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जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर पर दुनिया भर में लग सकता है बैन, जानिए कब-कब विवादों में रही है कंपनी

दुनिया भर में जॉनसन एंड जॉनसन के टैल्क बेबी पाउडर की बिक्री रोकने के लिए शेयर होल्डर वोट की तैयारी की जा रही है. लंदन के इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म टुलीपशेयर(Tulipshare) ने इसको लेकर प्रस्ताव भेजा है. यूएस की सिक्योरिटी एक्सचेंज कमेटी(SEC) को भी यह प्रस्ताव भेजा गया है. यह पूछा गया है कि अप्रैल में होने वाली कंपनी की एनुअल मीटिंग से पहले ऐसा कहना सही है या नहीं.

जॉनसन एंड जॉनसन जॉनसन एंड जॉनसन
हाइलाइट्स
  • हिप इम्प्लांट सर्जरी को लेकर रहा है विवाद

  • कोरोना वैक्सीन को लेकर भी उठे थे सवाल

हेल्थ केयर कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन एक बार फिर विवादों में है. इसके टैल्क पाउडर की बिक्री पर दुनिया भर में रोक लग सकती है. अमेरिकी रेग्युलेटर्स ने काफी पहले ही यह दावा किया था कि बेबी पाउडर में कैंसर पैदा करने वाले तत्व मिले हैं. अमेरिका और कनाडा में कंपनी पहले ही इस प्रोडक्ट को बचेना बंद कर चुकी है. जब यह खुलासा हुआ तब कंपनी के खिलाफ 34 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए थे और इसकी बिक्री में जबरदस्त गिरावट आई थी.

गार्डियन में एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में जॉनसन एंड जॉनसन के टैल्क बेबी पाउडर की बिक्री रोकने के लिए शेयर होल्डर वोट की तैयारी की जा रही है. लंदन के इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म टुलीपशेयर(Tulipshare) ने इसको लेकर प्रस्ताव भेजा है. यूएस की सिक्योरिटी एक्सचेंज कमेटी(SEC) को भी यह प्रस्ताव भेजा गया है. यह पूछा गया है कि अप्रैल में होने वाली कंपनी की एनुअल मीटिंग से पहले ऐसा कहना सही है या नहीं.

टैल्क क्या है?
टैल्क दुनिया का सबसे सॉफ्ट खनिज(mineral) है और कई देशों में इसका खनन होता है. पेपर, प्लास्टिक और फार्मास्यूटिकल कंपनी में इसका बहुत इस्तेमाल होता है. कई बार टैल्क में एसबस्टस मिला होता है जिससे कैंसर का खतरा होता है.

पूरे विवादों को लेकर जॉनसन एंड जॉनसन ने इस बात से इनकार किया है कि उनका पाउडर नुकसानदायक है. कंपनी का कहना है कि उन्होंने नॉर्थ अमेरिका से अपने प्रोडक्ट को इसलिए हटा लिया था क्योंकि इसकी खरीद में गिरावट आई थी. कंपनी का यह भी कहना है कि इसके पीछे वजह प्रोडक्ट की सेफ्टी को लेकर हर जगह भ्रामक जानकारियां फैलाई गई थी. कंपनी के एक प्रवक्ता का कहना है कि टैल्क के इस्तेमाल से कैंसर जैसी किसी बीमारी की खतरा नहीं है.

पहले भी विवादों में रही है कंपनी
ये पहली बार नहीं है जब जॉनसन एंड जॉनसन विवादों में है. इससे पहले भी यह कंपनी विवादों में रह चुकी है. साल 2018 में यह कंपनी हिट इम्प्लांट सर्जरी की वजह से विवादों में रही थी. इसको लेकर लोगों ने काफी शिकायत थी. तब बताया गया था कि जॉनसन एंड जॉनसन ने भारतीय नियामक को इस बात की सूचना नहीं दी थी कि कंपनी के हिप इम्प्लांट से ऑस्ट्रेलिया में कई मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यह जानकारी भी कंपनी ने 2009 में नया लाइसेंस लेते वक्त नहीं दी कि उसके हिप इम्प्लांट के मरीजों को दुनियाभर में दिक्कत हो रही है.

कोरोना वैक्सीन को लेकर भी उठे थे सवाल
जॉनसन एंड जॉनसन कोरोना वैक्सीन का भी उत्पादन करती है. अमेरिकी सरकार ने इसे पिछले साल जांच के लिए टीको को रोक दिया था. तब यह शिकायत आई थी कि वैक्सीन लेने के बाद शरीर में खून के थक्के जम रहे हैं. दो हफ्ते में शरीर में ऐसा रिएक्शन सामने आ रहा था. बाद में इस पर से रोक हटा दी गई. भारत में भी अब इसका टीका लग रहा है.