचारी ने मानसिक पीड़ा के लिए की लगभग 14 लाख रुपये की मांग

  • रेलवे कंपनी ने शख्स की सैलरी से काटे 36 रुपये

दुनियाभर में जापानी ट्रेन अपनी ‘परफेक्ट टाइमिंग’ के लिए जाती हैं. जापानी रेलवे के बारे में कहा जाता है कि अगर कोई चंद सेकंड भी लेट हो जाता है तो उसकी वो ट्रेन छूट जाती है. दूसरे देशों की तरह वहां ट्रेन की देरी का आंकड़ा घंटों में नहीं, कुछ सेकंड या मिनट का होता है. परफेक्ट टाइमिंग की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में ड्राइवर की गलती की वजह से हुई 1 मिनट की देरी के लिए उसकी सैलरी से पैसे काट लिए गए. रेलवे कंपनी ने उस शख्स की सैलरी से 56 येन (करीब 36 रुपये) काट लेने का आदेश जारी कर दिया. 

लेकिन अब इस नोटिस से नाराज होकर जापानी ट्रेन ड्राइवर ने अपने बॉस पर मुकदमा कर दिया है. कर्मचारी ने मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजे में 2.2 मिलियन येन यानि लगभग 14 लाख रुपये की मांग की है. दरअसल, जून 2020 में 1 मिनट की देरी हो जाने पर ट्रेन कंपनी जेआर वेस्ट ने उस व्यक्ति पर जुर्माना लगाया था. 

 कैसे हुई ट्रेन लेट?

जापानी मीडिया के अनुसार, उस व्यक्ति को ओकायामा स्टेशन से ट्रेन लेकर आना था, लेकिन पिछले ड्राइवर के गलत प्लटफॉर्म पर जाने की वजह से उसे देरी हो गयी. जब तक उन दोनों ड्राइवरों को अपनी गलती का एहसास हुआ और वे सही प्लेटफॉर्म पर पहुंचे, तब तक दोनों ड्राइवरों के बीच प्लेटफॉर्म ट्रांसफर में दो मिनट की देरी हो चुकी थी, जिसके कारण ट्रेन के चलने में एक मिनट की देरी हुई.

कंपनी का कहना- ‘नो वर्क, नो सैलरी’ पर लगाया फाइन 

जेआर वेस्ट ने शुरू में उस व्यक्ति पर 85 येन (करीब 55 रुपये) का फाइन लगाया गया था, लेकिन बाद में ड्राइवर द्वारा ओकायामा लेबर स्टैंडर्ड्स इंस्पेक्शन ऑफिस (Okayama Labour Standards Inspection Office) में मामला ले जाने के बाद जुर्माना घटाकर 56 येन कर दिया गया. 

हालांकि, कंपनी का कहना है कि उसने "नो वर्क, नो सैलरी" का नियम लागू किया है, जिसमें किसी कर्मचारी के देर से आने या अस्पष्टीकृत अनुपस्थिति के लिए फाइन लगाया जाता है.

जापानी ट्रेन जानी जाती है टाइमिंग के लिए 

आपको बता दें, जापान की ट्रेन अपनी इसी टाइमिंग के लिए जानी जाती है. 2017 में एक कंपनी ने अपनी ट्रेन के 20 सेकंड पहले स्टेशन छोड़ने के बाद माफी जारी की थी. जापान में अगर कोई ट्रेन पांच मिनट से अधिक की देरी से चलती है, तो यात्रियों को एक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, जिसे अपने ऑफिस में दिखा सकते हैं कि वह लेट क्यों हुए.

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