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तीसरी पास अरबपति Sok Kong की कहानी जानिए, जो बनवा रहे हैं Lord Buddha की सबसे ऊंची मूर्ति

Business Tycoon Sok Kong: कंबोडिया के अरबपति सोन कॉन्ग ने भगवान बुद्ध की 108 मीटर ऊंची मूर्ति बनवाने का ऐलान किया है. सरकार से इसकी मंजूरी भी मिल गई है. सोन कॉन्ग तीसरी पास हैं. लेकिन कंबोडिया के टॉप 2 बिजनेसमैन में शामिल हैं.

कंबोडिया के बिजनेस टाइकून सोक कॉन्ग की कहानी कंबोडिया के बिजनेस टाइकून सोक कॉन्ग की कहानी
हाइलाइट्स
  • कंबोडिया में बनेगी भगवान बुद्ध की 108 मीटर ऊंची मूर्ति

  • मूर्ति का निर्माण करा रहे हैं बिजनेसमैन सोक कॉन्ग

कंबोडिया में भगवान बुद्ध की सबसे ऊंची मूर्ति बनने जा रही है. सरकार ने भी इसकी इजाजत दे दी है. ये मूर्ति 108 मीटर ऊंची होगी. जबकि इसको बनाने के लिए 331 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी है. जो शख्स इस मूर्ति का निर्माण करा रहा है, वो कंबोडिया का बड़ा बिजनेसमैन है. बिजनेस टाइकून सोक कॉन्ग भगवान बुद्ध की सबसे ऊंची मूर्ति का निर्माण करा रहे हैं. इस मूर्ति का निर्माण बोकोर की पहाड़ियों में किया जाने वाला है. Khamer Times की रिपोर्ट के मुताबिक कंबोडिया की सरकार ने मूर्ति निर्माण के प्रोजेक्ट को मंजूर कर लिया है.

कैसी होगी भगवान बुद्ध की मूर्ति-
भगवान बुद्ध की मूर्ति सुनहरे रंग की होगी. जबकि इसके चारों तरफ छोटे-छोटे टॉम्ब होंगे. मूर्ति तक जाने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करना पड़ेगा. उस जगह से पूरा शहर देख सकते हैं. मूर्ति की तस्वीर अरबपति सोक कॉन्ग ने जारी की है. सोक कॉन्ग ने मूर्ति बनाने के लिए क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है.

कौन हैं अरबपति सोक कॉन्ग-
सोक कॉन्ग कंबोडिया के बिजनेस टाइकून हैं. वो सोकिमेक्स इन्वेस्टमेंट ग्रुपक के संस्थापक हैं. सोकिमेक्स कंबोडिया के सबसे बड़े बिजनेस समूहों में से एक है. सोक कॉन्ग और किथ मेंग को देश के दो सबसे बड़े बिजनेसमैन के तौर पर जाना जाता है.

तीसरी पास हैं सोक कॉन्ग-
सोक कॉन्ग का जन्म कंबोडिया के प्री वेंग प्रांत में पैदा हुए थे. उनका जन्म एक खमेर परिवार में हुआ था. उनके माता-पिता वियतनामी हैं. सोक की पढ़ाई-लिखाई कुछ खास नहीं हुई है. वो सिर्फ तीसरी तक की पढ़ाई कर पाए. साल 1975 में सोक कॉन्ग खमेर राष्ट्रीय सुरक्षा बल में शामिल हो गए थे. सोक कॉन्ग वियतनाम भाग गए थे. हालांकि कुछ साल बाद फिर वापस लौट आए थे. 

सोक के परिवार में कौन-
बिजनेस टाइकून सोक कॉन्ग का पूरा परिवार है. वो शादीशुदा हैं. उनके 6 बच्चे हैं. जिसमें 3 लड़के और 3 लड़कियां है. बोकोर पहाड़ पर उनका शानदार घर है, जो किसी महल से कम नहीं है.

कैसे शुरू किया बिजनेस-
साल 1980 में सोक कॉन्ग ने सिर्फ 100 अमेरिकी डॉलर से अपने कारोबार की शुरुआत की थी. उन्होंने सबसे पहले कंबोडिया को फ्यूल सप्लाई करने का काम शुरू किया. इसके बाद उन्होंने बाइक और प्लास्टिक टायर बनाने में वाले रबर की मैन्युफैक्चरिंग और प्रोसेसिंग का काम छोटे पैमाने पर शुरू किया. सोक कॉन्ग ने रबर मिल लगाई और पुराने टायरों से सैंडल बनाने का काम शुरू किया. इसके लिए उन्होंने सरकार से करार भी किया. 90 के दशक में सोक पेट्रोलियम कारोबार में उतरे और बड़े बिजनेसमैन बन गए. धीरे-धीरे उन्होंने खमेर सरकार को सैन्य वर्दी, खाना और दवाइयों की आपूर्ति करने लगे. 

सोक कॉन्ग बन गए बिजनेस टाइकून-
साल 1988-1989 में कंबोडिया से वियतनामी सेना हट गई. लेकिन कंबोडियाई सेना ने सोक कॉन्ग से कपड़े और सामानों की आपूर्ति जारी रखी. साल 1990 तक कॉन्ग की पूंजी एक लाख डॉलर हो गई. धीरे-धीरे सोक के कारोबार का दायरा बढ़ता गया. साल 1996 में सोक की कंपनी ने तेल कंपनी कॉम्प्रैग्री कम्पुचिया डेस कार्बुरेंट्स को 10.6 मिलियन डॉलर में खरीद लिया. जब कंबोडिया में तख्तापलट हुआ तो सोक की ताकत और बढ़ गई और उनका बिजनेस तेजी से बढ़ने लगा. धीरे-धीरे सोक ने पर्यटन उद्योग, परिधान कारखानों से लेकर आवास विकास तक के क्षेत्र में हाथ आजमाया.

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