दक्षिण कोरिया में सत्ता परिवर्तन हुआ है. यूं सुक योल देश के नए राष्ट्रपति बने हैं. 60 साल के योल ने 48.6 फीसदी वोट हासिल किया और राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया. जबकि योल के प्रतिद्वंदी डेमोक्रेटिक पार्टी के ली जे-म्युंग को 47.8 फीसदी वोट मिले. अपने शपथ ग्रहण समारोह में योल ने उत्तर कोरिया से बातचीत की वकालत की. उन्होंने कहा कि परमाणु खतरों से निपटने के लिए उत्तर कोरिया से बातचीत के दरवाजे खुले रहेंगे. यूं सुक योल ने आधी रात को अपने कामकाज की शुरुआत की. उन्होंने अपना पहला काम बंकर से शुरू किया.
किम जोंग पर नरम पड़े योल-
नए राष्ट्रपति यूं सुक योल हमेशा से उत्तर कोरिया के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार करते रहे हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद योल का रूख नरम दिखाई दिया. उन्होंने परमाणु परीक्षण संबंधी चिंताओं को लेकर उत्तर कोरिया से बातचीत की वकालत की. हालांकि ये देखना होगा कि उत्तर कोरिया उनके प्रस्ताव को स्वीकार करता है या नहीं. चुनाव प्रचार के दौरान योल ने कहा था कि नॉर्थ कोरिया के हमले से बचने के लिए हम पहले उस पर अटैक कर सकते हैं.
कौन हैं यूं सुक योल-
यूं योल साल 2019 से 2021 तक दक्षिण कोरिया में प्रोसीक्यूर जनरल रहे हैं. योल ने सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई की. अपने करियर की शुरुआत एक वकील के तौर पर की थी. पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे और ली मायुंग-बक को दोषी ठहराने में योल की महत्वपूर्ण भूमिका रही. साल 1982 में अनिसोमेट्रोपिया के कारण यूं योल को नेशनल सर्विस से छूट दी गई. हालांकि इस बीमारी की वजह से उनको ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिला. अब तक यूं योल के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है.
9 साल तक कानून का पेपर नहीं कर पाए पास-
यूं योल ने बार एग्जाम का पहला पेपर पास कर लिया. लेकिन दूसरे पेपर में फेल हो गए. वो 9 साल तक इसमें पास नहीं हो पाए. उनके फेल होने की वजह साफ पता नहीं है. लेकिन माना जाता है कि आर्मी जनरल चुन डू-ह्वान के खिलाफ मॉक ट्रायल की वजह से वो फेल हुए. आखिरकार साल 1991 में यूं योल ने कानून की पढ़ाई पूरी की.
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